गैरसैंण में पेश और देहरादून में पास हुआ 53 हजार करोड़ का बजट
-कोरोना संक्रमण के चलते बजट सत्र में सरकार के प्रति विपक्ष ने दिखायी दरियादिली
-मुख्यमंत्री बोले, राज्य में कोरोना से निपटने में सभी की सहभागिता जरूरी
-देहरादून में 57 मिनट चले बजट सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित
देहरादून। कोरोना वायरस संक्रमण के बीच उत्तराखंड का बजट सत्र सादगी के साथ सम्पन्न हुआ। ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में जिस ऐतिहासिकता के साथ बजट सत्र शुरू हुआ था, कोरोना संक्रमण के चलते देहरादून में उसके उलट जरूरी औपचारिकताओं के साथ पेश हो गया। इस दौरान न तो विभागवार चर्चा हुई और न ही विपक्ष हंगामा कर पाया। कोरोना से लड़ने में एकजुटता का संदेश देते हुए विपक्ष ने भी सरकार को दरियादिली दिखाते हुए 53 हजार करोड़ के बजट पास करने में सहमति दे दी। इनके बाद 57 मिनट तक चले बजट सत्र में वित्तीय वर्ष 2020-21 का बजट पास हो गया।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गैरसैंण के भराड़ीसैंण में बजट पेश किया था। यहां चार मार्च से तीन दिन सत्र चलने के बाद 24 तक स्थगित हो गया था। दोबारा भराड़ीसैण में 25 मार्च से सत्र शुरू होना था। लेकिन देशभर में कोरोना संक्रमण के चलते यह संभव नहीं हो पाया। सरकार ने समय और सुविधा को देखते हुए देहरादून में ही बजट सत्र आयोजित किया। बुधवार को बजट सत्र शुरू हुआ। लेकिन शून्यकाल और प्रश्नकाल जैसी कोई स्थिति नहीं रही। कोरोना संक्रमण के चलते मुख्यमंत्री से लेकर पक्ष और विपक्ष के विधायक और मंत्री सदन में पहुंचे। इस दौरान कर्मचारियों और अधिकारियों की भीड़ भी कम रही। सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो पहले उत्तराखंड विनियोग विधयेक पास किया गया। सदन में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कोरोना वायरस की गंभीरता और राज्य की तैयारी के संबंध में जानकारी दी। बताया कि अब तक 50016 की स्क्रीनिंग में कोई कोरोना संक्रमण नहीं मिला है। पूरे राज्य को सील किया गया। 2082 की एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग की गई है। कहा कि टास्क फोर्स और रिस्पांस टीम लगातार काम कर रही है। इस दौरान विपक्ष ने भी बजट पर चर्चा और टिका-टिप्पणी करने से परहेज करते हुए अपनी सहमति दे दी। इसके बाद सदन में बजट पास हो गया। बजट पास होने के बाद सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया।
भरपूर मिलेगा खाद्यान्न
मुख्यमंत्री ने सदन में कहा कि लॉकडाउन के दौराान कोई भी गरीब खाद्यान्न से वंचित नहीं होगा। सरकार इसके लिए पर्याप्त व्यवस्था कर रही है। बीमार और जरूरी लोगों को हर संभव मदद दी जाएगी।
अभिभाषण में सीएम त्रिवेंद्र ने कही ये बातें
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को विधानसभा में अपने अभिभाषण में कहा कि कोरोना वायरस आज जब सम्पूर्ण मानव जाति के समक्ष एक अति गम्भीर चुनौती है। कोरोना वायरस ने शक्तिशाली एवं सम्पन्न राष्ट्रों को झकझोर दिया है। उन्होंने कहा कि कोरोना को भारत एवं उत्तराखण्ड परास्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। कोरोना वायरस महामारी को रोकने में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा एवं मार्गदर्शन एवं चिकित्सा विशेषज्ञों से सलाह लेते हुए हमारी सरकार ने अनेकों प्रभावी कदम उठाए हैं। अधिकारियों द्वारा लगातार स्थिती पर निगाह रखी जा रही है। इस महामारी से लड़ने के प्रयास में उत्तराखण्ड भारत के अग्रणी राज्यों में से एक है।
