यशपाल की गिरफ्तारी के दौरान गुरुग्राम में मौजूद था पूर्व नौकरशाह

यशपाल तोमर को एसटीएफ ने बीती जनवरी 2022 को गुरूग्राम से धर दबोचा था, उस समय वहां इसके साथ उत्‍तराखण्‍ड का एक चर्चित नौकरशाह भी था जिसको बाद में हरियाणा सरकार के एक अधिकारी के हस्‍तक्षेप के बाद छोड़ दिया गया था। गौरतलब है कि ज्वालापुर की चर्चित की 56 बीघा जमीन मामले में दिल्ली निवासी गिरधारी लाल ने पिछले दिनों एक मुकदमा ज्वालापुर कोतवाली में दर्ज कराया था। जिसमें आरोप था कि यशपाल तोमर उस पर जमीन अपने नाम करने का दबाव डाल रहा है। उत्तराखंड पुलिस के डीजीपी अशोक कुमार के निर्देश पर मुकदमा दर्ज होने के बाद इस मामले की जांच उत्तराखंड एसटीएफ को सौंपी गई थी। एक टीम आरोपी यशपाल तोमर को गुरुग्राम से गिरफ्तार कर हरिद्वार ले आई थी और ज्वालापुर कोतवाली में उससे पूछताछ की। बागपत के रहने वाले यशपाल तोमर का विवादित जमीनों से पुराना नाता है। बताया जाता है कि हरिद्वार से लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान तक उसकी सैकड़ों करोड़ रुपये की जमीन हैं। एसएसपी एसटीएफ अजय सिंह ने बताया कि यशपाल तोमर को गुरुग्राम से गिरफ्तार किया गया है। ज्वालापुर पुलिस इस मामले में कार्रवाई में जुटी है।

डीजीपी के संज्ञान में मामला आने पर हुई बड़ी कार्रवाई

बागपत निवासी यशपाल तोमर विवादित जमीनों पर कब्जे का धंधा करता आया है। हरिद्वार से लेकर पश्चिम उत्तर प्रदेश, हरियाणा व राजस्थान तक उसका जाल फैला हुआ है। सैकड़ों करोड़ की विवादित संपत्तियों पर यशपाल और उसके गिरोह का कब्जा है। डीजीपी अशोक कुमार के संज्ञान में आने के बाद एसटीएफ की टीम उसे ज्वालापुर की 56 बीघा जमीन के मामले में धमकी देने पर गुरुग्राम से गिरफ्तार कर लाई है। कनखल निवासी तोष जैन के घर में घुसकर धमकी देने के मामले में भी यशपाल तोमर फरार चल रहा था। उस मुकदमे में भी पुलिस ने यशपाल तोमर की गिरफ्तारी दिखाई है। एसटीएफ की पड़ताल में गिरोह बनाकर विवादित जमीनें कब्जाने के पुख्ता सुबूत मिलने पर पुलिस ने उस पर कानूनी शिकंजा कस दिया। ज्वालापुर कोतवाली प्रभारी महेश जोशी की रिपोर्ट पर जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय ने यशपाल व उसके साथियों के खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट में मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी। जिस पर ज्वालापुर कोतवाली में प्रभारी निरीक्षक महेश जोशी की ओर से यशपाल तोमर निवासी बरवाला थाना रमाला बागपत, धीरज डिगानी निवासी संत बाबा टहल दास चैरिटेबल ट्रस्ट, पीली बंगा जिला हनुमानगढ़ राजस्थान, गिरधारी चावला और सचिन चावला निवासीगण निर्माण विहार दिल्ली के खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट में मुकदमा दर्ज कर लिया गया। इस मुकदमे की पड़ताल में यशपाल के लिए काम करने वाले कई मददगार बेनकाब हो सकते हैं। उनका जेल जाना भी तय माना जा रहा है।

इन राज्यों की नौकरशाही में यशपाल की सीधी दखल

एसटीएफ की पड़ताल में यशपाल तोमर के काले कारनामों से लगातार पर्दा उठ रहा है। साथ ही, यह भी पता चल रहा है कि उत्तराखंड के अलावा उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब व राजस्थान की नौकरशाही में उसका मजबूत दखल है। जिसके बूते वह विवादित और बेशकीमती जमीनें हथियाने के लिए किसी भी व्यक्ति के खिलाफ किसी भी राज्य के किसी थाने में रेप, हत्या के प्रयास, धोखाधड़ी, लूट से लेकर किसी भी संगीन धारा में मुकदमा दर्ज कराने की ताकत रखता है। कनखल के कांग्रेस नेता तोष जैन और उनकी पत्नी मोनिका जैनी की गिरफ्तारी इसका ताजा उदाहरण है। वहीं, संगीन धाराओं में मुकदमे दर्ज होने पर विपक्षी के घुटनों के बल आने पर यशपाल करोड़ों की जमीन कौड़ियों में खरीदता है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि यशपाल कभी भी संपत्ति अपने नाम पर नहीं खरीदता है, वह अपने किसी सगे संबंधी या रिश्तेदार के नाम रजिस्ट्री कराता है।

पुलिस के रिटायर्ड इंस्पेक्टर को ढूंढ रही एसटीएफ

यशपाल तोमर के गैंग में एक शीतल उर्फ रेशमा नाम की युवती भी शामिल है। एसटीएफ को पता चला है कि विवादित जमीनों का सौदा न होने पर यशपाल तुरूप के इक्के की तरह रेशमा का इस्तेमाल करता आया है। जमीनों से जुड़े मामले में रेशमा ने यशपाल तोमर के कहने पर रेप के झूठे मुकदमें दर्ज कराए हुए हैं। एसटीएफ ने इन सभी मुकदमों का कच्चा चिट्ठा बनाया है। जबकि कई अन्य फर्जी मुकदमों में एक रिटायर्ड इंस्पेक्टर की भूमिका निकलकर सामने आई है। एसटीएफ रेशमा और रिटायर्ड इंस्पेक्टर की तलाश कर रही है।