राज्य में एक मॉडल के बनेंगे 50 सहकारी बैंक भवन

(देहरादून में समीक्षा बैठक लेते मंत्री डॉ धन सिंह रावत)

-सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने विभागीय समीक्षा बैठक में दी जानकारी

-वार्षिक अवलोकन के बाद सर्वक्षेष्ठ बैंक राज्य स्तर पर होगा सम्मानित

-यात्रा भत्ता एवं सिटिंग एलाउंस में बढ़ोत्तरी कर एकरूपता लाने के दिए निर्देश

देहरादून। राज्य के सहकारिता, उच्च शिक्षा, दुग्ध विकास और प्रोटोकाॅल मंत्री डाॅ धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य में जल्द 50 सहकारी बैकों को अपना भवन मिल जाएगा। इसके लिए सरकार ने बजट की व्यवस्था कर दी है। यह भवन एक डिजाइन और मॉडल के रूप में बनाए जाएंगे। इस सम्बंध में बैक और समितियों को समन्यवय बनकर जल्द रिपोर्ट देने को कहा गया है।

सहकारिता मंत्री डॉ रावत ने दून विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित बैठक में विभाग के कार्यों की समीक्षा की। बैठक में गढ़वाल मंडल के सहकारी बैंक एवं समितियों के समस्त पदाधिकारी एवं अधिकारियों ने प्रतिभाग किया। सहकारिता मंत्री डाॅ रावत ने कहा कि जो जिला सहकारी बैंक उत्कृष्ट प्रदर्शन करेगा उसे प्रदेश स्तर पर पुरस्कृत किया जायेगा। जिसके लिए एक समिति का गठन कर प्रदेश भर के बैंकों व समितियों का वार्षिक अवलोकन किया जायेगा। बैठक में सहाकारिता मंत्री ने संचालक मंडल का यात्रा भत्ता एवं सिटिंग एलाउंस में बढ़ोत्तरी करते हुए एकरूपता लाने के निर्देश अधिकारियों को दिये। इसके अलावा डाॅ रावत ने सहकारिता बैंक और समितियों को और अधिक लाभ अर्जित करने के लिए संचालन मंडल सहित प्रत्येक पदाधिकारी एवं अधिकारियों की जिम्मेदारी नियत करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि बैंक सचिवों व आंकिकों का कैडर निर्धारित किया जायेगा। जल्द नियमावली तैयार कर प्रस्ताव कैबिनेट में रखने के लिए निर्देश दिये। सहकारिता मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पूरे प्रदेश में सहकारिता बैंके के 50 भवनों के लिए धनराशि देगी। इसके लिए बैंकों व सहकारी समितियों को आपसी समन्वय से समिति की उपलब्ध जमीन पर बैंक भवन का निर्माण किया जायेगा। जिनका रंग और स्वरूप पूरे प्रदेश में एक जैसा होगा। मंत्री ने सहकारिता बैंक और समितियों के पदाधिकारी और अधिकारियों को कड़े निर्देश दिये कि वह अपनी कार्यशैली में सुधार लेें, अन्यथा सीधी कार्रवाई की जाएगी।

सचिव ने रखा तीन साल का रिपोर्ट कार्ड

बैठक में विभागीय सचिव आर. मिनाक्षी सुंदरम ने योजनाओं की जानकारी देते हुए कहा कि सहकारिता की उन्नति के लिए राजनीतिक और विभागीय मार्गदर्शन जरूरी है। उन्होंने बताया कि राज्य में सहकारिता क्षेत्र की स्थिति पिछले तीन वर्ष में काफी बेहत्तर हुई है जिसका श्रेय उन्होेंने डाॅ रावत को दिया। उन्होंने बैंक और समिति के अधिकारी और पदाधिकारियों को टारगेट पूरे करने के निर्देश दिये। साथ ही उन्होंने बताया कि सहकारिता के जरिये अब पर्वतीय उत्पादों का एमएसपी (डैच्) तय की जायेगी जिसका लाभ प्रदेश के किसानों को मिलेगा।
विभागीय सचिव ने बताया कि प्रदेश में आर्गेनिक एक्ट लागू कर दिया गया है जिसके लिए चयनित विकासखंडों में सहकारिता विभाग द्वारा बायोफर्टीलाइजर का विपणन किया जायेगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश में कुछ स्थानों पर सामूहिक खेती का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया था जिसके काफी अच्छे नतीजे मिले। इस योजना को सहकारिता के जरिये अन्य विकास खंडों में शुरू करने की योजना है। बैठक में उन्होंने बताया कि प्रदेश में डेरी सेक्टर में गाय पालन व भेड़-बकरी पालन योजना को शुरू किया जायेगा।

इनकी भी की समीक्षा
इससे पूर्व विभागीय मंत्री डाॅ धन सिंह रावत द्वारा गढ़वाल मंडल के सहकारी बैंक व समिति की जनपदवार ऋण वितरण व वसूली, दीन दयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना व स्वयं सहायता समूह ऋण वितरण, सहकारी बैंक शाखाओं एवं ग्रामीण बचत केंद्रों की समीक्षा की गई। इसके अलावा बैठक में शाखावार एक मुश्त समझौता योजना (ओटीएस) एवं राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना की समीक्षा भी की गई।

बैठक में ये रहे मौजूद
बैठक में राज्य सहकारी बैंक के चेयरमैन दान सिंह रावत, यूसीएफ के अध्यक्ष बृजभूषण गैरोला, उपाध्यक्ष मातवर सिंह रावत, सचिव सहकारिता आर. मिनाक्षी सुंदरम, सहकारिता निबंधक बी.एम. मिश्रा, अपर निबंधक ईरा उप्रेती, उप निबंधक रमेन्द्री मंद्रवाल सहित गढ़वाल मंडल के समस्त बैंकों के अध्यक्ष, महाप्रबंधक, उपप्रबंधक, सहायक निबंधक, निदेशक एवं अन्य अधिकारी और पदाधिकारी उपस्थित थे।

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