राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने प्रख्यात पर्यावरणविद सुंदरलाल बहुगुणा के निधन पर जताया शोक
वैली समाचार, देहरादून।
चिपको आंदोलन के प्रणेता और प्रख्यात पर्यावरणविद् सुंदरलाल बहुगुणा का निधन हो गया है। वे कोरोना संक्रमित थे। एम्स ऋषिकेश में उनका इलाज चल रहा था। उनके निधन पर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत,समेत राजनीतिक हस्तियों ने भी उनके निधन पर शोक जताया है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने प्रसिद्ध पर्यावरण विद् सुन्दरलाल बहुगुणा के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उनके निधन को पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में एक गौरवशाली अध्याय का अंत बताया। श्री कोविंद ने पदम विभूषण से सम्मानित एक सच्चे गांधीवादी के रूप में उन्हें याद किया।वही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी सुन्दर लाल बहुगुणा के निधन पर दुख व्यक्त किया है और इसे राष्ट्र की अपूरणीय क्षति बताई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि चिपको आन्दोलन के प्रेरणता श्री बहुगुणा में जो सादगी और करूणा की भावना थी उससे युगों युगों तक लोग प्रेरित होंगे। उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने विख्यात पर्यावरणविद्, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं चिपको आंदोलन के महानायक सुंदरलाल बहुगुणा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। राज्यपाल ने दिवगंत आत्मा की शान्ति एवं शोकाकुल परिजनों एवं शुभचिंतकों को धैर्य प्रदान करने की कामना की है। अपने संदेश में राज्यपाल मौर्य ने कहा कि हिमालय के रक्षक सुंदरलाल बहुगुणा जी के निधन का समाचार सुनकर अत्यंत दुःख हुआ। पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में सुंदरलाल बहुगुणा जी का योगदान अविस्मरणीय है। उनका निधन संपूर्ण देश तथा विश्व के लिए अपूरणीय क्षति है। चिपको जैसे विश्वविख्यात आंदोलन का नेतृत्व करने वाले वृक्षमित्र सुंदरलाल बहुगुणा जी जल, जंगल, मिट्टी और बयार को जीवन का आधार मानते थे। पर्यावरण संरक्षण को समर्पित उनका जीवन और सिद्धान्त विश्वभर में पर्यावरण हितैषियों को सदैव प्रेरित करता रहेगा।