उत्तराखंड के शिवालयों में उमड़ी शिव भक्तों की भीड़

(उत्तरकाशी में शिवरात्रि पर शिवरात्रि पर शामिल हुए जनप्रतिनिधि)

-गढ़वाल और कुमाऊं मंडल के मंदिरों में सुबह से जलाभिषेक को जुटे श्रद्धालु

-सुख, समृद्धि और शांति की कामना कर मांगी मन्नतें, शिव बारात में झूमे लोग

देहरादून। राज्य में महाशिवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान गुरुवार रात से ही शहर से गांव तक शिवालयों में दर्शन को भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। शिव मंदिरों में भक्तों की लंबी लाइनें लगी रहीं। बारिश के बाद ठंड की परवाह न करते हुए श्रद्धालुओं में भोले को जलाभिषेक करने का भारी उत्साह दिखा।

उत्तराखंड में महाशिवरात्रि के पर्व पर शिवभक्त ब्रह्म मुहर्त से शिवालयों में उमड़ गए थे। इस दौरान भक्तों ने शिवलिंग पर जल और दूध का अभिषेक कर भगवान शिव की स्तुति की । महाशिवरात्रि के पर्व होने कारण सुबह से ही मंदिरों और परिसरों में भारी भीड़ जुटने लगी थी। उत्तरकाशी के काशी विश्वनाथ, कालेश्वर, तपकेश्वर, नालेश्वर, भास्करेश्वर, समेत अन्य शिवालयों में जलाभिषेक को भक्तों को खासी मशाक्त करनी पड़ी। इधर, चमोली के गोपीनाथ, नरसिंघ देवता, पांच प्रयाग, रुद्रप्रयाग, पौड़ी गढ़वाल, टिहरी, रिषिकेश, विकासनगर से लेकर कुमाऊं तक के सभी शिवालयों में हर हर बमबम की आवाजें गूंजती रही। इधर, हरिद्वार से गंगा जल लाने वाले कांवड़ियों और व्रत रखने वालों ने ओम नम: शिवाय और बम बम भोले के उद्घोष के साथ रुद्राभिषेक किया। मंदिर बम बम भोले, हर हर महादेव के जयकारों से वातावरण गूंजते रहे। भक्तों ने भोले को पंचामृत, फूल व बेलपत्र अर्पित कर सुख समृद्धि की कामना की।

रात नौ बजे से जलाभिषेक के लिए उमड़े श्रद्धालु 

महाशिवरात्रि पर गढ़ी कैंट स्थित श्री टपकेश्वर महादेव मंदिर में जलाभिषेक के लिए बृहस्पतिवार रात नौ बजे से शिवभक्त पहुंचने शुरू हो गए थे। कुछ ही देर में श्रद्धालुओं की लंबी लाइनें लग गई। मध्यरात्रि 12 बजे मंदिर में भगवान शिव का रुद्राभिषेक होने के बाद भक्तों के जलाभिषेक के लिए मंदिर के कपाट खोल दिए गए।  रात 12 बजे मंदिर के महंत कृष्ण गिरि महाराज व पुजारी भरत गिरि महाराज ने भगवान शिव का गंगा जल, दूध, शहद व अन्य पूजा सामग्री के साथ विधि-विधान से रुद्राभिषेक किया। पूजा-अर्चना संपन्न होने के बाद करीब 12.30 बजे मंदिर में जलाभिषेक शुरू हो गया। जलाभिषेक शुरू होते ही परिसर भगवान शिव के जयकारों से गूंजता रहा।

रात नौ बजे से टपकेश्वर महादेव मंदिर में पहुंचे श्रद्धालुओं को 12.30 बजे के बाद जलाभिषेक करने का मौका मिला। लाइन में खड़े हुए श्रद्धालुओं का चार-पांच घंटे में नंबर आ सका, लेकिन श्रद्धालुओं की भक्ति में कोई कमी नजर नहीं आई। शुक्रवार सुबह के बाद से श्रद्धालुओं की भीड़ कई गुना बढ़ गई। हर बार की तरह करीब डेढ़ से दो किलोमीटर तक श्रद्धालुओं की लाइन लगने की उम्मीद जताई गई।

महाशिवरात्रि की दी बधाई 

राज्यपाल बेबीरानी मौर्य और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेशवासियों को महाशिवरात्रि के पावन पर्व की बधाई और शुभकामनाएं दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पावन पर्व शिव एवं शक्ति की आराधना का पर्व है। शिव मनुष्य को अंधकार से प्रकाश की ओर तथा असत्य से सत्य की ओर ले जाते हैं। उन्होंने कहा कि यह पर्व समाज को प्रेम एवं सद्भाव का संदेश भी देता है।

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