गंगोत्री घाटी की अनाम चोंटी फतह करने पर एनआईएम का नाम लिम्का बुक में दर्ज

2018 में एनआईएम के प्रिंसिपल अमित बिष्ट के नेतृत्व में दल ने फतह की चार अनाम चोंटी

-अभियान के दौरान आठ सदस्यों ने आठ दिन में चार चोटियों पर फहराया था तिरंगा

-पर्यटन विकास परिषद ने भी इस अभियान में दिया था अपना विशेष सहयोग

देहरादून। दुनिया के पर्वतारोहण संस्थानों में शूमार नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (एनआईएम) उत्तरकाशी के नाम एक और उपलब्धि जुड़ गई है। अक्टूबर 2018 में गंगोत्री घाटी की चार अनाम (अननेम्ड) पर्वत पर सफल आरोहण करने पर एनआईएम का नाम लिम्काबुक ऑफ इंडिया 2019 में दर्ज हो गया है। संस्थान की इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर करते हुए प्रिंसिपल अमित बिष्ट ने पूरी टीम को बधाई दी है।

एनआईएम ने अक्टूबर 2018 में उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद (यूटीडीबी) के साथ पर्वतारोहण का संयुक्त अभियान शुरू किया था। इसके गंगोत्री घाटी की अनाम चोंटी चिन्हित की गई थी। 9 से 16 अक्टूबर के बीच संस्थान ने एक के बाद एक कुल चार चोंटी जिनकी ऊंचाई क्रमशः 6566 मीटर , 6557 मीटर, 6126 मीटर और 6086 मीटर पर तिरंगा फहराया था। यह उपलब्धि टीम ने प्रिंसिपल अमित बिष्ट के नेतृत्व में हासिल की थी। अभी तक देश के हिमालयी राज्य में एक साथ चार अनाम चोंटी आरोहण का रिकॉर्ड नहीं था। आईएमएफ के पास भी ऐसा कोई जानकारी नहीं थी। आरोहण के दौरान टीम ने जो जानकारी जुटाई थी, उसे आईएमएफ को भी भेजा गया। जहां से लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड की टीम ने यह जानकारी जुटाते हुए इसका परीक्षण किया। इसके बाद टीम का नाम लिम्का बुक में दर्ज किया गया।एनआईएम के प्रिंसिपल कर्नल अमित बिष्ट में इस उपलब्धि को टीम वर्क बताया। उन्होंनेे कहा कि एनआईएम के नाम लिम्का बुक ऑफ इंडिया की यह पहली उपलब्धि दर्ज हुई है।

कुछ और उपलब्धि का इंतजार

कर्नल अमित बिष्ट ने बताया कि संस्थान के नाम कुछ और उपलब्धि जल्द दर्ज होंगी। इसमें गंगोत्री घाटी की एक और चोंटी भी शामिल है। इसके अलावा वह लिम्का बुक की उपलब्धि को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड के लिए भेजेंगे। ताकि संस्थान का नाम वर्ल्ड के रिकॉर्ड में भी शामिल हो सके।

 

पतंजलि के साथ सितंबर में आरोहण

एनआईएम ने उच्च हिमालयी क्षेत्र में पाई जाने वाली बेशकीमती जड़ी-बूटी को तलाशने की योजना बनाई है। यह अभियान संस्थान पतंजलि के सीईओ आचार्य बालकृष्ण के साथ शुरू करेंगे। कोरोना के चलते अभियान की तैयारी प्रभावित तो हुई, लेकिन स्थिति सामान्य होने पर इस दिशा में काम किया जाएगा। जड़ी बूटी तलाशने के साथ इन अभियान में भी कुछ चोंटी आरोहण करने की योजना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *