आईएमए में ट्रेनिंग के बाद देश को 333 तो 9 देशों को मिले 90 युवा सेना अफसर

वैली समाचार, देहरादून। 

कोरोना महामारी संकट के बीच भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) से प्रशिक्षण पूरा कर 333 युवा अफसर शनिवार को सेना का अभिन्न अंग बन गए। इनमें सैनिक बहुल प्रदेश उत्तराखंड के 31 युवा सैन्य अधिकारी भी शामिल हैं। साथ ही नौ मित्र देशों के 90 जेंटलमैन कैडेट भी पास आउट हुए हैं। थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवाणे ने बतौर निरीक्षण अधिकारी परेड की सलामी ली।

आईएमए के इतिहास में साल 2020 की पहली पासिंग आउट परेड कई मायनों में खास रही। आज का दिन और तारीख आईएमए के इतिहास में मील का पत्थर साबित होगी। यहां ट्रेनिंग ले रहे 146 रेगुलर कोर्स औऱ 129 टेक्निकल ग्रेजुएट कोर्स के कुल 423 जेंटलमैन कैडेट्स ने पासिंग आउट परेड में आज अंतिम पग पार करते हुए देश और विदेश की सेना के अंग बन गए। हालांकि कोरोना संक्रमण के चलते पीओपी में पहली बार कुछ बदलाव देखा गया। पासिंग आउट कोर्स को प्रेरित करने के लिए, सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवने खुद परेड के रिव्यू अधिकारी के रूप में उपस्थित थे। उन्होंने आइएमए में अपने प्रशिक्षण को सफलतापूर्वक पूरा करने पर जेंटलमैन कैडेट्स को बधाई दी। जनरल एमएम नरवने, उत्कृष्ट परेड के लिए निर्देश और जेंटलमेन कैडेट्स की सराहना की, समन्वित ड्रिल में युवाओं द्वारा प्रशिक्षण और अनुशासन के उच्च मानकों का संकेत दिया।

समारोह में कोरोना को लेकर सावधानी

पूरे समारोह का आयोजन COVID सावधानियों के साथ किया गया था, जिसमें ड्रिल पुनरावर्ती मूवमेंट को निष्पादित करते समय बीच अपेक्षित दूरी बनाए रखने के लिए अनुकूलित किए गए मास्क, दस्ताने और ड्रिल के रूप धारण करना भी शामिल था। कई मायनों में, यह पासिंग आउट परेड दुनिया भर के सहकर्मी संस्थानों में से एक रही है, क्योंकि प्रत्येक ने खुद को प्रचलित COVID वातावरण के अनुकूल बनाया था।


रिव्यू अफसर बोले

, “मुझे यकीन है, आप अपने देश के राजदूतों के रूप में आईएमए और प्रशिक्षण की शौकीन यादों का एक खजाना वापस ले जाते हैं, जिसे आप जीवन भर संजोते रहेंगे। भारतीय सैन्य अकादमी ने प्रशिक्षण दिया है, जो आपकी वृद्धि के लिए पेशेवर और व्यक्तिगत दोनों के लिए आधार बनेगा, और निश्चित रूप से हमारे देशों के बीच संबंधों को मजबूत करेगा। इस समय के दौरान एक और पहला कदम था, जिसमें पहला कदम यह था कि जेंटलमैन कैडेट अपनी सेना के बहादुर कमीशन अधिकारियों की बिरादरी में शामिल होंगे। ‘पीओपी सेरेमनी’, जो पारंपरिक रूप से जेंटलमेन कैडेट्स के माता-पिता द्वारा किया जाता है, इस बार स्टाफ और प्रशिक्षकों द्वारा सभी सामाजिक दूरी और व्यक्तिगत सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करते हुए किया गया था। इस मौके पर आर्मी ट्रेनिंग कमांड के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, लेफ्टिनेंट जनरल राज शुक्ला भी मौजूद रहे।

इनको मिले सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार…
–स्वोर्ड ऑफ ऑनर का प्रतिष्ठित पुरस्कार आकाशदीप सिंह ढिल्लों
–जेंटलमैन कैडेट के लिए गोल्ड मेडल ऑर्डर ऑफ मेरिट में प्रथम स्थान पर रहे शिव कुमार सिंह चौहान
–जेंटलमैन कैडेट के लिए सिल्वर मेडल ऑर्डर ऑफ मेरिट में दूसरा स्थान साक्षीम राणा
ऑर्डर ऑफ मेरिट में तीसरे स्थान पर रहे जेंटलमैन कैडेट के लिए कांस्य पदक सूरज सिंह

तकनीकी ग्रेजुएट कोर्स से
प्रथम क्रम में जेंटलमैन कैडेट के लिए सिल्वर मेडल भरत योगेंद्र
जेंटलमैन कैडेट के लिए सिल्वर मेडल विदेशी जीसी से मेरिट के क्रम में प्रथम स्थान पर सार्जेंट दोन वान सोन (वियतनाम) को प्रस्तुत किया गया।

883 शहीदों को किया याद

परेड को पहले एकेडमी वार मेमोरियल में एक भव्य माल्यार्पण समारोह से पहले किया गया था जिसमें अकादमी ने अपने 883 शहीदों को याद किया। जिन्होंने वर्षों के माध्यम से राष्ट्र की सेवा में अंतिम बलिदान दिया। सभी ने बहादुरी और निस्वार्थ रूप से उसी रास्ते पर चलने के लिए खुद को प्रतिबद्ध किया ।

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