कोरोना से ऋषिकेश एम्स में बिगड़ने लगे हालात, 7 दिन में 6 कोरोना पॉजिटिव, हिस्ट्री गायब

-उत्तराखंड में 61 पहुंची कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या, 21 मरीजों का चल रहा इलाज

-राहत वाली बात यह है कि 40 कोरोना पॉजिटिव मरीज हो चुके ठीक, एक की मौत

देहरादून। ऋषिकेश एम्स में कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। महज सात दिन में एम्स में 6 कोरोना पॉजिटिव सामने आ चुके हैं। अब राज्य में इलाज रहने वाले 61 लोग कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं। चिंता वाली बात यह है कि एम्स ऋषिकेश में सामने आए मरीजों में एक की भी हिस्ट्री सामने नहीं आ पाई है। जबकि यहां मरीजों का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। इसके लिए एम्स प्रशासन भी काफी हद तक जिम्मेदार है। स्थिति बिगड़ने पर भी बचाव कम सफाई ज्यादा दे रहा है।

ऋषिकेश एम्स को लेकर जो अंदेशा जताया जा रहा था, वह सच  साबित होने लगा है। कुप्रबन्धन के कारण एम्स शुरुआत से ही कई मामलों में चर्चा का केंद्र बना हुआ है। अब कोरोना महामारी ने इसकी व्यवस्थाओं की पोल खोल दी है। एम्स में अभी तक गढ़वाल के कुछ ज़िलों के कोरोना सेंम्पल की जांच चल रही थी। जिनमें पौड़ी के एक मामले को छोड़ दें तो किसी भी ज़िले में कोरोना पॉजिटिव नहीं मिला। पौड़ी भी तय समय पर मरीज को रिकवर करा चुका है। ऐसे में बिना ट्रेवल हिस्ट्री के एम्स में एक सप्ताह पूर्व नर्सिंग अफसर कोरोना पॉजिटिव मिला। इसके बाद भर्ती महिला, फिर एक नर्स, तीमारदार से इंटर्न और आज एक और नर्स यानी 6 लोग कोरोना पॉजिटिव आ गए। इनमें कोरोना संक्रमित महिला की मौत भी हो गई। अब नए केस ने स्थिति और खराब कर दी। अभी भी एम्स में कोरोना संदिग्धों की संख्या कम नहीं। ऐसे में आगे नया केस नहीं आएगा, इसकी भी गारंटी नहीं है। जबकि एम्स के कारण रिषिकेश के तीन इलाके सील किए जा चुके हैं।

 

संक्रमित नर्स की यह है हिस्ट्री

कोरोना पॉजिटिव नर्स मूल रूप से उत्तरप्रदेश की रहने वाली है। वह 141, अवास विकास, ऋषिकेश में निवास कर रही थी। 28 अप्रैल को उसमें लक्षण दिखाई दिए। इसके बाद क्वारंटाइन किया गया। उसने पिछले 28 दिनों में ऋषिकेश से बाहर यात्रा नहीं की है। वह 15 अप्रेल से मेडिसिन अलाइड आईसीयू में तैनात थी। रिपोर्ट आने के बाद सीओवीआईडी ​​सेंटर डी 3 ब्लॉक एम्स, ऋषिकेश में आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया जा रहा है।

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