उत्तराखंड में फंसे लोगों को जिलों में सशर्त आवाजाही में बड़ी राहत
-सरकार ने सामान्य आवाजाही के लिए अधिकारियों को दिए जरूरी दिशा निर्देश
-मुख्य सचिव बोले, 3 मई के बाद एक दूसरे जिले में सशर्त आवाजाही कर सकेंगे लोग
-रेड ज़ोन वाले ज़िलों में केंद्र की गाइडलाइन का करना होगा सख्ती से पालन
देहरादून। लॉक डाउन के कारण राज्य में फंसे एक-दूसरे ज़िलों के लोगों को सरकार बड़ी राहत देने जा रही है। इसके लिए जरूरी दिशा-निर्देश तैयार करने के बाद आवाजाही में छूट दी जाएगी। तीन मई के बाद फंसे हुए लोग जरूरी औपचारिकता पूरी करने के बाद आवाजाही कर सकेंगे। हालांकि रेड जोन वाले जनपदों को केंद्र की गाइडलाइन का सख्ती से पालन करना होगा। इसके बाद ही इन जनपद के लोगों को दूसरे जिलों में जाने की अनुमति देनी होगी।
कोरोना संक्रमण के चलते 22 मार्च के बाद से राज्य और देश मे लॉक डाउन चल रहा है। इससे एक दो दिन या जरूरी काम से निकले हजारों लोग एक दूसरे ज़िलों में फंसे हुए हैं। ऐसे लोग रिश्तेदारों, किराये या फिर राहत शिविर में फंसे हुए हैं। इनमें बीमार और सिफारिश लगाने के सफल रहे लोग तो जैसे तैसे पहुंच गए। किंतु बिना वाहन और सिफारिश वाले लोग लॉक डाउन खुलने का इंतजार कर रहे हैं। राज्य में अलग-अलग जिलों में फंसे इन लोगों के लिए बड़ी राहत भरी खबर है। प्रदेश में लॉकडाउन के दूसरे चरण की समाप्ति के बाद 3 मई से उत्तराखंड में एक ज़िले से दूसरे जिले में सामान्य आवाजाही को लेकर सरकार सशर्त अनुमति देने की तैयारी कर रही है। लंबे समय से ये लोग अपने गृह जिले से बाहर मुसीबत में फंसे हैं।हालांकि रेड ज़ोन से ग्रीन ज़ोन वाले जिलों में जाने के लिए केंद्रीय गाइडलाइन के तहत व्यवस्था बनेगी। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने बताया कि प्रदेश में जल्द इंटरस्टेट आवाजाही की व्यवस्था शुरू हो जाएगी। बताया कि फ़िलहाल मेडिकल पास और इमजेंसी पास के तहत राज्य में आने जाने के लिए पास निर्गत किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश दिए हैं और साफ तौर पर कह दिया है कि जल्द से जल्द इस व्यवस्था को लागू किया जाए। गौरतलब है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी कुछ दिन पहले राज्यों में फंसे मजदूरों, छात्रों, पर्यटक आदि को सुरक्षित वापिस लाने को लेकर एक विस्तृत गाइडलाइन जारी की है। इसके साथ ही प्रदेश के के भीतर फंसे लोगों को भी इसका फ़ायदा मिलेगा। प्रदेश सरकार पर लगातार यह दबाव बना हुआ था कि राज्य के भीतर एक जिले से दूसरे जिले में जाने की सहूलियत दी जाए, लेकिन सरकार गृह मंत्रालय के आदेश के बिना किसी को भी एक जिले से दूसरे जिले में जाने की अनुमति नहीं दे रही थी। लेकिन अब इसको लेकर कवायद तेज हो गई है। प्रदेश के अधिकारियों को खुद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत में निर्देश दिए थे कि पहाड़ के 9 जिलों में जहां कोरोना के कोई मरीज नहीं है वहां पर ग्रीन जोन से ग्रीन जोन के जिलों में फंसे लोगों को जाने की अनुमति दें। हालांकि अभी ग्रीन जोन में यह अनुमति नहीं दी गई। लेकिन लॉक डाउन2.0 समाप्त होने के बाद सरकार ने व्यवस्थित तरीके से लोगों की आवाजाही की योजना बनाई है।
राज्य में फंसे हुए लोगों को सामान्य आवाजाही कराने पर विचार चल रहा है। लॉक डाउन के बाद से फंसे लोगों को अंतरराज्यीय आवाजाही करने को व्यवस्था बन रही है । ताकि एक ज़िले से दूसरे जिले में जाने वाले लोगों को सुविधा मिल सके। लोगों को सशर्त अपने घर पहुंचाया जाएगा। इसके लिए शासन और ज़िलों के अधिकारियों को समन्वय बनाकर योजना बनाने के निर्देश दिए गए हैं।
उत्पल कुमार सिंह, मुख्यसचिव उत्तराखंड