उत्तराखंड में नई सरकार आने से पहले ही केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने की तैयारी में कई अफसर

वैली समाचार, देहरादून। 

उत्तराखंड में नई सरकार आने से पहले ही आधा दर्जन आईएएस और आईपीएस अधिकारियों ने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने की तैयारी कर दी है। इसे लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही है। कुछ नौकरशाह जो धामी सरकार के करीबी रहे, वह नई सरकार आने से कुछ असहज दिख रहे हैं। ऐसे में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाना ही उचित समझ रहे हैं। इसके अलावा केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर गए कुछ आईएएस और आईपीएस अधिकारी समय पूरा होने पर लौटने की तैयारी कर रहे हैं।

विधानसभा चुनावों के बाद जहाँ राजनीतिक दल अपने अपने नफा नुकसान के आंकलन में व्यस्त हैं तो अफसर भी नई तैनाती विशेषकर कर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति में जाने की तैयारी में है। मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव व सीनियर आईएएस अफसर आनंद वर्धन ने भी केंद्रीय तैनाती पर भारत सरकार में जाने का मन बना लिया है। इसी क्रम में राज्य सरकार से उन्हे एनओसी भी मिल गई है। अब केंद्र से तैनाती आदेशों का इंतजार है । इसी क्रम में 1997 बैच के आईएएस अफसर प्रमुख सचिव आर के सुधांशु व 1999 बैच के आईएएस सचिव अमित सिंह नेगी भी केंद्रीय प्रतिनिय़ुक्ति पर इच्छानुसार तैनाती के इंतजार में है। सूत्रों की मानें तो सुधांशु सिविल एवियशन अथवा स्वास्थ्य महकमे में अपनी सेवा देना चाहते है। ज्बकि सचिव अमित सिंह नेगी को वित्त महकमे की अच्छी समझ है लिहाजा वो वित्त विभाग के लिये प्रयासरत है।वहीं उत्तराखंड में कई जिलों के डीएम व सचिव आबकारी रह चुके 2003 बैच के आईएएस अफसर सचिन कुर्वे मुंबई में एक पद जो कि केंद्रीय तैनाती का है वा रिक्त चल रहा है वहाँ तैनाती चाहते है। उत्तराखंड कैडर के दो आईएएस अफसर जल्द ही कैडर में वापसी कर रहे है इसमें श्रीधर बाबू अद्दाकी व राधव लंगर के नाम शामिल है। सूत्रों की मानें तो दोनो अफसर अपनी प्रतिनियुक्ति अवधि पूर्ण कर चुके है।  राज्य में 2005 बैच के पीसीएस अफसरों का प्रमोशन लेकर चला आ रहा विवाद खत्म हो चुका है लिहाजा अब सरकार के पास जिलाधिकारी से लेकर प्रभारी सचिव तैनाती करने में अफसरों का टोटा नही रहने वाला है। वहीं नौकरशाही में मुख्य सचिव एसएस संधु को लेकर अलग अलग अटकलें लगाई जा रही है। सीएम धामी के साथ केंद्रीय एनएचआई चैयरमैन से उत्तराखंड में आकर मुख्य सचिव बने तेज तर्रार व ईमानदार अफसरो में शुमार  संधु क्या राज्य में रहेंगें या वो भी केंद्रीय तैनाती पर जायेंगे इस पर भी सभी की निगाहें लगी हुई है।

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