शहीदों के घर-आंगन की मिट्टी और निशानी से बनेगा सैन्य धाम, अगला सीएम यहीं लेगा शपथ

वैली समाचार, देहरादून। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पंख लगा रहे हैं। पीएम ने उत्तराखंड में जो पांचवें धाम का सपना देखा, उसको सीएम रावत ने आज शिलान्यास कर साकार करना शुरू कर दिया है। सीएम ने कहा सैन्य धाम शहीदों के घर-आंगन की मिट्टी और यादों से जुड़ी निशानी से तैयार होगा। सैन्य धाम दो साल में बनकर तैयार होगा और अगला सीएम यहां शपथ लेगा। इस दौरान मुख्यमंत्री ने शहीद सैनिकों के परिजनों को राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली सम्मान राशि में बढ़ोत्तरी करते हुए 15 लाख करने की घोषणा की है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने देहरादून के पुरकुल गांव में राज्य स्तरीय सैन्य धाम का शिलान्यास किया। इस दौरान मुख्यमंत्री शहीद सैनिकों के परिवारों लिए बड़े ऐलान भी किए। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शहीद होने वाले सैनिकों के सम्मान में राज्य सरकार की तरफ से दी जा रही राशि को 15 लाख रुपए तक करने की घोषणा की है पहले यह राशि ₹10 लाख राज्य सरकार की तरफ से दी जाती थी। करीब 4 हैक्टेयर जमीन पर बनाने वाले सैन्य धाम को लेकर सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि ये उत्तराखंड के सैनिकों और शहीद जवानों के प्रति सम्मान है। देश की आजादी के पश्चात् देश की रक्षा में अपना बलिदान देने वाले वीर सपूतों का विवरण यहां अंकित होगा। सैन्यधाम में राज्य की गौरवशाली सैन्य परम्परा के साथ ही इससे संबंधित जानकारी भी आम जनता को उपलब्ध होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उत्तराखंड के पांचवे धाम के रूप में सैन्य धाम का नाम लिया था। अब देहरादून में सैन्य धाम बनने जा रहा हैं। इसके लिये पर्याप्त भूमि व धनराशि की व्यवस्था की गई है।

 

सचिवालय में आई कार्ड से सीधा प्रवेश

मुख्यमंत्री ने कहा कि सैनिकों का हित हमारे लिए सर्वोपरि है। सैनिकों और पूर्व सैनिकों की समस्याओं के समाधान के लिए शासन स्तर अपर मुख्य सचिव और जिला स्तर अपर जिलाधिकारी को नोडल अधिकारी तैनात किया है। सैनिकों एवं पूर्व सैनिकों की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिये सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं। राज्य सरकार द्वारा शहीद सैनिकों व अर्ध सैनिकों के एक परिजन को योग्यता के अनुसार सरकारी नौकरी में समायोजित करने की व्यवस्था की है। अबतक 14 आश्रितों को सेवायोजित किया जा चुका है जबकि 06 की नियुक्ति प्रक्रिया गतिमान है। सचिवालय में प्रवेश के लिए सैनिकों और पूर्व सैनिकों को अलग से प्रवेश पत्र बनवाने की आवश्यकता नहीं है। वे अपने आईकार्ड से ही सचिवालय में प्रवेश कर सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *