डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने क्यों लिखी “नमस्ते देहरादून को भावुक चिट्ठी”पढ़िए पूरी खबर…
-16 माह के कार्यकाल की उपलब्धि और अधूरे काम का चिट्ठी में किया जिक्र
-गृह जनपद में आलोचना और सराहना करने वालों का भी जताया आभार
-सीएम, गृह सचिव, उच्चाधिकारियों से लेकर ज़िले की टीम को भी कहा थैंक्यू
वैली समाचार, देहरादून।
राजधानी में 16 माह की कप्तानी करने के बाद ट्रांसफर हुए डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने आम लोगों के नाम “नमस्ते देहरादून” की भावुक चिट्ठी लिख दिल से आभार जताया। डीआईजी ने गृह जनपद में 16 माह के सेवा के दौरान मिली चुनौती, सफलता, सराहना और आलोचना करने वाला का अनूठे तरीके से आभार जताया है। सोशल मीडिया में डीआईजी की यह चिठ्ठी वायरल होने पर खूब वाहवाही बटोर रही है।
राजधानी में 3 अगस्त 2019 को कप्तानी संभालने से पहले ही डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने दो टूक कहा था कि आम और खास के लिए कानून समान है। यही नहीं मर्सिडीज और रिक्शा का उदाहरण देते हुए डीआईजी ने साफ कहा था कि व्यक्ति देख कर नहीं बल्कि अपराध देखकर पुलिस कार्रवाई करेगी। इस पर दून पुलिस पूरी तरह से खरी भी उतरी। खासकर राजधानी बनने के बाद डेढ़ साल में ऐसे अपराध घटित हुए जो पुलिस को हर कदम पर चुनौती दे गए। मगर, डीआईजी की टीम ने हर तरह के अपराध का खुलासा कर अपराधियों को सलाखों के भीतर डाला। लूट, डकैती, हत्या, साइबर ठगी, प्रॉपर्टी, किट्टी, नशा जैसे संगीन अपराध पर दून पुलिस ने चाबुक चलाते हुए अपराधियों की कमर तोड़ डाली। लॉक डाउन में तो डीआईजी अरुण मोहन जोशी की टीम ने देशभर में एक मिसाल कायम कर डाली। विपदा में फंसे लोगों को घर पहुंचाने से लेकर रोजगार छीनने के बाद भूखे प्यासों की मदद को पुलिस ने अपनी जिम्मेदारी में शामिल किया। इसकी तारीफ न केवल राज्य बल्कि देशभर में हुई। दून से शुरू हुई इस पहल को दूसरे जिलों और राज्यों ने अपनाया। बहरहाल डीआईजी अरुण मोहन जोशी की कप्तानी ने दून में सफलता की जो लाइन खींची है, उससे आने वाले कप्तानों को भी बहुत कुछ सीखने को मिलेगा।
गृह जनपद की कप्तानी से हर पल था डर
डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने नमस्ते देहरादून को लिखे पत्र में कहा कि गृह जनपद में पोस्टिंग से हल पर डर लग रहा था। अपने चिर परिचित, रिश्तेदारों के सामने कोई ऐसी स्थिति न आ जाए कि कमजोर पड़ जाए। इसके अलावा कई और चुनौतियों का ज़िक्र भी डीआईजी ने पत्र में किया।
सीएम से लेकर गृह सचिव का जताया आभार
डीआईजी ने अपने पत्र में लिखा कि देहरादून की कप्तानी को लेकर कई नाम लम्बे समय से चर्चा में थे। उनके नाम पर मुहर लगेगी इसका अनुमान किसी को नहीं था। मुख्यमंत्री, गृह सचिव और उच्चाधिकारियों ने उन पर जो भरोसा जताया उससे हर कोई हैरान था। उन्होंने सरकार से लेकर अपनी टीम में शामिल रहे सिपाही तक का दिल से आभार जताया। चिठ्ठी में लिखा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का जो स्नेह उन्हें मिला, वह कभी नहीं भूल पाएंगे। इसी तरह गृह सचिव नितेश झा ने तमाम अटकलों पर विराम लगाकर उनको कप्तान की जिम्मेदारी सौंपकर भरोसा जताया है।