सिल्यारा आश्रम में अंतरराष्ट्रीय पर्यावरणविद सुंदरलाल बहुगुणा की स्मृति में बने संग्रहालय

वैली समाचार, देहरादून।

डॉ वाचस्पति मैठाणी स्मृति मंच द्वारा वर्चुअल माध्यम से पर्यावरणविद चिपको नेता सुंदर लाल बहुगुणा को श्रद्धांजलि दी गई। श्रद्धांजलि कार्यक्रम की शुरुआत देवभूमि प्राथमिक संस्कृत विद्यालय की शिक्षिकाओं द्वारा सर्वधर्म प्रार्थना से किया गया।
इस अवसर पर पूर्व मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने कहा कि सुंदरलाल बहुगुणा अनूठे पर्यावरणविद थे और उनके विचार सदैव अमर रहेंगे। उन्होंने कहा कि बहुगुणा जी ने मानव जाति के लिए जो संघर्ष किया उसका लाभ कई पीढ़ियों तक मिलता रहेगा। उनका जाना एक मानव सभ्यता का अंत होना है इसलिए आने वाली पीढ़ी को उनके कार्यों को आगे बढ़ाना होगा। आयुर्वेद रत्न डा मायाराम उनियाल ने कहा कि सुंदरलाल बहुगुणा ऐसे चिन्तक थे जो हमेशा पहाड़ों के विकास के लिये समर्पित रहे उन्होंने दुनिया को प्रेरणा दी कि वह अपनी माटी और आने वाली पीढ़ी के लिए कार्य करे। कपार्ट के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक डा भगवती प्रसाद मैठाणी ने कहा कि गांधी विनोवा विचार धारा के इस विश्वविख्यात पथिक ने जीवन भर संघर्षरत रहते हुए सादगी से अपना जीवन व्यतीत किया और पर्यावरण को संरक्षित रखने के लिए हिमालयी क्षेत्र में सतत विकास की रूपरेखा को प्रस्तुत किया। सुंदर लाल बहुगुणा की पुत्र वधु जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की अपर निदेशक डॉ अर्चना बहुगुणा ने कहा कि बहुगुणा के कार्यों को आगे बढ़ाते हुए हिमालय क्षेत्रों में चौड़ी पत्ती वाले फलदार वृक्षों का रोपण करना होगा। उन्होंने सिल्यारा आश्रम में उनकी स्मृति में संग्रहालय बनाने की भी अवश्यकता जताई। पूर्व अपर शिक्षा निदेशक श्रीमती कमला पंत ने कहा कि सुंदरलाल बहुगुणा विश्व पुरुष थे और विश्व में पर्यावरण को संरक्षित एवं सुरक्षित रखने के लिए उनका अद्वितीय योगदान रहा। उनके पुत्र प्रदीप बहुगुणा ने कहा कि स्वर्गीय बहुगुणा शारीरिक रूप से भले ही अब हमारे बीच नहीं हैं लेकिन वे अपने विचारों में हमेशा जिंदा रहेंगे। उनकी याद में हर व्यक्ति एक पौधा लगाए और प्रकृति संरक्षण का संकल्प ले यही उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी। कार्यक्रम का संचालन कमलापति मैठाणी द्वारा किया गया।
वेबनार के माध्यम से राजघाट नई दिल्ली से गांधीवादी विजय हांडा, वीना हांडा, उम्मेद सिंह चौहान, विश्वेश्वर प्रसाद जोशी, कुंवर सिंह सजवाण, डा अरविंद सकलानी, डा भानू प्रसाद नैथानी, कवि बेलीराम कंसवाल, लायक राम भट्ट, केदार सिंह रौतेला, शूरवीर सिंह बिष्ट, शंभू शरण रतूड़ी, कली राम रतूड़ी, विजय राम जोशी, डा सरिता बहुगुणा, जय शंकर नागवाण,  बिरजा, सरोज शर्मा, कुंवर सिंह राणा, सरिता बहुगुणा, कविता मैठाणी, गौतम भट्ट, अरण्य रंजन, कैलाशपति मैठाणी समेत कई ने अपने विचार व्यक्त कर स्वर्गीय बहुगुणा को श्रद्धांजलि दी।

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