कमिश्नर कार्यालय की अव्यवस्था पर मुख्यमंत्री नाराज, अनुपस्थित कार्मिकों का कटेगा वेतन
-11 कार्मिकों में से दफ्तर में मुख्यमंत्री को मिले सिर्फ चार कर्मचारी, 7 अनुपस्थित
-दफ्तर की कार्य प्रणाली पर सीएम ने जताई गहरी नाराजगी, सुधार की दी हिदायत
-पौड़ी स्थित गढ़वाल कमिश्नर का दफ्तर लम्बे समय से दून कैम्प से हो रहा संचालित
वैली समाचार, देहरादून।
गढ़वाल कमिश्नर के दून कैम्प कार्यालय में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के औचक निरीक्षण में भारी अव्यवस्था मिली। इस दौरान सीएम को दफ्तर के 11 कार्मिकों में से सिर्फ 4 ही उपस्थित मिले। दफ्तर में डाक पंजीकरण की व्यवस्था समेत अन्य अव्यवस्थाओं पर सीएम ने गहरी नाराजगी जाहिर कर कमिश्नर रविनाथ रमन को सुधार के निर्देश दिए। इधर, सीएम रावत की इस कार्रवाई से दफ्तर से नदारद रहने वाले कार्मिकों और अधिकारियों में हड़कंप मचा है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मंगलवार को मुख्य सचिव ओमप्रकाश को साथ लेकर सर्वे चौक स्थित गढ़वाल कमिश्नर कैम्प कार्यालय का औचक निरीक्षण किया। औचक निरीक्षण के दौरान सीएम को दफ्तर में भारी अव्यवस्था मिली। इस पर मुख्यमंत्री ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है। निरीक्षण के दौरान सीएम के सामने डाक रिसीविंग को लेकर अनूठा मामला सामने आया। बताया गया कि जो पत्र कमिश्नर कार्यालय में रिसीव होता है उसकी एंट्री के लिए पौड़ी भेजा जाता है। पत्र प्राप्ति रजिस्टर मांगे जाने पर कार्यालय में उपस्थित कार्मिकों ने जानकारी दी कि पत्र प्राप्त होने के बाद अंकन के लिए पौड़ी स्थित कमिश्नर कार्यालय में जाता है। यह पूछे जाने पर कि किसके आदेश पर यह व्यवस्था की गई है। कार्यालय के कार्मिकों ने जानकारी दी कि 2019 में तत्कालीन वैयक्तिक सहायक द्वारा इसके लिए मौखिक आदेश दिये गये थे। इस पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए कमिश्नर गढ़वाल रविनाथ रमन को निर्देश दिये कि यह कार्य के प्रति गंभीर लापरवाही को दर्शाता है। इसमें तत्काल सुधार लाया जाए। निरीक्षण के दौरान कार्यालय में तैनात 11 कार्मिकों में से मौके पर केवल चार कार्मिक ही उपस्थित मिले। उपस्थिति पंजिका के निरीक्षण के बाद मुख्यमंत्री ने गढ़वाल कमिश्नर रमन को निर्देश दिये कि जिन कार्मिकों के उपस्थिति पंजिका में हस्ताक्षर नहीं है, उनका तत्काल वेतन रोका जाए। इसके साथ ही अन्य अव्यवस्थाओं में भी सुधार के निर्देश दिए। बहरहाल सीएम के औचक निरीक्षण से दफ्तर आने में मनमानी और लापरवाही बरतने वाले कार्मिकों और अधिकारियों में हड़कंप मचा है।