दिल्ली के केजरीवाल स्कूल मॉडल को उत्तराखंड के इन शिक्षकों ने दिखाया आईना
-चोपता चमोली में शिक्षकों ने लॉक डाउन में तैयार किया शिक्षा का मंदिर
-रंगाई-पुताई के साथ स्कूल को दिया आकर्षक लुक, सोशल मीडिया के खूब वायरल हुआ चित्र
वैली समाचार, चमोली।
उत्तराखंड में चुनावी विसात बिछाने से पहले शिक्षा की बदहाली को मुद्दा बना रहे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पार्टी को चोपता के शिक्षकों ने आईना दिखा दिया है। जिस तरह से आम आदमी पार्टी(आप) सोशल मीडिया पर उत्तराखंड के बदहाल स्कूल और दिल्ली के मॉडल स्कूलों की वीडियो क्लिपिंग और फ़ोटो वॉयरल कर प्रचार कर रही है, उसको एक स्कूल के शिक्षकों ने जोर का झटका दे दिया है। अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के समन्यवक जगमोहन चोपता ने अपने फेसबुक वॉल पर चमोली जिले के नारायणबगड़ स्थित राजकीय प्राथमिक मॉडल स्कूल चोपता की तस्वीर शेयर की है, वह हर किसी को आकर्षित कर रही है। इस स्कूल की फ़ोटो और जानकारी ने दिल्ली के पॉश इलाकों के सरकारी स्कूलों को भी आईना दिखा दिया है। इस स्कूल की फ़ोटो सोशल मीडिया से लेकर ऑनलाइन पोर्टल पर खूब वॉयरल हो रही है। खासकर सोशल मीडिया में आप के दिल्ली और उत्तराखंड के स्कूलों की तुलना को लेकर प्रचारित प्रचार को अब राज्य के शिक्षक इस पोस्ट को पेश कर जवाब दे रहे हैं।
13 घण्टे में 500 ने किया पसंद
जगमोहन चोपता की इस पोस्ट पर नज़र पड़ते ही खूब लाइक्स, कमेंट और शेयर मिल रहे हैं। सिर्फ 13 घण्टे में 500 से ज्यादा लाइक्स, 250 कॉमेंट, 50 से ज्यादा शेयर मिल गए हैं। इसके अलावा कई न्यूज़ पोर्टल ने भी इस पोस्ट को हाथोंहाथ लिया है।
(जगमोहन चोपता की फेसबुक वॉल से )
एक प्यारा सा स्कूल!
कोविडकाल में यूं बनठन कर खड़ा है आशाओं से भरपूर एक प्यारा सा स्कूल। कह रहा हो जैसे कि मैं तो तैयार हूं भई कहां हैं हमारे बच्चे, स्कूल की घण्टी, शिक्षक-शिक्षिकाएं, भोजनमाताएं। इक दम सा क्यूट! जब सब तरफ कोविड-कोविड चल रहा है ऐसे में माॅडल स्कूल चोपता के शिक्षक साथी अपनी धुन में लगे थे इसको सजाने के लिये। इस सबके लिये कभी मिस्त्री को बुलाने तो कभी पेंटर को मनाने, बीच-बीच में बिलों की फाइल तैयार कर आगे के काम के लिये रकम जुटाने। भई ये सब आसान तो न है, लेकिन बेहतर करने का मन बना चुके शिक्षकों, समुदाय और सहयोग करने वाले अधिकारियों के लिये इत्ता कठिन भी न है।
हां जी! माॅडल स्कूल चोपता के शिक्षकों और समुदाय ने बढ़िया सा बना दिया स्कूल को। देखकर ही मजा आ रहा है। स्कूल में भरपूर पुस्तकालय है, प्रोजेक्टर है, बैठने की शानदार व्यवस्था है, सभी विषयों के अध्यापक हैं तो अब तो सच में हो गया माॅडल स्कूल। अब बच्चों के सीखने-सिखाने की प्रक्रियाओं को और बेहतर करने की बारी है। ताकि हर बच्चा भाषा-गणित-परिवेशीय अध्ययन की गहरी समझ बनाने के साथ ही उसको प्रकटीकरण भी कर पा रहा हो। बच्चों को संवैधानिक मूल्यों से लबरेज बनाने के लिये समुदाय के संदर्भ व्यक्यिों को आमंत्रित करना, बच्चों को समुदाय में सीखने-समझने ले जाना, विद्यालय स्तर पर दीवार अखबार और पत्रिका का प्रकाशन, बच्चों को अधिकाधिक भाषाओं में पत्र लेखन के कौशल से भरपूर आदि को लेकर योजना बनाने और उसको पूरा करने के लिये समुदाय और अन्य सहयोगियों को साथ लेने की जरूरत होगी।
ताकि जब कोरोना से जीवन सामान्य हो रहा हो तो हमारे बच्चों को सीखने-समझने के लिये भरपूर तैयारी से युक्त टीम तैयार हो। और फिर आगामी वर्षों में विद्यालय के भवन के साथ-साथ बच्चों के सीखने का भी उत्सव मनाया जा सके। ऐसी कामनाएं हैं गुरूजी। बाकी तो आपको ढेर सारी बधाई व धन्यवाद बल।
इन शिक्षकों को सल्यूट
इस नेेेक काम के लिये शिक्षक नरेन्द्र सिंह भण्डारी, परमानंद सती, गजेन्द्र सिंह नेगी, अंजली रतूड़ी, समुदाय शिक्षिका मीनाक्षी रावत, भोजनमाता गीता देवी व सुशीला देवी, एसएमसी अध्यक्ष यशवंत रावत, खुशहाल सिंह टोलिया उपशिक्षा अधिकारी और समग्र शिक्षा अभियान के समन्वयक नरेन्द्र सिंह खत्री व जिला शिक्षा अधिकारी प्रारम्भिक शिक्षा हल्दयानी जी को भी बहुत के बेहतर समन्वय और सहयोग से स्कूल की यब सूरत सामने आई है। वास्तव में उत्तराखंड के इन शिक्षकों को सल्यूट बनता है।