केदारनाथ में सज गया बाबा का दरबार, आज ब्रह्म मुहूर्त पर खुलेंगे मंदिर के कपाट
-बर्फबारी और कोरोना संक्रमण के बावजूद 10 कुंतल फूलों से सजाया मंदिर
-दो दिन पहले ही धाम पहुंच गई थी केदार बाबा की पंचमुखी चल विग्रह मूर्ति
-बुधवार सुबह 6:10 बजे मेष लग्न में पूजा-अर्चना के साथ खुलेंगे मंदिर के कपाट
देहरादून। बाबा केदारनाथ के कपाट बुधवार सुबह 6:10 बजे दर्शनार्थ खोले जाएंगे। इसके लिए मंदिर को 10 कुंतल गेंदे के फूलों से सजाया गया है। अभी तक की यादों में कपाट सादगी के साथ सिर्फ चुनिंदा लोगों की मौजूदगी में खोले जाएंगे। इसके बाद रावल और देवस्थानम बोर्ड के प्रतिनिधि धाम में अनुमति के साथ रहने वाले तीर्थ पुरोहित ही लॉक डाउन तक पूजा में शामिल होंगे।
गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के बाद बुधवार को बाबा केदारनाथ के कपाट भी खुल जाएंगे। पहली बार केदरनाथ बाबा की डोली ओंकारेश्वर मंदिर से वाहन से गौरीकुंड तक ले गई। जहां माता गौरी के मंदिर में रात्रि विश्राम किया गया। इसके बाद दूसरे दिन भीमबली में बाबा की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली रात को रुकी। यहां से सोमवार को डोली यात्रा बर्फीले रास्तों से केदारनाथ पहुंची। जहां डोली को देवस्थानम बोर्ड के दफ्तर में पूजा की गई। इतिहास में बाबा केदारनाथ पहली बार कपाट खुलने के दो दिन पहले ही धाम में विराज गए। इधर, केदरनाथ धाम बर्फबारी से सफेद चादर में ढका हुआ है। मंगलवार को बाबा केदारनाथ मंदिर को 10 कुंतल गेंदा और अन्य फूलों से सजाया गया। इससे बर्फबारी के बीच मंदिर रंगबिरंगे फूलों से खासा आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। रात्रि को मंदिर में लाइटिंग करने के बाद धाम जगमगा गया। हालांकि कोरोना संक्रमण के चलते चुनिंदा लोग ही धाम में मौजूद है। रूद्रप्रयाग के डीएम मंगेश घिल्डियाल के अनुसार बुधवार को सुबह 6.10 बजे मेष लग्न में भगवान केदारनाथ धाम के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिए जाएंगे। इसके बाद अगले छह माह तक बाबा केदार की धाम में ही पूजा-अर्चना होगी। धाम में रावल , पुजारी समेत 16 लोग ही पूजा में शामिल होंगे। पुलिस और प्रशासन के लोग भी सोशल डिस्टेंसिंग के साथ दूर खड़े रहेंगे। देवस्थानम बोर्ड की तरफ से प्रभारी अधिकारी बीड़ी सिंह, एनपी जमलोकी समेत अन्य पूजा-अर्चना में भाग लेेंगे।
रास्ते में 6 फीट से ज्यादा बर्फ
बाबा केदारनाथ के रास्ते मे भीमबली, रामबाड़ा, लिनचोली, छानी कैम्प, हेलिपैड से लेकर मुख्य मंदिर के चारों तरफ 4 से 6 फीट बर्फ मौजूद है। ग्लेशियर और नाले में बर्फ 10 से 15 फीट तक मौजूद हैं। बर्फ के पहाड़, ग्लेशियर के बीच रास्ता बनाया गया है।धाम में संगम से मंदिर परिसर तक बर्फ को काटकर चार फीट से अधिक चौड़ा रास्ता बनाया गया है। इससे रास्ते के दोनों तरफ बर्फ के चट्टान नज़र आ रहे हैं।
रावल करेंगे विशेष पूजा
केदारबाबा के कपाट खुलने से पहले तड़के तीन बजे से मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना शुरू हो जाएगी। मुख्य पुजारी रावल शिव शंकर लिंग बाबा की समाधि पूजा से लेकर कपाट खुलने पर विशेष पूजा करेंगे।इसके बाद धार्मिक रीति रिवाज एवं पूजा-अर्चना के साथ कपाट खोले जाएंगे।
भगवान बदरीनाथ के कपाट 15 को खुलेंगे
भगवान बदरीनाथ धाम के कपाट 30 मई को खुलने थे। लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते सरकार ने टिहरी क्व अंतिम राजा से कपाट तिथि में बदलाव का अनुरोध किया था। इसके बाद अब बदरीनाथ के कपाट संशोधित तिथि 15 मई को खुलेंगे। इसे लेकर धाम में तैयारी चल रही है।