मुख्यमंत्री ने किया राज्य के पहले सोलर फार्मिंग प्रोजेक्ट का लोकार्पण, बोले कैम्पा से मिलेगा 25 हजार लोगों को रोजगार

-उत्तरकाशी और टिहरी जनपद की सीमा पर इंद्रा टिपरी में लगा पहला सोलर पावर प्रोजेक्ट

-राज्य में 52 मेगावाट क्षमता के सोलर प्लांट किए जा चुके स्थापित, स्वरोजगार में महत्वपूर्ण

-ज़िला योजन का 40 फीसद बजट स्वरोजगार पर आधारित योजनाओं पर करें खर्च

वैली समाचार, उत्तरकाशी।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड सोलर फार्मिंग कॉन्सेप्ट वाला पहला राज्य बन गया है। यहां अभी तक 52 मेगावाट क्षमता के सोलर पैनल स्थापित किए गए हैं। स्वरोजगार में यह कॉन्सेप्ट महत्वपूर्ण साबित होगा। ऐसे में घर-गांव लौट प्रवासी इस पर काम करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार रोजगार और स्वरोजगार पर लगातार काम कर रही है। जल्द कैम्पा में 25 हजार लोगों को घर-गांव में रोजगार दिए जायेगा। इसके लिए कार्ययोजना बना दी है।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत राज्य के विकास को लेकर कृत संकल्प हैं। उत्तराखंड को ऊर्जा प्रदेश बनाने को लेकर सरकार काम कर रही है। इसी के तहत चिन्यालीसौड़ के इन्द्रा टिपरी में 200 किलोवाट क्षमता के सोलर ऊर्जा प्लांट का मुख्यमंत्री ने लोकापर्ण किया l राज्य में ऊर्जा उत्पादन के नवाचारी व हरित तरीकों को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत लगातार काम कर रहे हैं। विभिन्न सरकारी योजनाओं के जरिए लोगों को ऊर्जा क्षेत्र में उद्यम स्थापित करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रकृति ने जो संसाधन हमें उपलब्ध कराए हैं उनका सही तरीके से उपयोग करें l जिससे राज्य को समृद्धि मिल सके।मुख्यमंत्री ने कहा कि बेरोजगारों के लिए सबसे पहले हम सोलर फार्मिंग का कॉन्सेप्ट लेकर आये। जिसमें 206 मेगावाट की क्षमता का उत्पादन हो रहा है। स्वरोजगार के लिए फार्मिंग कांसेप्ट की लागत 1 हजार करोड़ रखी गई है। इसी योजना का लाभ लेते हुए उत्तरकाशी निवासी युवा उद्यमी आमोद पंवार ने अपने गांव इंद्रा टिपरी में 200 किलोवाट क्षमता के सोलर प्लांट को स्थापित किया है, इस प्लांट से सालाना औसतन 3 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन होगा, यह बिजली अगले 25 सालों तक यूपीसीएल खरीदेगा। मुख्यमंत्री ने आमोद पंवार को शुभकामनाएं दी और अन्य युवाओं को प्रेरणा लेने को कहा। इस अवसर पर यमुनोत्री विधायक केदार सिंह रावत, गंगोत्री विधायक गोपाल रावत, ऊर्जा सचिव राधिका झा, डीएम मयूर दीक्षित, एसपी पंकज भट्ट, भाजपा जिला अध्यक्ष रमेश चौहान, विकास अधिकारी पीसी डंडरियाल आदि मौजूद रहे।

 

पहाड़ी व्यंजन पौराणिक विरासत

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने पहाड़ी उत्पाद ककड़ी, पत्यूड, गहत व तिल के पकोड़े, झगोरें की खीर आदि का निरीक्षण कर स्वाद लिया l मुख्यमंत्री ने कहा कि पहाड़ी व्यंजनों के उत्पाद हमारी पौराणिक विरासत की पहचान है l जिसे आज भी हम लोग संजोए हुए हैं। पहाड़ी उत्पादकों के माध्यम से आजीविका को संवर्धन देना बेहद जरूरी है l यह हमारी पहचान है। इसमें में भी स्वरोजगार की संभावना है।

जिला योजना से दें स्वरोजगार

मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि सभी जिलाधिकारियों को जिला योजना धनराशि से 40 प्रतिशत धनराशि पशुपालन, कृषि, मत्स्य, मौन पालन आदि स्वरोजगार योजनाओं में खर्च करने के निर्देश दिए गए हैं l ताकि स्वरोजगार की दिशा में अधिक से अधिक उद्यमी अपनी आजीविका को सुदृढ़ कर सकें l उन्होंने कहा कि दस हजार मोटर बाइक टैक्सी की स्वीकृति दी गई है जिस पर 2 साल तक किसी भी तरह का ब्याज नहीं देना पड़ेगा राज्य सरकार स्वयं निर्वहन करेगी l

विकास को लेकर सरकार गंभीर

मुख्यमंत्री ने सुदूरवर्ती क्षेत्रों में विकास योजनाओं पर जोर देते हुए कहा कि सरकार निरंतर स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क,दूरसंचार बिजली, पानी,आदि को धरातलीय स्वरूप प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है l अधिकांश क्षेत्रों को सड़क मार्ग से जोड़ा गया है व जोड़ा जा रहा है, विभिन्न विकास परख योजनाओं से ग्रामीण क्षेत्रों के लोग लाभान्वित हो इसके लिए युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है l छोटी-छोटी नौकरियों के लिए बाहर जाने की आवश्यकता नहीं है। आप स्वयं यहीं पर स्वरोजगार के संसाधन पैदा कर सकते हैं। अपने साथ अधिक से अधिक लोगों को स्वरोजगार से भी जोड़ सकते हैं l

 

पहाड़ी मीट की ब्रांडिंग 

मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि जल्द ही हिमालयन मीट की ब्रांडिंग करने वाले हैं। हिमालय प्रजाति (बकरे का मीट) का यह मीट कॉपरेटिव सोसायटी की मदद से मार्किट में उपलब्ध होगा l

 

कैम्पा से मिलेगा रोजगार

मुख्यमंत्री ने कहा कि 25 हजार लोगों के लिए कैम्पा के अंतर्गत रोजगार की व्यवस्था आग बुझाने, पेयजल स्त्रोतों को पुनर्जीवित,आदि में की गई है l लोग स्वयं ग्रामीण क्षेत्रों में रहकर स्वरोजगार प्राप्त कर सकते हैं, इसमें किसी भी तरह की कोई शैक्षिक योग्यता नहीं रखी गई है l उन्होंने कहा कि स्वरोजगार की दिशा में ग्रीन एनर्जी क्षेत्र में निवेश कर उद्यम स्थापित करने के लिए राज्य सरकार विभिन्न योजनाओं के तहत सहायता कर रही है कोई भी व्यक्ति सोलर प्लांट, पिरूल प्लांट की स्थापना कर सकता है l

 

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