गंगोत्री-यमुनोत्री के 26 और केदारनाथ के कपाट 29 अप्रैल को खुलेंगे

-अक्षय तृतीया को गंगोत्री और यमुनोत्री तो 30 को खुलेंगे बद्रीनाथ के कपाट

-चारों धाम के कपाट खुलने की तिथि तय होने के साथ यात्रा की तैयारियां हुई शुरू

-खराब सड़क और बर्फबारी से हुए नुकसान से उठानी पड़ सकती मुश्किलें

देहरादून। इस साल चारधाम यात्रा अप्रैल माह के अंतिम सप्ताह से शुरू होगी। शुक्रवार को महाशिवरात्रि के पर्व पर केदरनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय होने के साथ ही चारों धाम के कपाट खुलने की स्थिति साफ हो गई है। तीर्थ पुरोहितों के अनुसार गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट अक्षय तृतीया यानि 26 अप्रैल, केदारनाथ धाम के कपाट 29 तो बदरीनाथ धाम के कपाट 30 अप्रैल को खुलेंगे। कपाट खुलने से तीर्थ पुरोहित के साथ ही चारधाम में कारोबार करने वालों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। हालांकि इस बार आलवेदर रोड का निर्माण और भारी बर्फबारी से कुछ मुहकलें जरूर हैं। इसे लेकर शासन और प्रशासन भी चिंता में दिख रहा है।

विश्व प्रसिद्ध धाम गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खुलने की तिथि नवरात्र के दिन तय हुई थी। गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल ने बताया कि 25 अप्रैल को मां गंगा की भोग मूर्ति मुखबा स्थित शीत निवास से गंगोत्री के लिए डोली में रवाना होगी। मार्कण्डेय मंदिर में कुछ देर ठहरने के बाद यात्रा आगे बढ़ेगी। इसी दिन शाम को डोली यात्रा भैरों घाटी भैरव मंदिर पहुंचेगे। यहां से अगली सुबह यानि 26 अप्रैल को अभिजीत मुहर्त पर गंगा की डोली गंगोत्री धाम पहुंचेगी। जहां विधि विधान से गंगा की मूर्ति मंदिर के गर्व गृह में स्थापित की जाएगी। इसके बाद गंगा के दर्शन छह माह तक गंगोत्री मंदिर में होंगे। साथ ही अक्षय तृतीया के दिन खरशाली स्थित शीत निवास से यमुना की डोली यमुनोत्री धाम के लिए रवाना होगी। इसके बाद पूजा-अर्चना के बाद कपाट खोले जाएंगे।

इधर, बसंत पंचमी के दिन बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय हुई। नरेंदनगर स्थित राज महल में कपाट खुलने की तिथि 30 अप्रैल को तय हुई। इससे पहले गाडू घड़ा पाण्डुकेशर से राजमहल के लाया गया। यहां से तिल का तेल गाडू घड़े के बदरीनाथ धाम पहुंचाया जाएगा। उधर शुक्रवार को केदारनाथ धाम के कपाट खिलने की तिथि भी तय हो गई। आगामी 29 अप्रैल को भगवान आशुतोष के 11वें ज्योतिर्लिंग केदारनाथ के कपाट खुलेंगे। मेष लग्न में सुबह 6:10 पर मंदिर का द्वार आम दर्शनों के लिए खोला जाएगा। इसके बाद छह माह तक अराध्य की पूजा-अर्चना धाम में ही होगी। इससे पहले 25 अप्रैल को ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में भगवान भैरवनाथ की पूजा होगी। 26 अप्रैल को केदारनाथ की पंचमुखी डोली धाम प्रस्थान करेगी। 27 को गौरीकुंड रात्रि विश्राम और 28 अप्रैल शाम को पंचमुखी डोली केदारनाथ धाम पहुंचेगी। 29 अप्रैल को मेष लग्न में सुबह 6 बजकर 10 मिनट पर केदारनाथ धाम के कपाट खुलेंगे। रावल भीमाशंकर लिंग ने बताया कि महाशिवरात्रि के पर्व पर धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं के तहत भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना के साथ कपाट खुलने की तिथि तय की जाती है।

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