उत्तराखंड के पर्यटन और उद्योग व्यवसाय पर कोरोना वायरस का असर।Valley samachar
-विदेशी पर्यटकों ने अपनी एडवांस बुकिंग कराई रदद्, लाखों का नुकसान
-अप्रैल माह से ट्रेकिंग और पर्वतारोहण को आते थे देशी विदेशी पर्यटक
-पर्यटन व्यवसायों के चेहरों पर दिखने लगी चिंता की लकीरें
देहरादून। देश और दुनिया में कोरोना वायरस की दहशत का असर पर्यटन व्यवसाय पर भी दिखने लगा है। अकेले उत्तराखंड में ट्रैकिंग और माउंटनेरिंग को आने वाले विदेशी पर्यटक अप्रैल और मई माह की एडवांस बुकिंग केंसिल करा रहे हैं। इससे पर्यटन व्यवसायों के चेहरों पर चिंता की लकीरें साफ दिखने लगी है। हालात सामान्य न हुए तो इस व्यवसाय से जुड़े लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
उत्तराखंड में हर साल अप्रैल से जुलाई तक बड़ी संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक ट्रैकिंग और पर्वतारोहण को आते हैं। इसके लिए फरवरी से ही एडवांस बुकिंग शुरू हो जाती है। इस बार अच्छी बर्फबारी से साहसिक पर्यटन में इजाफे की उम्मीदें थी। मगर, दुनियाभर में कोरोना वायरस की दहशत पर्यटन व्यवसाय पर भारी पड़ती दिख रही है। स्थिति यह है कि राज्य के उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़ आदि ज़िलों में पर्वतारोहण और ट्रैकिंग के कारोबार से हजारों लोग जुड़े हुए हैं। यात्रा सीजन शुरू होते ही इस व्यवसाय से जुड़े लोगों को उम्मीदें रहती है कि अच्छा कारोबार होगा। लेकिन इस बार कोरोना वायरस ने इस व्यवसाय से जुड़े लोगों पर असर डालना शुरू कर दिया है। कोरोना वायरस की दहशत का कारण है कि विदेशी पर्यटक अपनी एडवांस बुकिंग रद्द करा रहे है।
सोशल मीडिया में यह पत्र हुआ वायरल
दून में कोरोना वायरस की अफवाह से बढ़ी चिंता
गुरुवार को देहरादून के एक अस्पताल में कोरोना वायरस से पीड़ित एक के भर्ती होने की अफवाह उड़ी। इसके अलावा एक पत्र भी सोशल मीडिया में वायरल हुआ। इसके बाद पर्यटक और आम लोग ज्यादा दहशत में आ गए।
उद्योग बंद होने की स्थिति में
कोरोना वायरस की मार अब तक उद्योगों पर सबसे ज्यादा पड़ी है। देहरादून के सेलाकुई, हरिद्वार, पंतनगर, सितारगंज, रुद्रपुर में बड़ी संख्या में संचालित उद्योग का कच्चा माल और इंजीनियर विदेश से आते हैं। लेकिन चीन में महामारी का रूप ले चुका कोरोना वायरस के कारण असर यहां के उद्योगों पर पड़ा है। कई उद्योग पूरी तरह से बंद की स्थिति में आ गए हैं।