देहरादून शहीद स्थल पर आत्मदाह का प्रयास करने वाले आंदोलनकारी सकलानी का निधन, जनिए क्या था पूरा मामला

-शुक्रवार को शहीद स्थल के मंदिर में स्वयं को पेट्रोल की बोतल के साथ किया था बंद

-शहीदों की याद में संग्राहलय बनाने समेत अन्य मांग को लेकर 15 साल से थे आंदोलनरत

वैली समाचार, देहरादून। 

दो दिन पहले कचहरी स्थित शहीद स्थल पर बने मंदिर में स्वयं को पेट्रोल की बोतल के साथ बंद कर आत्मदाह का प्रयास करने वाले राज्य आंदोलनकारी बीएल सकलानी का निधन हो गया है। डॉक्टरों के अनुसार दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हुआ है। इस घटना पर राज्य आंदोलनकारियों में शोक की लहर है। संगठनों ने सरकार से उनकी मांगों को पूरी करने की मांग की। यही उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

शुक्रवार को राज्य आंदोलनकारी बीएल सकलानी अचानक शहीद स्थल पहुंचे। यहां शहीद स्थल पर बने मंदिर में स्वयं को बंद कर दिया। अंदर से ताला लगाते हुए पेट्रोल की बोतल दिखाते हुए आत्मदाह का प्रयास करने की धमकी देने लगे। इस सूचना पर पुलिस और प्रशासन में हड़कंप मच गया। फायर सर्विस ने मौके पर पहुंचकर पानी की बौछार डालकर उन्हें मंदिर से बाहर निकाला। बाद में उन्हें गिरफ्तार कर अस्पताल ले गए। जहां से राज्य आंदोलकारी संगठनों की मांग पर प्रशासन ने कोई कार्रवाई न करते हुए उन्हें घर भेज दिया था। दो दिन से वह घर पर ही मौजूद थे। अचानक शनिवार देर शाम को उनकी तबियत खराब हुई तो उन्हें अस्पताल ले गए। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनके निधन की सूचना पर राज्य आंदोलनकारी संगठन के अध्यक्ष प्रदीप कुकरेती, हरीश पाठक समेत अन्य ने गहरा दुख जताया। फिलहाल आंदोलनकारी सकलानी का पार्थिव शरीर दून अस्पताल की मोर्चरी में रखा गया है। कोविड की गाइडलाइन का पालन करते हुए डॉक्टर पीएम और अन्य कार्रवाई के बाद शव परिजनों को सौंपेंगे।

 

15 साल से यह थी मांगें

राज्य आंदोलनकारी सकलानी पिछले 15 साल से मांग कर रहे कि प्रशासन राज्य आंदोलनकारियों के लिए दस्तावेज का संग्रहालय बनाए। इसके अलावा मांग की है कि स्कूली पाठ्यक्रमों में राज्य आंदोलनकारियों के इतिहास के बारे में पढ़ाया जाए। साथ ही शहीद स्थल पर बाहरी लोगों की आवाजाही पर रोक लगे।

 

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