यहां चल रही कड़ी चेकिंग
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य टास्क फोर्स का गठन किया गया है। साथ ही, मंत्रिमंडल की दो आपात बैठकें, इसी चुनौती से निपटने हेतु की जा चुकी हैं। राज्य में संक्रमण की सम्भावना को देखते हुए भारत नेपाल सीमा की समस्त चैकियों में जनपद चम्पावत के बनबसा व टनकपुर में, जनपद पिथौरागढ के धारचुला, बलुवाकोट, जोलजीवी, बालाघाट व ड्यूरा में तथा जनपद उधमसिंह नगर के खटीमा से गुजरने वाले प्रत्येक व्यक्ति की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। अबतक उक्त जगहों पर 55109 लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है, जिसमें कोई भी कोरोना संक्रमण संदिग्ध नहीं मिला है। प्रत्येक स्क्रीनिंग प्वाइंट पर मेडिकल टीम, एम्बुलेंस, इन्फारेड थर्मोमीटर की व्यवस्था की गई है। वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय सीमा को सील कर दिया गया है।
अब तक 50 हजार की स्कैनिंग
राज्य में एयरपोर्ट अथॉरिटी से समन्वय करते हुए देहरादून, पन्तनगर व पिथौरागढ एयरपोर्ट पर स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा 50016 यात्रियों स्क्रीनिंग की जा चुकी है। जिसमे कोरोना वायरस के संदिग्ध लक्षण वाला कोई भी व्यक्ति नहीं पाया गया। वर्तमान में घरेलू उड़ाने भी पूर्णतः बन्द कर दी गयी है। 31 दिसम्बर 2019 के बाद से चीन व अन्य प्रभावित देशों से आने वाले यात्रियों की सूची समय-समय पर भारत सरकार द्वारा राज्य सरकार को प्रदान की जा रही है, वर्तमान तक 2082 लोगों की सूची प्राप्त की गई है, व इन सभी की एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग की जा चुकी है। उक्त सूची में से 628 लोग 28 दिन की निगरानी अवधि पूर्ण कर चुके हैं। 131 लोग राज्य से बाहर जा चुके है एवं अब तक 1323 लोग निगरानी अवधि (1244 घर में व 79 चिकित्सालय में) पर हैं।
महामाारी रोकने को 50 करोड़ अवमुुक्त
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण के रोकथाम एंव उपचार हेतु राज्य कैबिनेट द्वारा रू० 50 करोड की धनराशि अवमुक्त की गई है तथा मुख्यमंत्री सहायता कोष से भी रू0 10 करोड की धनराशि तत्काल उपलब्ध कराई गई है। राज्य एव जनपद स्तर पर रेपिड रेस्पॉन्स टीम (आर0आरटी) का गठन किया गया है तथा विकासखण्ड एवं ग्राम स्तर पर ए०एन0एम0 व आशा कार्यकत्री ग्राम प्रधान व ग्राम स्तरीय समिति के माध्यम से जन जागरूकता व प्रचार प्रसार किया जा रहा है। लाॅक डाउन की अवधि में आवश्यक सेवाओं एवं सामग्री की आपूर्ती सुनिश्चित की जा रही है तथा निम्न आयवर्ग को दिक्कत न हो इसीलिए सरकार द्वारा ई.एस.आई. में पंजीकत श्रमिकों को ₹ 1000 प्रतिमाह वितरित किया जा रहा है। राज्य के ऐसे श्रमिक हैं जो पंजीकृत नहीं है उनको मूलभूत खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने के लिए जिलाधिकारियों को मुख्यमंत्री राहत कोष से 30 करोड़ की धनराशि निर्गत की गयी है। यह सब प्रयास इसलिए की जा रहें है ताकि इस लॉकडाउन अवधि में कोई भी गरीब परिवार खाद्यान से वंचित न रहें।
इन नम्बर पर लें मदद
