लॉक डाउन में फंसे लोगों को बड़ी राहत, केंद्र की गाइडलाइन पर सीएम ने दिया भरोसा
-देशभर में लॉकडाउन के बाद से विभिन्न हिस्सों में फंसे लाखों लोगों को बड़ी राहत
-गृह मंत्रालय ने राज्यों को जारी की 6 बिन्दुओं वाली गाइड लाइन
-अब राज्य सरकार नोडल अधिकारी और व्यवस्था बनाकर जल्द लेगी निर्णय
-केंद्र ने साफ कहा- घर भेजने से पहले मजदूरों-छात्रों और पर्यटकों की जांच हो
देहरादून। लॉक डाउन के 35 दिन बाद देशभर में फंसे लाखों लोगों के लिए राहतभरी खबर है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को प्रवासी मजदूरों, पर्यटकों और आम लोगों को सशर्त आवाजाही कराने की छूट दी है। इसकी जिम्मेदारी राज्य सरकारों को अपने अपने राज्यों में स्वयं उठानी पड़ेगी। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनने के नियमों का कड़ाई से पालन करना होगा। इधर, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने देर रात अपने सोशल पेज पर कहा कि लाकडाऊन के कारण अपने प्रदेश से बाहर फंसे पर्यटक, प्रवासी श्रमिक व छात्र अपने घर लौट सकें, इसके लिए भारत सरकार ने गाइडलाईन जारी की है। इस गाइडलाईन के अनुसार आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया है। संबंधित राज्य सरकारों से सम्पर्क कर दूसरे राज्यों में फंसे उत्तराखंडवासियों के लौटने का प्रबंध किया जाएगा। मेरा अनुरोध है कि कुछ धैर्य व संयम रखें। वापसी के लिए सभी मानकों के अनुसार उचित प्रबंध किए जाएंगे।
कोरोना संक्रमण रोकने के लिए केंद्र सरकार ने 24 मार्च से देशभर में लॉक डाउन किया है। इसके बाद देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे हुए प्रवासी मजदूर, छात्र और पर्यटक अपने घरों को नहीं जा पा रहे थे। मजदूर अपने घरों को जाने को तैयार हैं, लेकिन राज्य सरकारें व्यवस्था नहीं जुटा पा रही थी। मामला केंद्र तक पहुंचा तो गृह मंत्रालय ने इसका आदेश जारी कर दिया है। मंत्रालय ने 6 प्वाइंट्स की गाइडलाइन राज्यों को भेजी है। इसमें बताया गया है कि कैसे सरकारें इन फंसे हुए लोगों को उनके घर तक पहुंचाने का काम कर सकती हैं। इस सम्बंध में केंद्र ने सभी मुख्य सचिव और हाईपावर कमेटी के सदस्यों को उचित कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।इधर, केंद्र सरकार की गाइड लाइन के बाद राज्य सरकार लॉक डाउन में फंसे हुए लोगों को लाने और ले जाने की व्यवस्था में जुट गई है। इसके लिए ट्रांस्फोर्ट से लेकर हेल्थ डिपार्टमेंट के साथ बैठकें शुरू हो गई है। उम्मीद है कि जल्द राज्य सरकार व्यवस्था का खाका सामने रख सकते है। इसके बाद ही देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे हुए लोगों को वापस लाने की उम्मीद पूरी होगी।
क्वारंटाइन करना जरूरी
गृह मंत्रालय ने राज्य सरकारों को निर्देश दिए कि जो मजदूर जा रहे और जो वापस आ रहे, उनको सरकारी और होम क्वारंटाइन सेंटर में रखा जाए। इसकी जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन को सौंपी जाए।
मंत्रालय ने राज्यों के लिए 6 प्वाइंट की गाइडलाइन जारी की
-सभी राज्य और केंद्र शासित राज्य सरकारें मजदूरों, छात्रों और पर्यटकों को घर भेजे जाने के लिए नोडल अथॉरिटी गठित करें। –
-यही अथॉरिटी अन्य राज्य सरकारों के साथ बातचीत करके फंसे हुए लोगों को भेजने और उन्हें वापस बुलाने का काम करेगी। अथॉरिटी की जिम्मेदारी होगी कि वह फंसे हुए लोगों का रजिस्ट्रेशन कराएं।
-अगर कहीं पर कोई समूह फंसा हुआ है और वह अपने मूल निवास स्थान जाना चाहता है तो राज्य सरकारें आपसी सहमति के साथ उन्हें छूट दे सकतीं हैं।फंसे हुए लोगों की पूरी तरह से मेडिकल जांच होगी। बगैर लक्षण वाले को ही यात्रा करने की अनुमति दी जाएगी।
-जिस बस में लोगों को ले जाने की व्यवस्था होगी उसे पूरी तरह से सैनिटाइज कराया जाएगा और अंदर भी लोगों को बैठाने में सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन कराया जाएगा।
-राज्य सरकारें फंसे हुए लोगों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए खुद रूट तय करेंगी।
-घर पहुंचते ही लोगों की जांच होगी। इसके बाद सभी को 14 दिनों का होम क्वारैंटाइन में रहना होगा। इस बीच लोगों को अपने मोबाइल फोन में आरोग्य सेतु ऐप हमेशा ऑन रखना होगा ताकि उन्हें ट्रेस किया जा सके।