डॉक्टर से नौकरी के नाम पर लाखों ठगने वाला पत्रकार गिरफ्तार, पुलिस ने ऐसा किया खुलासा
–लॉक डाउन में महिला डॉक्टर को दिया एनपीपीए में असिस्टेंट डायरेक्टर के पद पर नौकरी का झांसा
-रायपुर पुलिस ने आरोपी पत्रकार को वसंतविहार स्थित घर से किया गिरफ्तार, जेल भेजा
-कई और लोगों से नौकरी के नाम पर ठगी करने की बात आई सामने, जांच में जुटी पुलिस
वैली समाचार, देहरादून।
रायपुर पुलिस ने नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले एक कथित पत्रकार को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने एक महिला डॉक्टर को लॉक डाउन में एनपीपीए में असिस्टेंट डायरेक्टर के पद पर नौकरी दिलाने का झांसा था। इस दौरान महिला डॉक्टर से करीब साढ़े सात लाख रुपये की ठगी की गई। रायपुर पुलिस ने आरोपी को उसके वसंतविहार स्थित किराए के घर से गिरफ्तार किया है। कोर्ट में पेश करने के बाद आरोपी को जेल भेज दिया है।
रायपुर के थानाध्यक्ष दिलबर सिंह नेगी ने बताया कि 17 अगस्त 2020 को डॉ. प्रतिमा सिंह पत्नी अजय शंकर निवासी गंगोत्री विहार ने स्वयं से ठगी की शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में आरोप लगाया था कि अभय कुमार पुत्र केशव सिंह निवासी गरिमा मीडिया हाउस दत्ता हाउस बसंत विहार देहरादून, मूल निवासी ला0 न0 17 मालवीय नगर सीवान जिला सीवान, बिहार, ने उनसे एनपीपीए में असिस्टेंट डायरेक्टर के पद पर नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जी विज्ञप्ति दिखाई। साथ ही फर्जी नियुक्ति पत्र देकर 745000 रुपये ठग लिए। इस पर थाना रायपुर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी में मुकदमा दर्ज किया था।
पुलिस के मुताबिक विवेचना में पाया गया कि आरोपी एक समाचार पत्र का पत्रकार है। इसकी आड़ में वह फर्जीवाड़ा करता है। लॉकडाउन के दौरान उसने महिला चिकित्सक को बताया कि चिकित्सकों की आवश्यकता है। उसे झांसे में लेकर उक्त रकम हड़प ली। आरोपी की तलाश की जा रही थी। लगातार फरार होने के कारण न्यायालय से आरोपी की गिरफ्तारी वारंट प्राप्त किया गया। गुरुवार की रात पता चला कि वह वसंत विहार स्थित किराए के आवास में आया हुआ है। इस पर पुलिस टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया। उसे न्यायालय में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया।
कुछ और लोगों से भी की गई ठगी
पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह पत्रकार है। अक्सर उसका कई विभागों में आना जाना रहता है। उसने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से स्वास्थ्य सचिव के नाम का फर्जी नियुक्ति पत्र महिला चिकित्सक को दिया था। इस तरह के कई लोगों को उसने फर्जी नियुक्ति पत्र दिए हैं। ये पत्र फर्जी रूप से स्वास्थ्य सचिव व अन्य सचिव के हस्ताक्षर से जारी किए गए हैं। अभियुक्त ने एक अन्य व्यक्ति आशीष कुमार को भी राजभवन के नाम से एक फर्जी नियुक्ति पत्र दिया था। पुलिस के मुताबिक उसने कितने लोगों से ठगी की है, इसका पता लगाया जा रहा है।