जीरो टॉलरेंस: सचिवालय में कुंडली मारे 39 अधिकारियों के ट्रांसफर,किसको क्या मिला पढ़िए पूरी खबर…

लम्बे समय से मलाईदार पदों पर डटे थे अफसर, फ़ाइलों को दबाने की बातें आई सामने

-सरकार के कामकाज को जनता तक पहुंचाने में आ रही थी दिक्कतें

-लोनिवि, आबकारी, सिंचाई, आवास समेत कई अनुभाग में लम्बे समय से डटे थे

वैली समाचार, देहरादून।

राज्य सचिवालय में लम्बे समय से एक ही अनुभाग में डटे अधिकारियों पर आखिर तबादले की मार पड़ गई है। आज सचिवालय में 24 रिव्यू अफसर और 13 असिस्टेंट रिव्यू अफसरों के साथ दो कंप्यूटर सहायक का तबादला कर दिया है। यह कार्रवाई गत दिवस मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की समीक्षा के बाद हुई है। इससे सचिवालय के अलावा दूसरे विभागों में लम्बे समय से डटे अधिकारियों और कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है।

सरकार राज्य के विकास को रफ्तार देने को कई बड़े फैसले करती आ रही है। लेकिन धरातल पर इसका समय पर असर नहीं दिख रहा है। इनसे लेकर कई स्तर पर समीक्षा चल रही थी। इस दौरान यह बात सामने आई कि सरकार का मुखड़ा यानी चेहरा सचिवालय होता है। यहां से जिस रफ्तार और सख्ती के साथ काम होंगे, ज़िलों और ठेठ गांव तक इसका असर दिखेगा। लेकिन सचिवालय में विकास से जुड़े कई महत्वपूर्ण महकमे ऐसे थे, जिनमे लम्बे समय से समीक्षा अधिकारी, सहायक समीक्षा अधिकारी और फ़ाइल को प्रभावित करने वाले कर्मचारी लम्बे समय से एक ही अनुभाग में डटे हुए थे। इस मामले में स्वयं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गत दिनों सचिवालय में कामकाज की समीक्षा करते हुए गहरी नाराजगी जाहिर की थी। उस दौरान फाइलें लटकाने वाले अफसरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के आदेश मुख्यमंत्री ने दिए थे। मुख्यमंत्री ने साफ कहा था कि लम्बे समय से डटे अधिकारियों को हटाया जाए। आज शुक्रवार को सचिवालय में डटे 39 अधिकारियों को इधर से उधर किया गया। अब देखना होगा कि इस बार हुए बम्पर तबादलों के बाद सचिवालय में कामकाज का असर कुछ अलग दिखेगा या नहीं, इस पर सभी की निगाहें लगी हुई है।

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