कोरोना वायरस के चलते डॉक्टरों की छुट्टियों पर रोक
देहरादून। देश में कोरोना वायरस की दस्तक के चलते उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट हो गया है। विभाग ने सभी डॉक्टरों और स्टाफ की छुट्टियों पर रोक लगा दी है।
कोरोना वायरस को लेकर गांधी शताब्दी अस्पताल में जिला स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मंगलवार को दोपहर दो बजे बाद डॉक्टरों और अन्य स्टाफ की बैठक ली । वायरस को लेकर नैनीताल और ऊधमसिंह नगर जिले में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है। सरकारी गैरसरकारी अस्पतालों को पत्र लिखकर आइसोलेशन वार्ड बनाने के निर्देश दिए गय है। कोरोना वायरस को लेकर केंद्र सरकार ने एडवाइजरी जारी की है। एडवाइजरी मिलने के बाद सभी निजी और सरकार को अस्पतालों को पत्र लिखा गया है और आइसोलेशन वार्ड बनाने के साथ ही अस्पताल में एक चिकित्सक को नोडल अधिकारी नामित कर उसका मोबाइल नंबर डिस्पले करने को कहा गया है। अगर किसी मरीज को सांस लेने में परेशानी के साथ ही बुखार और कफ की समस्या है तो उसकी जांच करें। मरीज के कोरोना जैसे लक्षण प्रतीत होने पर गले से लार का सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे। सैंपल जांच के लिए नेशनल सेंटर ऑफ डिजीज कंट्रोल दिल्ली (एनसीडीसी) जाएगा।
वही पिथौरागढ़ जिले के धारचूला, बनबसा, मनकोट, जौलजीवी, झूलाघाट, मनवाकोट सीमावर्ती क्षेत्रों के चेक पोस्टों पर निगरानी के लिए डॉक्टरों की टीमें तैनात की जाएंगी। नेपाल और चीन से आने वाले प्रत्येक यात्री की स्क्रीनिंग की जाएगी। इसके लिए पुलिस अधीक्षक और आईटीबीपी को सहयोग करने के निर्देश जारी किए गए हैं। प्रत्येक जिले के बड़े अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में कोरोना के संदिग्ध मरीजों के उपचार के लिए आईसोलेशन वार्ड बनाने को कहा गया है। वहीं एक एंबुलेंस और इंफेक्शन कंट्रोल की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
गौरतलब है कि पिथौरागढ़ जिला नेपाल की सीमा से जुड़ा है। नेपाल सीमा से कई यात्री भारत आते हैं। इसलिए भी कोरोना वायरस को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की निगरानी के लिए जौलीग्रांट, पंतनगर एयरपोर्ट और पिथौरागढ़ के नैनी सैनी हेलीपैड पर डॉक्टरों की टीमें तैनात की जाएंगी। नेपाल और चीन से आने वाले यात्रियों पर नजर रखी जाएगी। यदि किसी यात्री में बुखार खांसी, जुकाम के लक्षण पाए जाते हैं तो सैंपल जांच के लिए भेजे जाएंगे।
देहरादून मेडिकल कॉलेज में भी आईसोलेशन की सुविधा नहीं है। जबकि स्वास्थ्य विभाग प्रत्येक जिला स्तर पर आईसोलेशन की सुविधा होने का दावा कर रहा है। महानिदेशक का कहना है कि प्रदेश के अधिकतर बड़े अस्पतालों में आईसीयू और आईसोलेशन की सुविधा है। इसके साथ ही विभाग के पास 550 पर्सनल प्रोटेक्शन इक्यूपमेंट (पीपीई) और पर्याप्त मात्रा में दवाईयां उपलब्ध हैं। डॉ. अमिता उप्रेती का कहना है कि वायरस के लक्षण बुखार, खांसी, जुकाम, गले में खराश, सांस लेने में तकलीफ और निमोनिया है। ये लक्षण आमतौर पर सर्दियों के मौसम में मरीजों में होते हैं। जिससे वायरस का पता लगाना मुश्किल है। वायरस का असर पर एक से 15 दिन का रहता है। पांच दिन के बाद ही वायरस के लक्षण का पता लग सकता है। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस से पीड़ित व्यक्ति के संपर्क में आने से दूसरों में फैलता है। रोग से संक्रमित मरीज को खांसते व छींकते समय मुंह और नाक को रुमाल से ढकना चाहिए। बाहर से आने के बाद और खाना खाने से पहले हाथों को साबुन से अवश्य धोएं। अधिक मात्रा में पानी पीएं। कोरोना वायरस से पीड़ित व्यक्ति से हाथ न मिलाएं।
उत्तराखंड में कोरोना वायरस से बचाव को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन ने मुख्य सचिव उत्पल कुमार से वीडियो कांफ्रेंसिंग पर बातचीत की।