उत्तराखंड में कोरोना कर्फ्यू को अनलॉक पर सरकार 7 जून को लेगी फैसला
वैली समाचार, देहरादून।
उत्तराखंड में कोरोना कर्फ्यू को अनलॉक करने में अभी समय लगेगा। व्यापारियों के आंदोलन के बीच सरकार ने भी स्पष्ट कर दिया कि आम लोगों की सुरक्षा का ख्याल रखने के बाद ही अनलॉक पर निर्णय लिया जाएगा। सरकार के प्रवक्ता एवं वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि दबाव में किसी तरह का फैसला नहीं लिया जाएगा। व्यापारियों की मांग जायज है, लेकिन संक्रमण दर कर होने पर ही बाज़ार खोलने समेत अन्य व्यवस्थाओं को अनलॉक किया जाएगा।
उत्तराखंड में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में कमी को देखते हुए कोविड कर्फ्यू में ढील देने की मांग उठने लगी है। व्यापारियों ने तो बाकायदा आंदोलन के साथ सरकार पर अनलॉक का दबाव बनाया जा रहा है। सरकार ने सभी पहलुओं की समीक्षा करने के बाद फैसला सात जून को होने वाली बैठक में लेने का निर्णय लिया है। इस बीच मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत स्थिति पर नजर रखने के साथ ही जिलों से लगातार फीड बैक ले रहे हैं। सरकार के प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल के मुताबिक कोविड की परिस्थितियों के मद्देनजर सभी पहलुओं पर विमर्श के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा। कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों की रोकथाम के दृष्टिगत सरकार ने 10 मई को दोपहर एक जून से प्रदेश में प्रथम चरण का कोविड कर्फ्यू लागू किया। इसके बाद द्वितीय, तृतीय व चतुर्थ चरण में कर्फ्यू की अवधि एक-एक हफ्ते आगे बढ़ाई गई। चतुर्थ चरण के कर्फ्यू की अवधि आठ जून को सुबह छह बजे समाप्त हो रही है।
कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल के अनुसार वर्तमान में पहली प्राथमिकता जनता की कोविड से रक्षा करना है। इसके लिए सरकार मुस्तैदी से जुटी है। उन्होंने कहा कि जहां तक कर्फ्यू में ढील अथवा क्या-क्या छूट दी जानी है, इन समेत सभी पहलुओं पर विचार-विमर्श के बाद ही सात जून को फैसला लिया जाएगा। उन्होंने फिर दोहराया कि दबाव में कोई निर्णय नहीं लिया जाएगा। कोरोना वायरस संक्रमण से जनता की रक्षा के लिहाज से ही फैसला लिया जाएगा।
अभी तक ये व्यवस्थाएं
राज्य में कोरोना कर्फ्यू में सुबह आठ बजे से 11 बजे तक आवश्यक वस्तुओं में अंडा, ब्रेड, मांस मछली, सब्जी, फल, दूध आदि की दुकानें खोली जा रही हैं। राशन की दुकानों को सप्ताह में दो दिन सुबह आठ से दोपहर एक बजे तक खोलने की अनुमति है। इसके तहत आज भी राशन व परचून की दुकानें खोली गई हैं। पहले राशन की दुकानों को खोलने की सप्ताह में एक दिन की अनुमति थी। अन्य दुकानदार लगातार बंदी के चलते परेशान हो उठे हैं।