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन प्रयासों में पुलिस विभाग एवं एसडीआरएफ का सहयोग लिया जा रहा है।अधिकारियों एवं कर्मचारियों का प्रशिक्षण भी किया जा रहा है। सभी सम्भावित कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्तियों का उपचार निःशुल्क किया जा रहा है। प्रभावी समन्नवय, त्वरित कार्यवाही, जानकारी एवं मार्गदर्शन हेतु राज्य स्तर पर कन्ट्रोल रूम बनाया गया है जिसमें वरिष्ठ अधिकारियों की तैनाती की गयी है। सभी संचार माध्यमों के द्वारा COVID-19 के संक्रमण से बचने हेतु सलाह जारी की जा चुकी है। निरन्तर सलाह प्रसारित की जा रही है। इसी प्रायोजन हेतु समर्पित टोल फ्री हैल्पलाइन न0 104 अथवा दूरभाष नम्बर 0135-2609500 है। इसके अतिरिक्त राज्य स्तर द्वारा हैल्पलाइन के माध्यम से भी इन लोगों से भी दूरभाष द्वारा सम्पर्क साध कर दैनिक स्वास्थ्य निगरानी की जा रही है।
मरीजों के लिए ये की व्यवस्था
इसके साथ-साथ समस्त जनपदों में आइसोलेशन फैसिलिटी व संस्थागत क्वारेंटाइन की व्यवस्था की गई है। समस्त प्रमुख चिकित्सालयों व मेडिकल कालेज संस्थानो में पृथक से आईसोलेशन वार्ड की व्यवस्था की गई है व वर्तमान में 933 आईसोलेशन बेड विभिन्न चिकित्सालयों मे कोरोना वायरस हेतु आरक्षित है। इसके साथ-साथ समस्त जनपदों में संस्थागत क्वारेंटाइन हेतु 1384 बेड की व्यवस्था की गई है। दून मेडिकल कालेज में थ्सन व्च्क् तथा COVID-19 की secondary और tertiary सेवाओं के लिए समर्पित किया गया है। राजकीय दून मेडिकल कालेज, श्रीनगर मेडिकल कॉलेज, हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज तथा अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज को मुख्य रूप से कोरोना उपचार के लिए आरक्षित रखा जाने का प्रस्ताव कैबिनेट द्वारा अनुमोदित किया गया है। इन काॅलेजों में प्रोक्योरमेन्ट, मानव संसाधन समन्वय, लॉजिस्टिक, कानून व्यवस्था आदि कार्य संचालन हेतु वरिष्ठ अधिकारियों की तैनाती की जा रही है, जिससे उक्त कालेजों का समस्त चिकित्सक एवं अन्य कार्मिक पूर्ण रूप से कोरोना के मरीजों के उपचार हेतु कार्य कर सकें। राज्य में स्थित ऐसे निजी अस्पताल एवं निजी मेडिकल कालेज जिनकी बैड क्षमता 100 या 100 से अधिक है, में उनके यहाँ बैड संख्या के 25 प्रतिशत बैड को कोरोना वाइरस से संक्रमित संदिग्ध रोगियों के इलाज हेतु भर्ती के लिए आरक्षित किया गया है।
इन पदों पर होगी नई भर्ती
मुख्यमंत्री ने कहा कि मानव संसाधन की कमी के दृष्टिगत उत्तराखण्ड मेडिकल चयन बोर्ड द्वारा पूर्व विज्ञापन के 314 पदो पर नियुक्ति की प्रक्रिया गतिमान है। इसके अतिरिक्त 562 नये पदो पर भर्ती करने के आदेश किये गये है। श्रीनगर, हल्द्वानी और दून मेडिकल कॉलेज के विभागाध्यक्ष को आगामी 03 माह के लिए इन्टरव्यू द्वारा संविदा पर पदों के सापेक्ष डॉक्टरों की भर्ती किये जाने के अधिकार प्रदान किया गया है इसके अतिरिक्त जिलाधिकारी भी चिकित्सालयों हेतु अपने स्तर से भर्ती कर सकेंगे। इस सम्बन्ध में प्रस्ताव कैबिनेट द्वारा अनुमोदित कर लिया गया है। नर्सों की कमी को देखते हुए विभागाध्यक्षों को आउटसोर्सिंग के माध्यम से नर्सों की नियुक्ति के अधिकार दिए गये हैं।
अभी तक ये स्थिति आई सामने
राज्य में अभी तक 2082 व्यक्तियों की पहचान की गई है जो कि चीन तथा अन्य कोविड-19 प्रभावित देशों से यात्रा करके आये हैं जिनको 28 दिनों के लिए निगरानी में रखा गया है। इनमें से 628 व्यक्ति 28 दिनों की निगरानी अवधि पूर्ण कर चुके हैं। वर्तमान में 1323 व्यक्ति 28 दिन की निगरानी में हैं। राज्य में अब तक 237 सैम्पल लिये गये है जिनमें से 162 सैम्पल की रिपोर्ट प्राप्त हो गई है इनमें से 158 सैम्पल निगेटिव पाये गये है और 04 केस पाजिटिव पाये गये हैं आतिथि तक 75 सैम्पल की रिपोर्ट प्रतीक्षारत है।