बड़ासी पुल की दीवार टूटने पर सरकार की बड़ी कार्रवाई, तीन सीनियर इंजीनियर किए सस्पेंड

वैली समाचार, देहरादून। 

राजधानी के बड़ासी पुल की दीवार टूटने पर 24 घण्टे के भीतर उच्च स्तरीय जांच बिठाने के बाद सरकार ने पुल निर्माण के वर्तमान और पूर्व अधिशासी अभियंता समेत तीन इंजीनियरों को सस्पेंड कर दिया है। मामले की जांच वरिष्ठ चीफ इंजीनियर को सौंपी गई है। सरकार की इस कार्रवाई से लोक निर्माण विभाग में हड़कंप मचा है।

मुख्यमंत्री तीरथ रावत सरकार ने निर्माण में गड़बड़ी पर बड़ी कार्रवाई की है। कुछ दिन पहले वीवीआइपी रोड रायपुर थानों डोईवाला मार्ग पर बड़ासी पुल की एप्रोच ध्वस्त हो गया थी। इससे पुल पर भारी वाहनों की आवाजाही रोक दी थी। मुख्यमंत्री ने गत दिवस इस पुल निर्माण की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए थे। जांच के आदेश के 24 घण्टे भी नहीं बीते की पुल निर्माण में गड़बड़ी के लिए प्रथम दृष्टया पूर्व अधिशासी अभियंता, वर्तमान अधिशासी अभियंता समेत सहायक अभियंता को सस्पेंड कर दिया है। जानकारी के अनुसार सरकार ने  अधिशासी अभियंता जीत सिंह रावत, तत्कालीन अभी अधिशासी अभियंता शैलेंद्र मिश्र और सहायक अभियंता अनिल कुमार चंदोला को निलंबित किया गया है। तीनों अधिकारी निलंबन की अवधि में क्षेत्रीय मुख्य अभियंता कार्यालय लोक निर्माण विभाग पौड़ी में संबंध रहेंगे।

 

ईई मिश्रा थानों पुल गड़बड़ी में भी नपे थे

अधिशासी अभियंता शैलेंद्र मिश्रा पर करीब तीन साल के भीतर दूसरी बड़ी कार्रवाई है। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के निरीक्षण में 2018 में निर्माण के दौरान ही थानों पुल पर दरारें आ गईं थीं। इस मामले में अधिशासी अभियंता शैलेंद्र मिश्रा समेत चार अभियंता सस्पेंड किये गए थे। उनके खिलाफ डिमोशन तक कि कार्रवाई की गई थी। हालांकि कुछ समय पहले उन्हें बहाल कर दिया था। अब दुबारा सस्पेंड की कार्रवाई उनके खिलाफ हुई है।

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