देहरादून के अमोघ नारायण मीणा की अनूठी पहल, पर्यावरण दिवस पर श्मशान घाट पर किया पौध रोपण
-कोरोना संक्रमण में जिंदगी हार गए लोगों की याद में पौध रोपण की अनूठी अपील
-प्रेमनगर के श्मशान घाट में अमोघ ने रोपे विभिन्न प्रजाति के पौधे
वैली समाचार, देहरादून।
स्कूल में पढ़ने लिखने की उम्र से पर्यावरण, वन्यजीवों के संरक्षण के साथ साथ समजा में स्वच्छता के सजग प्रहरी के रूप में भूमिका निभा रहे अमोघ नारायण मीणा ने कोरोना संक्रमण के बीच विश्व पर्यावरण दिवस को अनूठे अंदाज में मनाया है। अमोघ ने कोरोना काल में जिंदगी की जंग हार चुके लोगों की याद में श्रद्धांजलि के रूप में पौध रोपण किया है। इसकी शुरुआत भी श्मशान घाट से की है। अमोघ इस मुहिम को अब उन लोगों तक भी पहुंचाएगा, जिन्होंने इस कोरोना काल में अपने खोए हैं। अमोघ मृत आत्माओं की शांति को परिजनों से भी एक एक पौधे रोपने की अपील करेंगे।
यूं तो देश और दुनिया में विश्व पर्यावरण दिवस अपने अंदाज में हर किसी ने मनाया है। लेकिन उत्तराखंड के प्रेमनगर ( देहरादून) निवासी अमोघ नारायण मीणा ने कुछ अनूठे तरीके से पर्यावरण दिवस में अपनी भागीदारी निभाई है। इंटरमीडिएट की पढ़ाई कर रहे अमोघ ने सबसे पहले अपने घर, आंगन में रोप गए पौधों की देख रेख की। इस दौरान अपने परिसर में कुछ पौधे रोपे गए। इसके बाद अमोघ ने लम्बे समय से पर्यावरण को लेकर चलाई जा रही मुहिम में इस बार कोरोना संक्रमण के बीच विश्व पर्यावरण दिवस अपने दोस्तों के साथ मनाने का निर्णय लिया। इसके लिए अमोघ ने प्रेमनगर के श्मशान घाट को चुना। श्मशान घाट में इस बार सैकड़ों की संख्या में कोरोना संक्रमण से जिंदगी हार चुके लोगों का अंतिम संस्कार हुआ। ऐसे में अमोघ ने मृतकों की याद में बतौर श्रद्धांजलि के रूप में श्मशान घाट के आसपास खाली जमीन पर पौध रोपण का निर्णय लिया। यहां अमोघ ने सन्नी कुमार, रणबीर, सुजल आदि को साथ लेकर पर्यावरण संरक्षण को लेकर विभिन्न प्रजाति के पौधे रोपे गए। अमोघ ने बताया कि कोरोना काल में दुनियाभर में लोगों ने अपनों को खोया है। इस विपदा को लोग कभी नहीं भूल पाएंगे। ऐसे में अपनों की याद में लोग यदि एक एक पौधे रोपे तो पर्यावरण संरक्षण के साथ मृत आत्माओं की याद में सच्ची श्रद्धांजलि होगी। अमोघ ने कहा कि प्रेमनगर से शुरू हुई मुहिम को वह दूसरे ज़िलों, राज्यों और देश दुनिया तक विभिन्न माध्यमों से ले जाएंगे। ताकि लोग अपने घर, आंगन, परिसर, मोहल्ले, गांव और कस्बों में पौध रोपण करेंगे। बहरहाल देहरादून से अमोघ की इस पहल की खूब तारीफ हो रही है।
अमोघ को वन मंत्री कर चुके सम्मानित
छोटी उम्र में पर्यावरण और वन्यजीवों के प्रति अमोघ के काम से राज्य के वन एवं पर्यावरण मंत्री हरक सिंह रावत भी प्रभावित हो चुके हैं। उन्होंने अमोघ के पर्यावरण और वन्यजीवों के संरक्षण के कार्यों की न केवल तारीफ की बल्कि सम्मानित भी कर चुके हैं। इसके अलावा स्वच्छता, जन जागरूकता समेत अन्य कार्यों के लिए भी विभिन्न सरकारी और प्राइवेट संस्था अमोघ को सम्मानित कर चुकी है।