उत्तराखंड में कानून बनने के बाद लव जिहाद का पहला मुकदमा दर्ज

-उत्तराखंड में धर्म स्वतंत्रता अधिनियम में पहला मुकदमा पटेलनगर में दर्ज

वैली समाचार, देहरादून। 

देहरादून जिले में पटेनलनगर कोतवाली क्षेत्र में धर्म बदलकर शादी रचाने के मामले में युवक, युवती, मौलवी सहित चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। उत्तराखंड में लव जेहाद का ऐसा पहला मामला है। चारों के खिलाफ धर्म स्वतंत्रता अधिनियम में मुकदमा दर्ज किया गया है।
पुलिस के मुताबिक समीर अली पुत्र बाजिद अली निवासी नयानगर मेहूवाला माफी ने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी। इसमें उसने सुरक्षा की मांग की थी। इस पर उच्च न्यायालय ने देहरादून के जिलाधिकारी को जांच के लिए आदेश दिए। इस पर जिले की पुलिस को जांच सौंपी गई। जॉंच में पाया गया कि समीर अली पुत्र वाजिद अली निवासी नयानगर वार्ड न0-11 मेंहवाला माफी थाना पटेलनगर देहरादून की मुलाकात करीब एक-डेढ़ साल पहले एक युवती से हुई। वह सीमाद्वार बसन्त बिहार क्षेत्र में रहती थी। जो रुद्रप्रयाग जिले की मूल निवासी थी।  बताया गया कि ट्यूशन पढ़ने के दौरान हुई ये मुलाकात प्रेम में बदल गई। तब युुुुुवती की उम्र 19 व समीर की उम्र 21 साल थी। दोनों बालिग थे। इस पर दोनों मुफ्ती सलीम काजी के पास गए। जहां सलीम काजी ने बगैर किसी दस्तावेज के युवती का नाम बदल कर सना कर दिया। साथ ही उसका धर्म परिवर्तन करते हुए 28 सिंतबर को दोनों की शादी कर दी। शादी के दौरान समीर का फूका शौकीन भी मौजूद था।
क्षेत्राधिकारी सदर की जांच से पाया गया कि समीर अली, युवती , मुफ्ती सलीम काजी और युवक का फूफा शौकीन ने उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता अधिनियम 2018 का पालन नहीं किया। इस पर चारों के खिलाफ थाना पटेलनगर पर में उत्तराखंड धर्म
स्वतंत्रता अधिनियम 2018 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

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