गंगोत्री विधायक ने निधि के बाद कोरोना से निपटने को दी एक माह की वेतन
-देश के विधायकों और सांसदों को मिलेगी विधायक गोपाल रावत की पहल की प्रेरणा
-विधानसभा सचिव को लिखा पत्र, कहा उनकी एक माह की वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में दी जाए
देहरादून। कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम को गंगोत्री विधायक आगे आएं हैं। विधायक निधि से 15 लाख स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार को देने के बाद शुक्रवार को विधायक ने अपनी एक माह की वेतन भी मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करने का निर्णय लिया है। इस सम्बंध में विधानसभा सचिव को भी पत्र लिखा है। गंगोत्री विधायक की यह पहल देश और राज्य के विधायकों और सांसदों के लिए प्रेरणा बनेगी।
कोरोना संक्रमण से उत्तराखंड भी अछूता नहीं रह गया है। यहां अभी तक प्रथम स्टेज पर कोरोना का असर है। लेकिन जिस तरह से प्रवासी और अप्रवासी गांव कस्बों को लौटे हैं, उससे अभी खतरा कम नहीं हुआ है।यही कारण है कि सरकार भी कोरोना से निपटने को लेकर गंभीर दिख रही है। स्वयं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत हर दिन व्यवस्था और बीमारी की रोकथाम पर अपडेट रिपोर्ट ले रहे हैं। ऐसे में विधायक और मंत्री भी अपने अपने क्षेत्र में बीमारी से निपटने की तैयारी कर रहे हैं। राज्य की प्रथम विधानसभा यानि गंगोत्री में कोरोना को लेकर विधायक गोपाल रावत सजग दिख रहे हैं। विधायक रावत ने जनपद स्तरीय अधिकारियों के साथ कई दौर की बैठक कर ली है। इसके अलावा जरूरी संसाधन जुटाने को लेकर भी बजट की व्यवस्था की जा रही है। मुख्यमंत्री के अनुरोध पर विधायक ने पहले विधायक निधि और अब एक माह का वेतन भी मुख्यमंत्री राहत कोष में दिए जाने का निर्णय लिया है। इस सम्बंध में विधानसभा सचिव को पत्र लिखते हुए एक माह का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करने की सहमति दी है। विधायक की इस पहल की सराहना की जा रही है। विधायक रावत ने कहा कि इस महामारी को हम आपसी सहयोग एवं एकजुटता से कम कर सकते हैं। इसके लिए सभी को अपने अपने स्तर पर सहयोग देना होगा।