आयुष्मान योजना से अब देश के 20 हजार अस्पतालों में इलाज
-पीएम जन आरोग्य योजना की तर्ज पर मिलेगी नेशनल पोर्टेबिलिटी की सुविधा
-अभी तक राज्य के अस्पतालों में मिल रहा था एएयूवाई योजना का लाभ
-कैबिनेट की मंजूरी के बाद इमरजेंसी मरीजों को मिलेगा बड़े अस्पतालों में इलाज
देहरादून। उत्तराखंड कैबिनेट की मुहर लगने के बाद अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के लाभार्थी राज्य के बाहर भी मुफ्त इलाज करा पाएंगे। प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना की तर्ज पर मरीजों को अब नेशनल पोर्टेबिलिटी की सुविधा मिलेगी। योजना के लिए सरकार ने देश के करीब 20 हजार निजी एवं राजकीय नामी अस्पतालों को सूचीबद्ध किया हैै। यहां मरीज योजना से अपना निश्शुल्क उपचार प्राप्त कर सकेंगे।
दरअसल, प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना के तहत मरीजों को देशभर के नामी अस्पतालों में इलाज करने की सुविधा है। मगर अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना (एएयूवाई) के लाभार्थियों को नेशनल पोर्टेबिलिटी की सुविधा नहीं मिल रही थी। अभी तक वह प्रदेश के सरकारी अस्पताल व योजना के तहत संबद्ध निजी अस्पताल में ही इलाज करा सकते थे। ऐसे में कई गंभीर बीमारियों के इलाज की प्रदेश में बेहतर व्यवस्था न होने के कारण मरीजों को परेशानी उठानी पड़ रही थी। जिससे अब उन्हें निजात मिल गयी है। नेशनल पोर्टेबिलिटी के तहत मरीजों को राज्य के बाहर भी मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी। इससे गंभीर बीमारी की सूरत में मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी। बता दें, राज्य में न्यूरो सर्जरी, हार्ट सर्जरी, कैंसर और बर्न केस में इलाज की ज्यादा सुविधा नहीं है। राज्य में एम्स, हिमालयन अस्पताल, श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल आदि में यह सुविधा है, लेेकिन इन अस्पतालों में चिकित्सक सीमित हैं। ऐसे में इमरजेंसी की स्थिति में लोगों को इलाज नहीं मिल पा रहा है। इसे देखते हुए ही बाहर भी इलाज की सुविधा दिए जाने का फैसला लिया गया है। अब उम्मीद है कि इस योजना का लाभ ज्यादा और देशभर के अस्पतालों में मरीजों को मिल सकेगा। कैबिनेट का यह फैसला राज्य के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा, यदि इसकी मॉनिटरिंग सरकार के स्तर से गंभीरता से की जाएगी।
रेफरल की बाध्यता भी समाप्त
अटल आयुष्मान योजना के लाभार्थियों को और एक बड़ी सहूलियत मिल गयी है। उनके लिए रेफरल की बाध्यता भी खत्म की गई है। यह अलग बात है कि वह प्राइवेट मेडिकल कॉलेज या नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड फॉर होस्पिटल्स एंड हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स (एनएबीएच) सर्टिफाइड सूचीबद्ध अस्पताल में ही सीधा भर्ती हो पाएंगे। बता दें, प्राइवेट अस्पताल में अटल आयुष्मान योजना का लाभ लेने के लिए अभी सरकारी अस्पताल से रेफर होने की बाध्यता है। इमरजेंसी को छोड़कर बाकी सभी मामलों में मरीजों को पहले सरकारी अस्पताल में ही भर्ती होना होता है। सरकारी अस्पताल में कोई सुविधा न होने पर ही उसे निजी अस्पताल के लिए रेफर किया जाता है।
दस कॉल सेंटर का गठन
अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के लाभार्थियों को अब कॉल सेंटर की भी सुविधा मिलेगी। इसके लिए दस कॉल सेंटर की शुरुआत की जा रही है। किसी भी तरह की समस्या होने पर लाभार्थी इन कॉल सेंटर में फोन कर पाएंगे। इसके अलावा योजना से जुड़ी जानकारी भी वह कॉल सेंटर से ले सकते हैं।