इतिहास में पहली बार खंडित हुआ झंडे जी का ध्वज दंड, 16 घायल

देहरादून में कुछ इस तरह टूटा झंडे जी का ध्वज दंड।

 

देहरादून। श्री गुरुरामराय पर आस्था रखने वाले हजारों श्रद्धालुओं का मन उस समय टूट गया जब पहली बार ऐतिहासिक झंडे जी का दंड खंडित हो गया। इसे इत्तेफाक समझें या फिर देव प्रकोप, जो भी हुआ वह झंडे जी पर आस्था रखने वाले लाखों श्रद्धालुओं के मन को ठेस पहुंचा गया। अब आगे कोई बड़ी अनहोनी न हो, इसे लेकर हर श्रद्धालु के मन में डर घर कर गया है। बहरहाल खंडित दंड पर ध्वज नहीं फहरायेे जाने पर प्रबंधन ने राय मशवरा कर देर शाम नए सिरे से ध्वज फहराने में कामयाबी हासिल की। इसके बाद झंडे जी परिसर में मौजूद हजारों श्रद्धालुओं ने आस्था पर शीश नवाजते हुए सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना की।

झंडे मेले उमड़ा जनसैलाब

देहरादून के ऐतिहासिक और धार्मिक झंडे जी के मेले में शुक्रवार को देश दुनिया से हजारों श्रद्धालु शामिल हुए। भारी बारिश और ओलावृष्टि के बावजूद झंडे जी पर आस्था रखने वाले श्रद्धालु सुबह से ही ध्वज आरोहण के इंतजार में टकटकी लगाए हुए थे। दोपहर बाद ध्वज आरोहण की औपचारिकता शुरू हुई तो झंडे जी की जयजयकारे के साथ आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। इसके बाद झंडे जी का ध्वज आरोहण शुरू हुआ तो अचानक ध्वज का दंड खंडित हो गया। दंड खंडित होने के कारण आरोहण नहीं हो सका। इससे आरोहण के दौरान बड़ा हादसा होते-होते टल गया। देखते ही देखते झंडे जी का बड़ा हिस्सा श्रद्धालुओं के ऊपर जा गिरा। इससे मेला परिसर में अफरा तफरी मच गई। इस हादसे में 16 श्रद्धालु घायल हो गए। इनमें से सात को श्रीमहंत इंदिरेश अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जबकि अन्य को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। सेवादारों और पुलिस के संयुक्त प्रयासों से स्थिति पर काबू पाया गया। इससे पहले मेला परिसर में भगदड़ की स्थिति बनती एसपी सिटी श्वेता चौबे ने स्थिति संभालते हुए ड्यूटी पर तैनात पुलिस बल को अलर्ट कर दिया। इसके बाद पुलिस टीम और सेवादारों ने मोर्चा संभालकर घायलों को उठाने के साथ उन्हें उपचार दिया गया। पुलिस ने घायलों को तत्काल महंत इंदिरेश अस्पताल पहुंचाया गया। जहां डॉक्टरों ने उपचार दिया गया। घटना में रजीत सिंह (50) निवासी रतिया सोलन (हिमाचल प्रदेश) को गंभीर चोटें आईं हैं। उसके सिर में कई टांके लगे हैं। इस बीच इंस्पेक्टर सूर्यभूषण नेगी अस्पताल पहुंचे। जहां घायलों को देखने जुटी भीड़ को काबू किया। उधर, मेला स्थल पर पुलिस और सेवादाराें को भीड़ को नियंत्रित करने में मशक्कत करनी पड़ी। हादसे के चलते पूरे इलाके को सील कर दिया गया। श्रद्धालुओं के परिसर में डटे रहने तथा किसी अनहोनी की चर्चा फैलने पर आनन फानन में झंडेजी का दोबारा आरोहण शुरू हुआ। इसके बाद प्रबन्धन ने राहत की सांस ली।

देर शाम दोबारा फहराया गया झंडे जी का ध्वज।

घटना में ये लोग हुए घायल
सुरजीत सिंह पुत्र लालचंद (50) वर्ष निवासी ग्राम रतिया, थाना दमोह, जनपद सोलन (हिमाचल प्रदेश), अवतार सिंह पुत्र बलदेव सिंह (50)निवासी बनाड़, मोहाली (पंजाब), लाडी पुत्र प्रकाश सिंह (22) निवासी रोपड़ (पंजाब), गुरचरण सिंह पुत्र जगदीश सिंह (44) निवासी धमाणा, जिला रोपड़ (पंजाब)
जसकरण पुत्र पुरुषोत्तम (24) निवासी नवांशहर (पंजाब)
सचिन पुत्र रघुवीर सिंह (23) निवासी काशीपुर, खेड़ागंज (उत्तराखंड), जगमीत सिंह पुत्र हरप्रीत सिंह (14)निवासी 290 गांधीग्राम, देहरादून, उत्तराखंड।

दर्शनी गिलाफ बुकिंग 100 साल पहले
झंडा जी के आरोहण में दर्शनी गिलाफ का विशेष महत्व होता है। दर्शनी गिलाफ चढ़ाने के लिए 100 साल पहले ही बुकिंग करानी होती है, तब जाकर किस्मत वाले को ही यह सौभाग्य हासिल हो पाता है। इस दर्शनी गिलाफ को श्री झंडा जी पर चढ़ाए जाने से पहले उसे श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए रखा गया। दर्शनी गिलाफ के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगी रही। दर्शनी गिलाफ को छूकर श्रद्धालु धन्य हुए।

 

दर्शनी गिलाफ छूने को लालयत रहे श्रद्धालु।

झंंडे जी के आरोहण में मांगी मन्नतें
मखमली वस्त्र, सुनहरे गोटों, चंवर से सुसज्जित कर श्री झंडे जी का आरोहण किया गया। श्री झंडे जी को लकड़ियों की कैंची के सहारे धीरे-धीरे खड़ा किया गया। श्री झंडा साहिब को स्थापित किया तो श्रद्धालुओं ने ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बनकर खुद को सौभाग्यशाली समझा। इस दौरान श्रद्धालुओं की आंखें नम नजर आई।

श्रीगुरुरामराय का जन्मदिन मनाया
श्री गुरू राम राय ने वर्ष 1676 में दून में डेरा डाला था। उनका जन्म 1646 में पंजाब के होशियारपुर जिले के कीरतपुरमें होली के पांचवें दिन हुआ था। इसलिए दरबार साहिब में हर साल होली के पांचवें दिन उनके जन्मदिवस पर झंडा मेला लगाया जाता है। गुरू राम राय ने ही लोक कल्याण के लिए विशाल ध्वज को यहां स्थापित किया था। इस बार उनका 374वां जन्मदिवस धूमधाम से मनाया गया।

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