प्रवासियों की ट्रेन को लेकर फर्जी शेड्यूल प्रसारित, सचिव बोले सभी को भेजेंगे मैसेज, 11 को सिर्फ बैंगलोर की ट्रेन

-राज्य नोडल अधिकारी सचिव शैलेश बगौली ने स्थिति की साफ, रेलवे ने नहीं दिया कोई इंडिकेशन

-सोशल मीडिया और न्यूज में किसी ने दे दी ट्रेनों को लेकर गलत जानकारी

-वापस आने वाले हर प्रवासी को ट्रेनी आने की सूचना मैसेज और मीडिया से दी जाएगी

वैली समाचार, देहरादून।

उत्तराखंड में देशभर में फंसे प्रवासियों को ट्रेन से लाने में फिर गफलत की स्थिति बन गई। यह स्थिति सोशल मीडिया और प्रमुख समाचारों में प्रचारित किए गए ट्रेन के शेड्यूल से हुआ। इस पर राज्य नोडल अधिकारी एवं परिवहन सचिव शैलेश बगौली को स्थिति स्पष्ट करनी पड़ी। सचिव ने कहा कि सरकार की तरफ से अभी कोई भी ट्रेनों का शेड्यूल जारी नहीं हुआ है। सिर्फ बंगलौर से चलने वाली ट्रेन को लेकर रेलवे ने 11 मई को इंडिकेशन दिया है। फाइनल शेड्यूल मिलने के बाद पंजीकरण कराने वाले सभी प्रवासियों को बलक (एक साथ कई मैसेज) मैसेज भेजे जाएंगे।

राज्य नोडल अधिकारी शैलेश बगौली ने कहा कि लॉक डाउन में फंसे सभी प्रवासियों को सरकार वापस लाएगी। प्रवासी धैर्य बनाये रखें। बसों से लाने का सिलसिला जारी है। ट्रेन से व्यवस्था बनाई जा रही है। रेलवे से लगातार समन्वय बनाया जा रहा है। उन्होंने साफ कि रेलवे जैसे ही ट्रेनें चलाने का इंडिकेशन देता है, उसके बाद सभी प्रवासियों को दर्ज मोबाइल, सोशल मीडिया, न्यूज़ और अन्य प्रचार के माध्यम से मैसेज भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि गलत और भ्रामक सूचना प्रसारित करना गलत है। इससे लॉक डाउन में फंसे लोगों को दिक्कतें हो सकती है। ऐसे में पुष्ट और सही सूचना प्रचारित करें। सचिव ने कहा कि तिथिवार जो शेड्यूल जारी किया गया, वह पूरी तरह से गलत है। अभी तक सिर्फ बैंगलोर से ट्रेन चलाने पर रेलवे से बात हुई है। 11 तारीख का इंडिकेशन दिया गया है। शेड्यूल जारी होने के बाद इसे भी कन्फर्म समझा जाएगा।

पुणे में चल रहा सिर्फ पंजीकरण 

जीआरपी के एसपी आईपीएस मंजू नाथ टीसी ने कहा कि अभी सिर्फ पुणे के लिए पंजीकरण चल रहा है। पुणे में जो लोग फंसे हुए हैं, वह नजदीक के थानों में अपना पंजीकरण जरूर करा लें। यहां से पुणे ऑनलाइन पंजीकरण कराने वालों की सूची भेज दी है। इस सूची और थानों में होने वाले पंजीकरण के बाद जैसे ही 1200 यात्री होंगे, उसके बाद ट्रेन चलाई जाएगी। उन्होंने साफ कहा कि अभी तक लोगों ने बसों का पंजीकरण किया गया है। यह पंजीकरण भी ट्रेन के लिए मान्य होगा बशर्तें थानों में अपनी सूचना देनी होगी । ताकि मेडिकल चेकअप और व्यवस्था बनाने में किसी तरह की असुविधा न हो।

एक लाख 80 हजार ने कराया पंजीकरण

शुक्रवार रात तक विभिन्न राज्यों से 23794 प्रवासियों को उत्तराखण्ड लाया जा चुका है। इनमें हरियाणा से 11482, चण्डीगढ़ से 4838, उत्तर प्रदेश से 3526, राजस्थान से 2409, दिल्ली से 482, पंजाब से 327, गुजरात से 319 और अन्य राज्यों से 411 लोगों का लाया गया है। अभी तक अन्य राज्यों से उत्तराखण्ड आने के लिए 179615 लोगों ने आनलाईन पंजीकरण कराया है। राज्य में एक जनपद से दूसरे जनपद जाने वालों की कुल संख्या 34886 है। अन्य राज्यों को जाने के लिए 21717 लोगों ने आनलाईन पंजीकरण कराया है। इनमें से 6378 लोगों को भेजा जा चुका है।

व्यवस्था के अनुरूप ला रहे प्रवासी

सचिव बगोली ने कहा कि बाहर से प्रवासियों को लाने की प्रक्रिया नियोजित तरीके से होती है। इसमें जिलों में एक दिन में कितने लोगों की व्यवस्था हो सकती है, उसके आधार पर टाईमटेबल बनाया जाता है। उसी के आधार पर लोगों को लाया जा सकता है। जिन लोगों ने भी आने के लिए पंजीकरण कराया है, उन सभी को लाने के लिए राज्य सरकार व्यवस्थाएं कर रही हैं। परंतु इसमें मेडिकल जांच, सोशल डिस्टेंसिंग, क्वारेंटाईन आदि तमाम तरह की सावधानियां भी बरतनी हैं।

 रेलवे को किराये का दिया 50 लाख एडवांस

उत्तराखण्ड के प्रवासी लोगों को लाने के लिए ट्रेन, बस का व्यय उत्तराखण्ड सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है। रेलवे के पास 50 लाख रूपए एडवांस के तौर पर जमा भी कर दिया गया है। अभी तक 8 ट्रेन का अनुरोध किया हुआ है। मीडिया में एक निश्चित दिनांक को ट्रेन चलने की खबर के बारे में पूछे जाने पर श्री बगोली ने बताया कि यह समाचार सही नहीं है। अभी कोई तिथि तय नहीं हुई है। जल्द ही रेल मंत्रालय और संबंधित राज्य सरकार से समन्वय कर ट्रेन से प्रवासियों को लाने का भी टाईमटेबल बना दिया जाएगा।

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