उत्तरकाशी के गोस्वामी गणेशदत्त स्कूल ने की तीन माह की फीस माफ
-जिले में संचालित दो स्कूल में पढ़ते करीब एक हजार छात्र छात्राएं
-कोरोना महामारी को देखते हुए स्कूल प्रबंधन ने लिया बड़ा फैसला
-राज्य में फीस के नाम पर मोटी कमाई करने वाले नामी स्कूलों को दिखाई आईना
उत्तरकाशी। बोर्ड के परीक्षा परिणाम में प्रदेश में परचम लहराने वाले उत्तरकाशी के गोस्वामी गणेशदत्त इंटर कॉलेज ने कोरोना महामारी में भी बड़ा संदेश दिया है। स्कूल की प्रबंध कार्यकारिणी ने इस विपदा में तीन माह की फीस माफ करने का निर्णय लिया है। अभी तक देहरादून के एक स्कूल को छोड़ इतना बड़ा फैसला किसी भी शिक्षण संस्थान ने नहीं लिया है। इस फैसले का लाभ दो स्कूलों के एक हजार छात्र छात्राओं को मिलेगा।
सरकार सरकारी, प्राईवेट और सहायता प्राप्त स्कूलों की मनमानी से परेशान होकर हर दिन दिशा निर्देश जारी कर रही है। इसमें देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल, मसूरी, ऊधमसिंहनगर के नामी स्कूल भी फीस वसूली, बढ़ोत्तरी से लेकर एडमिशन में अभिभावकों का उत्पीड़न कर रही है। वहीं सीमांत जनपद उत्तरकाशी के गोस्वामी गणेश दत्त स्कूल ने इस विपदा में बड़ा निर्णय लेते हुए छात्र छात्राओं से तीन माह यानी अप्रैल, मई और जून की फीस माफ करने का फैसला लिया है। स्कूल के सह प्रबन्धक हरीश सेमवाल ने बताया कि कोरोना के कारण लोग आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं। ऐसे में फीस देने की समस्या रहेगी। प्रबन्ध समिति ने निर्णय लिया कि इस विपदा में तीन माह की फीस नहीं ली जाएगी। स्कूल का यह फैसला निश्चित ही अभिभावकों को राहत देने वाला है। वहीं राज्य के नामी स्कूलों के लिए आईना दिखाना भी है। सरकार को स्कूलों को धंधा बनाने वालों की जांच कर कुछ कड़े फैसले लेने चाहिए।ताकि कोरोना जैसी आपदा में वह सहयोग दें, ना कि मनमानी पर उतरे।
दून के बड़े स्कूल कब आएंगे आगे
राजधानी में कई नामी स्कूल हैं। यह हर साल अभिभावकों से एडमिशन से लेकर डोनेशन के रूप में मोटी रकम वसूलते हैं। फीस भी इन स्कूलों की मनमाने तरीके से बड़ाई जाती है। बावजूद यह स्कूल सहयोग को आगे नहीं आते हैं। गत दोनों शिक्षा मंत्री के बयान को इनकी एसोसिएशन ने चुनोती दी थी। इसमें फीस समय पर देने की बात कही गई। कहा गया कि फीस नहीं लेंगे तो वेतन कहां से देंगे। जबकि हर साल करोड़ो में इनकी कमाई चल रही है। इसके उलट परीक्षा परिणाम देने में ये स्कूल हर बार फिसड्डी साबित होते हैं।।