उत्तराखंड में तीन साल के भीतर 158 नाबालिगों की सड़क दुर्घटना में मौत, अब पुलिस ये करेगी कर्रवाई
वैली समाचार, देहरादून।
उत्तराखंड में ट्रैफिक नियम तोड़कर रैश ड्राइविंग कर रहे नाबालिगों की अब ख़ैर नहीं। ट्रैफिक निदेशालय ने राज्यभर में नाबालिग वाहन चालकों के साथ ही उनके अभिभावकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का निर्णय लिया है। इसके लिए ट्रैफिक निदेशालय ने एक माह तक शहर, कस्बों और स्कूलों के आसपास अभियान चलाने का निर्णय लिया है।
राज्य में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने को ट्रैफिक निदेशालय ने सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। खासकर नियम विरुद्ध वाहन चला रहे नाबालिगों पर ट्रैफिक पुलिस विशेष कार्रवाई करने जा रही है। पुलिस ऐसे वाहनों को सीज करने के साथ ही अभिभावकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करेगी। कारण ये है कि उत्तराखंड में सड़क हादसों में तीन साल के भीतर ऐसे 158 नाबालिगों की जान चली गई, जो वाहन चला रहे थे। वहीं, 326 नाबालिग (लड़का-लड़की) घायल हो चुके हैं। राज्य के यातायात निदेशक केवल खुराना के मुताबिक नाबालिग चालकों के के कारण सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि हो रही है । ऐसे नाबालिक वाहन चालकों के पास न तो वाहन चलाने का कोई लाइसेंस होता है और न ही वाहन चलाने का अनुभव होता है। बावजूद ऐसे नाबालिग चालक धड़ल्ले से वाहन चला रहे हैं। ऐसे बच्चे न तो हेलमेट लगाते हैं और चेकिंग के दौरान इधर-उधर भगाते हैं। ये इनके लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है।
अभिभावक भी कर रहे खिलवाड़
उन्होंने बताया कि इसके लिए ऐसे नाबालिग के अभिभावकों की ओर से भी बच्चों के जीवन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। उनकी गैर जिम्मेदारीयों की वजह से ऐसे नाबालिग का जीवन संकट में पड़ रहा है । नये मोटर वाहन अधिनियम की धारा 199 (क) के अन्तर्गत नाबालिग के संरक्षक को अगर यह जानकारी है कि बच्चा वाहन चला रहा है तो संरक्षक पर अभियोग भी पंजीकृत हो सकता है।
मोडिफाइट वाहनों पर भी कार्रवाई
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही ज्यादातर दुपहिया वाहनों पर मोडिफाईड/रेट्रो साईलेंसर का प्रयोग भी नाबालिग की ओर से किया जा रहा है। वाहन से पटाखे की आवाज निकालकर ये लोग आसपास के लोगों की परेशानी का कारण बनते हैं। इसके खिलाफ भी लगातार अभियान चलाया जा रहा है, जो आगे भी जारी रहेगा।
एक माह का चलेगा अभियान
यातायत निदेशक केवल खुराना ने बताया कि यातायात निदेशालय की ओर से भविष्य में ऐसे नाबालिग वाहन चालकों के विरूद्व एक माह का अभियान चलाया जायेगा। इसे उत्तराखंड में समस्त यातायात पुलिस, सीपीयू एवं थाना, चौकियों की ओर से संचालित किया जाएगा।
स्कूलों की पार्किंग होगी चेक
अभियान के तहत स्कूलों की पार्किंग चेक की जाएगी। यदि नाबालिग की ओर से लाए गए वाहन मिलते हैं तो अभिभावकों को बुलाकर उनके विरूद्व नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही करते हुए वाहनों को सीज किया जायेगा। साथ ही निदेशक यातायात ने उत्तराखंड के स्कूलों में पड़ने वाले बच्चों के अभिभावकों से आग्रह किया गया है कि अपने नाबालिग बच्चों को वाहन न चलाने दें। उनकी सुरक्षा के साथ कोई खिलवाड़ न करें। ऐसा न हो कि आपकी एक छोटी सी गलती के कारण आपको पूरे जीवन भर पछताना पड़े।