डीडीओ की धमकी पर डॉक्टर का इस्तीफा, डीएम-एसपी सुलझाएं मामला नहीं तो धरना

वैली समाचार, उत्तरकाशी।

डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे उत्तरकाशी जनपद में अब अधिकारी गिनेचुने डॉक्टरों को धमकी देने लगे हैं। ताजा मामला जिला अस्पताल का है। यहां अपने इलाज कराने आये ज़िला विकास अधिकारी (डीडीओ) ने डॉक्टर द्वारा वीआईपी ट्रीटमेंट न दिए जाने पर न केवल मौके पर जमकर हड़काया, बल्कि फोन करके सस्पेंड करने की धमकी दे डाली। डीडीओ की इन हरकतों से दहशत में आये डॉक्टर ने सीएमएस को लिखित इस्तीफा दे डाला। साथ ही मामले में डीएम और एसपी को कार्रवाई की मांग की गई। अब प्रकरण में गंगोत्री के पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण सामने आए और डीएम को मामले को सुलझाने को कहा। अन्यथा पूर्व विधायक ने डॉक्टर के समर्थन में धरना देने की चेतावनी दे डाली।

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सीएमएस को लिखे गए इस्तीफे में जिला अस्पताल उत्तरकाशी के पीड़ित चिकित्सक डॉ सुवेग सिंह ने कहा कि 15 जुलाई की सुबह करीब 11 बजे वह ओपीडी में हार्ट के मरीज को देख रहे थे। तभी डीडीओ संजय कुमार का अर्दली उनके पास आया और बोला कि डीडीओ साहब आ रहे हैं। इस पर उनके द्वारा थोड़ी देर रुकने का समय दिया। डॉक्टर के अनुसार उनके पास 30 से 40 लोग पहले ही लाइन में लगे थे। लेकिन डीडीओ साहब को डॉक्टर के रुकने की बात नागवार लगी और वह सीधे अंदर आ गए। डॉक्टर का आरोप है कि डीडीओ साहब ने गुस्सा करते हुए उन पर भड़कते हुए अभद्रता पर उतर आए। डॉक्टर का आरोप है कि ओपीडी से बाहर जाने के बाद डीडीओ ने फोन कर डॉक्टर को देख लेने और सस्पेंड करने की धमकी दे डाली। इससे दहशत में आये डॉक्टर ने सीएमएस को सीधा अपना इस्तीफा सौंप दिया। इसके अलावा डीएम और एसपी को प्रतिलिपि भेज मामले में उचित कार्रवाई की मांग की। बहरहाल डॉक्टर और डीडीओ के बीच घटित प्रकरण सोशल मीडिया में चर्चा का विषय बना हुआ है।

पूर्व विधायक बोले, कार्रवाई न हुई तो दूंगा धरना

जिला चिकित्सालय  उत्तरकाशी में तैनात वरिष्ठ चिकित्सक डॉ0 सुवेग सिंह के साथ परियोजना निदेशक जिला ग्राम्य विकास अभिकरण उत्तरकाशी (PD) संजय कुमार द्वारा अभद्रता एवं धमकी दिए जाने पर डॉ0 सुवेग सिंह ने प्रमुख अधीक्षक को अपना इस्तीफा सौंपा।
पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण के संज्ञान में मामला आने पर उन्होंने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर कोरोना काल मे जनपद में उत्कृष्ट सेवा दे रहे डॉक्टर के साथ जिले के एक जिम्मेदार अधिकारी द्वारा की गयी अभद्रता पर कार्यवाही की मांग की। उन्होंने कहा कि सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण जिला चिकित्सालय में महामारी के इस कठिन दौर में 24 घंटे दिन-रात अपनी जान की परवाह किये बगैर चिकित्सकों ने देवदूत बनकर कोरोना मरीजों का उपचार किया है और आज भी कर रहे है। किंतु जिले के एक जिम्मेदार अधिकारी द्वारा केवल अपना नंबर न आने पर एक डॉक्टर के साथ इस तरह का अमानवीय व्यवहार करना अक्षम्य अपराध है, उन्हें अपने किये पर माफी मांगनी होगी। इस परिपेक्ष्य में उन्होंने जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक से सकारात्मक प्रतिक्रिया के तहत कार्यवाही करने की मांग की है, उन्होंने कहा कि यदि उक्त संबंध में उचित कार्यवाही नही की गई तो उन्हें धरने पर बैठने हेतु भी बाध्य होना पड़ेगा।

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