पीएनबी बैंक में 20 करोड़ के घोटाले में देहरादून सीबीआई ने दर्ज किया मुकदमा, कई बैंक कर्मी और कारोबारियों पर कसेगा शिकंजा
-कथित कारोबारियों ने फर्जी सपत्ति बंधक दिखाकर बैंक से लिया 10-10 करोड़ का लोन
-बैंक अधिकारी, कर्मचारियों के साथ बैंक के पैनल में शामिल वकीलों ने किया घोटाला
-सीबीआई ने पीएनबी के चीफ मैनेजर की तहरीर पर दर्ज किया मुकदमा, जांच शुरू
वैली समाचार, देहरादून।
देहरादून सीबीआई ने पंजाब नेशनल बैंक सूर्यनगर ब्रांच आगरा में हुए 20 करोड़ के लोन घोटाले में आज दो मुकदमे दर्ज किए हैं। इसमें बैंक अधिकारी, कर्मचारी, कथित कारोबारी, बैंक के पैनल में शामिल वकील, गारंटर और अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया है। बैंक के चीफ मैनेजर की तहरीर पर यह मुकदमा दर्ज किया है। सीबीआई के एसपी पीके पाणिग्रही ने मुकदमे की पुष्टि की है। मुकदमे दर्ज होने के बाद सीबीआई लोन घोटाले में शामिल लोगों के खिलाफ जल्द बड़ी कार्रवाई कर सकती है।
सीबीआई देहरादून में दर्ज एफआईआर के अनुसार टाइल्स कारोबारी दीपक कालरा ने पीएनबी सूर्यनगर शाखा आगरा में 10 करोड़ की सीसी लोन को आवेदन किया। बैंक ने पैनल वकील अनिल कुमार शर्मा दिनेश कुमार शर्मा दोनों निवासी सिविल कोर्ट गाजियाबाद, रमेशचन्द्र जैन आरसी जैन एंड एसोसिएट, नेहरुग्राम गाजियाबाद, एमएस अशोक सेनेटरी तथा बैंक अधिकारी और कर्मचारियों के साथ मिलकर बैंक लोन प्राप्त किया। इसी तरह मोनिका रानी संतनगर दिल्ली ने अपनी फर्म के नाम पर 2017 में 10 करोड़ की सीसी लोन लिया। इसमें भी अज्ञात बैंक अधिकारी और कर्मचारी, पीएनबी बैंक सूर्यनगर ब्रांच दीवानी चौराहा आगरा उत्तरप्रदेश, राजीव मेहता, गारंटर सदर बाजार, करनाल हरियाणा, अनिल कुमार शर्मा बैंक पैनल वकील, सिविल कोर्ट परिसर राजनगर, गजियाबाद, हरिप्रिया एसोसिएट्स, गुरुनानकपुर दिल्ली, इंजीनियर वीरेंद्र प्रसाद सिंह, पैनल वैल्यूर से मिलीभगत कर 2018 में 10 करोड़ लोन प्राप्त किया। एसपी सीबीआई पीके पाणिग्रही के अनुसार दोनों मुकदमा दर्ज हो गए हैं। जांच इंस्पेक्टर सुनील कुमार लखेड़ा और इंस्पेक्टर प्रशांत कांडपाल को सौंपी गई है।
ऐसे दर्ज हुआ मुकदमा
पीएनबी के चीफ मैनेजर नितिन कुमार पांडेय ने लखनऊ सीबीआई को पिछले अगस्त पहले सप्ताह में 45-45 पन्नों की बैंक घोटाले से जुड़ी शिकायती दी। सीबीआई ने शिकायती पत्र की जांच की तो मामला सही पाया गया। इस पर सीबीआई के जॉइंट डायरेक्टर लखनऊ ने देहरादून ब्रांच को प्रकरण की जांच और मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए।
ऐसे खुला पूरा राज
आरोपियों ने अपनी फर्म के नाम से लोन लेने के बाद उसका भुगतान नहीं किया। बैंक ने जांच की तो पता चला कि जिस प्रॉपर्टी को बंधक बनाया गया था, वह लोन से पहले ही बिक चुकी थी। इसके अलावा बैंक को फर्म का भी कोई पता नहीं चल पाया। इससे बैंक लोन फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। सीबीआई कहना है कि इस प्रकरण में बड़े गिरोह की संलिप्तता हो सकती है।
इनके खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा
मुकदमा–01
1-पीएनबी के तत्कालीन बैंक अधिकारी और कर्मचारी सूर्यनगर शाखा आगरा।
2-दीपक कालरा, अशोकनगर गजियाबाद उत्तरप्रदेश।
3-अनिल कुमार शर्मा, बैंक पैनल वकील सिविल परिसर गजियाबाद।
4-दिनेश शर्मा, सिविल परिसर गजियाबाद।
5-एमएस अशोक सेनेट्री नेहरुग्राम गजियाबाद।
6-रमेश चन्द्र जैन,आरसी जैन एंड एसोसिएट नेहरुग्राम गजियाबाद उत्तरप्रदेश।
मुकदमा–02
1-अज्ञात बैंक अधिकारी और कर्मचारी, पीएनबी बैंक सूर्यनगर ब्रांच दीवानी चौराहा आगरा उत्तरप्रदेश।
2-मोनिका रानी फर्म संचालिका शिवशुतः तपिस, सन्त नगर, दिल्ली।
3-राजीव मेहता, गारंटर सदर बाजार, करनाल हरियाणा।
4-अनिल कुमार शर्मा बैंक पैनल वकील, सिविल कोर्ट परिसर राजनगर, गजियाबाद।
5-हरिप्रिया एसोसिएट्स, गुरुनानकपुर दिल्ली।
6-इंजीनियर वीरेंद्र प्रसाद सिंह, पैनल वैल्यूर।