कैन्ट बोर्ड की चुप्पी पर देहरादून डीएम की बड़ी कार्रवाई, एटीएम पर सील और सीज की कार्रवाई
-गढ़ी कैन्ट क्षेत्र के प्रेमनगर में प्रशासन की टीम ने की बड़ी कार्रवाई
– बंद पड़ी फैक्ट्री में चल रहा था खनन और प्लाटिंग का खेल
– एक जेसीबी व दो डंपर किए सीज, भारी मात्रा में खनन सामग्री सील
वैली समाचार, देहरादून।
गढ़ी कैन्ट क्षेत्र के प्रेमनगर स्थित अमिताभ टैक्सटाइल मिल (बंद पड़ी फैक्ट्री) की जमीन पर नियम विरुद्ध प्लाटिंग और अवैध खनन पर जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। कई दिनों से जिस प्रकरण पर कथित तौर पर गढ़ी कैन्ट बोर्ड ने चुप्पी साध रखी थी, उस पर प्रशासन ने कार्रवाई कर कैन्ट बोर्ड को कायदे कानून की याद दिला दी है। प्रशासन ने यहां भारी मात्रा में अवैध खनन सामग्री और परिसर को सील कर दिया है। जबकि अवैध खनन और प्लाटिंग में लगी जेसीबी, डंपर आदि को सीज कर दिया है। साथ ही एटीएम (अमिताभ टेक्सटाइल मील) से जमीन, खनन और प्लाटिंग से जुड़े दस्तावेज भी तलब करने के निर्देश दिए हैं।
प्रेमनगर क्षेत्र के आईएमए के सामने वर्षों से अमिताभ टेक्सटाइल मील बंद पड़ी है। यहां जमीन और भूमि परिवर्तन का मामला पहले से विवादों में है। इस पर पहले से कोर्ट और जिला प्रशासन ने कैन्ट बोर्ड को समय समय पर निर्देश जारी हो चुके हैं। बावजूद लॉक डाउन का फायदा उठाते हुए यहां कुछ लोग बंद फैक्ट्री के भवनों को ध्वस्त कर अवैध प्लाटिंग और खनन में जुटे हैं। स्थानीय पुलिस और कैन्ट बोर्ड के नाक के नीचे यह गतिविधयां संचालित हो रही थी। गत दिनों इसकी शिकायत देहरादून के डीएम आशीष श्रीवास्तव को मिली। डीएम ने एसडीएम ,तहसीलदार को टीम गठित कर यहां छापेमारी की कार्रवाई के निर्देश दिए। इस पर प्रशासन की टीम सोमवार देर रात यहां छापेमारी को गई। मौके पर एक जेसीबी, दो डंपर काम करता पाया गया। मशीनरी सीज करने के बाद टीम मंगलवार को पुनः खनन सामग्री और प्लाटिंग की पैमाइश करने पहुंची। तहसीलदार दयाराम ने बताया कि मौके पर भारी मात्रा में खनन सामग्री बरामद हुई है। खनन टीम ने परिसर में कई ट्रक खनिज सामग्री (रेत, बजरी, पत्थर आदि) डंप किए गए थे। इस स्थिति को देखते हुए पूरे परिसर को सील कर दिया गया है। खनन सामग्री पर रॉयल्टी वसूल किए जाने के साथ जुर्माना लगाने को आंकलन किया जा रहा है।
कैन्ट बोर्ड की हल्की कार्रवाई पर उठ रहे सवाल
गढ़ी कैन्ट क्षेत्र के प्रेमनगर में अमिताभ टेक्सटाइल मील लम्बे समय से विवादों में चल रही है। कई बीघा जमीन को खुर्द-बुर्द करने को लेकर यहां जमीन के सौदागरों और कैन्ट बोर्ड की नजरें लगी हुई हैं। कुछ समय पहले यहां अवैध प्लाटिंग को लेकर कैन्ट बोर्ड ने ही डीएम को पत्र लिखा था। एक सप्ताह पहले कैन्ट बोर्ड के संज्ञान में अवैध प्लाटिंग और खनन की जानकारी आई थी। उस दौरान मशीनें सीज न करना और परिसर को सील न करना बड़ा सवाल खड़ा करता है। यहां कैन्ट बोर्ड ने मुख्य गेट पर तो ताला लगा दिया लेकिन बाउंड्री वाल टूटी होने से बंद गेट में काम करने की जैसी पूरी छूट दे दी। यदि कैन्ट बोर्ड पहले ही इस परिसर को सील कर देता तो शायद आज प्रशासन की कार्रवाई से फजीहत न झेलनी पड़ती। बहरहाल कैन्ट बोर्ड के पास अभी भी मौका है कि इस जमीन पर संचालित अवैध गतिविधियों का आंकलन कर कानूनी कार्रवाई अमल में लाएं।
कैंट बोर्ड को मिलता अच्छा राजस्व
यह फैक्ट्री देहरादून कैंट बोर्ड के क्षेत्र में पड़ती है। फैक्ट्री के भवन से बोर्ड को अच्छा खासा राजस्व भवन कर के रूप में मिलता है। इससे बोर्ड को अच्छी आमदनी होगी, जो प्लाटिंग से नहीं हो सकती है। लेकिन आखिर वह कौंन लोग हैं, जिनके लिए कैन्ट बोर्ड मामले में लचीलापन अपना रहा है।
पीसीबी के संज्ञान में मामला
इस जमीन पर बड़ी संख्या में हरे पेड़ हैं। कुछ पेड़ पहले ही अवैध तरीके से काट दिए थे। शेष पेड़ के लिए प्रस्ताव बोर्ड बैठक में लाया था। करीब 40 पेड़ों को कटान का प्रस्ताव लाया गया। लेकिन पीसीबी ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। यही नहीं, कुछ समय से इस भवन को प्लॉटिंग के लिए तोड़े जाने की शिकायत मिल रही थी। जब बोर्ड के अधिकारियों के से स्तर से कार्रवाई नहीं की गई तो बोर्ड अध्यक्ष (सैन्य अधिकारी) को भी शिकायत की गई। तब जाकर दो-तीन दफा भवन तोडऩे की कार्रवाई पर रोक लगाई गई।हालांकि, इसके बाद भी भवन का अधिकांश हिस्सा ध्वस्त किया जा चुका है।
इस मामले में मेरे द्वारा पहले ही सीईओ को कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए। कैन्ट की टीम ने मौके पर जाकर यहां कुछ कार्रवाई की थी। सील क्यों नहीं किया, यह गंभीर मसला है। अब प्रशासन की टीम ने सील की कार्रवाई की, सीईओ से पूरे प्रकरण की रिपोर्ट मांगी जाएगी। किसी भी सूरत में गलत काम बर्दस्त नहीं किया जाएगा।
एसएन सिंह, पीसीबी गढ़ी कैन्ट देहरादून।