हिंदुओं को बचाने बांग्लादेश जाएंगे नागा साधु , अटल अखाड़ा के महंत ने दी चेतावनी
उन्होंने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ मेले में भी संत महापुरुषों के बीच बांग्लादेश के मुद्दे को प्रमुखता से रखा जाएगा। मंहत मधुसूदन गिरी ने कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिन्दूओं पर रहे है अत्याचार को केंद्र सरकार विश्व पटल पर रखे। भगवान शिव व मां गंगा उन्हें सद्बुद्धि प्रदान करें।
कहा कि बांग्लादेश अपने ही नागरिकों की सुरक्षा करने में नाकाम हो रहा है। ऐसी सरकार को सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और विपक्ष के सभी नेताओं को एकजुट होकर हिंदुओं पर अत्याचारों का विरोध करना चाहिए और अंतर्राष्ट्रीय नियमों के अनुसार बांग्लादेश पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाने चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विदेशी नीति के तहत बांग्लादेश पर दबाव बनाना चाहिए। ताकि बंग्लादेश की सरकार के प्रमुख नेताओं को सबक मिल सके।
शीतकालीन चारधाम यात्रा की शुरू करने से पहले स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने चंडी घाट के नमामि गंगे घाट पर गंगा मैया की पूजा अर्चना की। पत्रकारों से वार्ता करते हुए स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार की तीव्र भर्त्सना की।
सरकार को जल्द कड़े कदम उठाकर समूचे विश्व के हिंदुओं और विभिन्न देशों की सरकारों को संदेश देना चाहिए कि दूसरे देशों में रहने वाले हिंदुओं को छूएंगे तो भारत सरकार उन हिंदुओं के साथ खड़ी है। शीतकालीन चारधाम यात्रा पर उन्होंने कहा कि ग्रीष्मकाल के समय में ग्रीष्मकालीन स्थान पर भगवान की पूजा होती है। ऐसे ही शीतकाल में शीतकालीन स्थान पर भगवान की पूजा जारी रहती है।
कपाट बंद होने के बाद भगवान की पूजा बंद नहीं होती है। वर्ष भर चारधाम यात्रा चलती रहती है। भ्रम की स्थिति लोगों में बनी हुई थी कि कपाट बंद होने के बाद चारधाम की पूजा बंद हो जाती है। इस भ्रम को तोड़ने के लिए शीतकालीन चारधाम यात्रा की शुरुआत की गयी है।
बताया कि वह लगातार दूसरे साल शीतकालीन चारधाम यात्रा पर रवाना हो रहे हैं। कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी शीतकालीन चारधाम यात्रा में रुचि ली है। प्रशासन के स्तर पर भी कई व्यवस्थाएं की जा रही है। कहा कि नौ जनवरी को वह कुंभ क्षेत्र में प्रवेश करेंगे। बताया कि कुंभ मेले में गौ प्रतिष्ठा महायज्ञ का आयोजन किया जाएगा। 1800 पंडित, 324 कुंड बना कर पूरे महीने यज्ञ में आहुति देंगे। गौ माता की प्राण और प्रतिष्ठा के लिए यज्ञ किया जाएगा। धर्म संसद का आयोजन किया जाएगा जिससे कुंभ से गो हत्या बंदी और गो प्रतिष्ठा का संदेश जाएं।