उत्तराखंड के कांचुला खर्क में कुलांचे भर रहे दुर्लभ कस्तूरा मृग

-केदारनाथ वन प्रभाग (चमोली) के कस्तूरा मृग प्रजनन केंद्र है कांचुला खर्क

-लम्बे समय से कस्तूरा मृग न दिखने से था वीरान, अब 10 साल बाद नजर आए कस्तूरा

वैली समाचार, देहरादून। 

उत्तराखंड में दुर्लभ कस्तूरा (मस्क डिअर) मृग प्रजनन को लेकर अच्छी खबर है। चमोली जनपद के केदारनाथ वन प्रभाग के सरंक्षित वन क्षेत्र के कांचुला खर्क और सौक खर्क में लम्बे समय के बाद कस्तूरा मृग कुलांचे भरता दिखा है। क्षेत्र में करीब 10 वर्षों के बाद कस्तूरा को दिखने से वन प्रभाग के अधिकारियों में खुशी का माहौल है। अधिकारी उक्त क्षेत्र में कस्तूरा मृग के दिखने को इसकी जनसंख्या वृद्धि से जोड़कर देख रहा है।

बता दें कि उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पाये जाने वाले कस्तूरा मृग की घटती संख्या को देखते हुए इसे संरक्षित प्रजातियों की श्रेणी में रखा गया है। जिसके लिये केदारनाथ वन प्रभाग की ओर से कांचुला खर्क में कस्तूरा प्रजनन केंद्र भी स्थापित किया गया था। बाद में वन प्रभाग की ओर से तापमान बढने की बात कहते हुए केंद्र को सौक खर्क में शिफ्ट कर दिया गया था। लेकिन वन विभाग का यह प्रयास विफल ही रहा। ऐसे में बीते दिनों केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग की टीम को वन क्षेत्र निरीक्षण के दौरान कांचुला खर्क और सौक खर्क में कस्तूरा मृग दिखाई दिया है। विभाग के अनुसार 10 वर्षों के बाद क्षेत्र में कस्तूरा मृग का दिखाई देना इसकी जनसंख्या वृद्धि के संकेत हैं। केदारनाथ वन प्रभाग के डीएफओ अमित कंवर का कहना है कि लम्बे समय के बाद कस्तूरा मृग का दिखाई देना इसके संरक्षण के लिये किये जा रहे कार्य के लिये सकारात्मक संदेश दे रही है। कहा कि विभाग की ओर से कस्तूरा के सरंक्षण के लिये हर संभव प्रयास किया जा रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *