उत्तराखंड के मुख्यमंत्री धामी ने दी प्रधानों को वेतन और निधि की बड़ी सौगात
–मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की घोषणा से खिले ग्राम प्रधानों के चेहरे
-प्रधानों ने एक साथ तीन मांगें पूरी होने पर जताया मुख्यमंत्री का आभार
वैली समाचार, देहरादून।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ओर से एक साथ की गई तीन घोषणाओं से राज्य के ग्राम प्रधानों की बांछे खिली हुई हैं। मानदेय में लगभग 70 फीसद बढ़ोतरी, कोरोना वॉरियर का दर्जा मिलना और आकस्मिक निधि से 10 हजार रुपया खर्च करने का अधिकार मिलने पर ग्राम प्रधानों ने मुख्यमंत्री का आभार जताया है।
राज्य का ग्राम प्रधान संगठन लंबे समय से ग्राम प्रधानों का मानदेय बढ़ाने की मांग कर रहा है। प्रत्येक प्रधान को 1500 रूपये मानदेय सरकार की ओर से दिया जाता है, जो उनकी जिम्मेदारियों के लिहाज से बेहद कम है। प्रधानों की इस समस्या को समझते हुए मुख्यमंत्री धामी ने एक झटके में उनका मानदेय बढ़ाकर 3500 रूपया प्रतिमाह कर दिया। इतना ही नहीं टनकपुर में आयोजित एक सभा में मुख्यमंत्री ने कोरोना नियंत्रण में ग्राम प्रधानों की भूमिका को जमकर सराहा। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन में फ्रंट फुट पर आकर ग्राम प्रधानों ने कोरोना का संक्रमण रोकने में यथासंभव योगदान दिया, जिसमें उन्होंने अपने और अपने परिजनों के जान की परवाह भी नहीं की और फिर मुख्यमंत्री ने ग्राम प्रधानों को कोरोना वॉरियर घोषित कर दिया। ग्राम प्रधानों की जिम्मेदारियों को बेहद व्यापक बताते हुए मुख्यमंत्री ने उन्हें आकस्मिक निधि से 10 हजार रूपए खर्च करने का अधिकार दिया। भारत वर्ष में उत्तराखण्ड पहला ऐसा राज्य है जिसमें ग्राम प्रधानों को ऐसा वित्तीय अधिकार दिया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के इस फैसले की ग्राम प्रधान जमकर सराहना कर रहे हैं। रुद्रप्रयाग जिले के अगस्त्यमुनि विकासखंड की ग्रामसभा मयकोटी के ग्राम प्रधान एवं प्रधान संगठन में प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य अमित प्रदाली का कहना है कि लंबे समय से मानदेय वृद्धि की मांग को लेकर आंदोलन चल रहा था मंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनप्रतिनिधियों की भावना को समझते हुए अच्छा निर्णय लिया है। उत्तराखंड के सीमांत ज़िले पिथौरागढ़ के गंगोलीहाट स्थित ग्रामसभा टुंडा चौड़ा की प्रधान मनीषा बिष्ट ने कहा कि मुख्यमंत्री ने “ग्राम स्तर पर काम कर रही की छोटी सरकारों को प्रोत्साहित करने का काम किया है”। उनका कहना है कि ग्राम प्रधानों को आकस्मिक निधि से ₹10000 तक खर्च करने की अनुमति मिलने के बाद आपदा जैसे विषम परिस्थितियों में ग्राम प्रधान द्वारा प्रभावितों को तत्काल राहत दी जा सकती है।