उत्तराखंड में क्वारंटाइन जमातियों से नर्सों में ख़ौफ,ड्यूटी करने में जताई असमर्थता
–उत्तराखंड नर्सेज सर्विसेज एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
-क्वारंटाइन सेंटर में पुख्ता नहीं सुरक्षा व्यवस्था, पुरुषों की ड्यूटी लगाने की मांग
-सुधोवाला समेत कई जगह बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर, संक्रमण का बना हुुआ खतरा
देहरादून। उत्तराखंड नर्सेज सर्विसेज एसोसिएशन ने जमातियों के व्यवहार से क्वारंटाइन सेेंटर में ड्यूटी करने में खुद को असुरक्षित महसूस किया है। क्वारंटाइन सेंटर में एक तो संक्रमण से बचाव की पुख्ता व्यवस्था नहीं, ऊपर से जमातियों का व्यवहार ठीक नहीं है।ऐसे में एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखते हुए क्वारंटाइन सेंटर्स में पुरुष स्टाफ की तैनाती करने की मांग उठाई है।
देश के विभिन्न क्वारंटाइन सेंटर्स में तब्लीगी जमात के लोग दुर्व्यवहार पर उतर रखे हैं। दिल्ली में स्टाफ के साथ अश्लीलता और थूकने जैसी हरकते सामने आ चुकी है। दूसरे शहरों में भी जमातियों के कारनामें सामने आ रहे हैं। इसी तरह कुछ उत्तराखंड में भी देखने को मिल रहा है। यही कारण है कि जमातियों की इस हरकत सेे उत्तराखंड की नर्सें भी खुद को असुरक्षित महसूस कर रही हैं। उत्तराखंड नर्सेज सर्विसेज एसोसिएशन का कहना है कि ऐसी जगह पुरुष स्टाफ को लगाया जाए। नर्सों का कहना है कि वहां उनके लिए हैंडवॉश, सेनिटाइजर व पीपीई किट की भी व्यवस्था नहीं है। ऐसे में वह भी संक्रमण की जद में हैं। संगठन ने इस बावत मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को पत्र भेजा है। एसोसिएशन की अध्यक्ष मीनाक्षी जखमोला का कहना है कि जिन क्वारंटाइन सेंटर में पुरुष (कोरोना संदिग्ध) रखे गए हैं वहां महिला स्टाफ नर्सों की ड्यूटी लगाना व्यवहारिक नहीं है। वह भी तब जब देश में कुछ जगह नर्सों से बदसलूकी के मामले सामने आ चुके हैं। बल्कि कई जगह क्वारंटाइन सेंटर में कोरोना संदिग्ध पुरुष, महिला, बच्चे व स्टाफ नर्स एकसाथ हैं। यह भी अनुचित है। नर्सों के लिए खाने, रहने, पानी व सुरक्षा की भी कोई व्यवस्था नहीं है। कई जगह एक ही इमारत में कोरोना संदिग्ध द्वितीय व तृतीय तल पर रखे गए हैं। जबकि स्टाफ निचले तल पर है। कोरोना संक्रमित मरीज ऊपर से थूक रहे हैं। जिससे संक्रमण का खतरा पैदा हो गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि क्वारंटाइन सेंटर में नर्सों को हैंडवॉश, सेनिटाइजर व पीपीई किट भी मुहैया नहीं कराया जा रहा है। ऐसे में यह लोग लगातार संक्रमण की जद में हैं। जखमोला ने कहा कि महिला स्वास्थ्य कर्मियों की ड्यूटी महिलाओं और पुरुषों की पुरुषों के साथ लगाई जा। उन्होंने कहा कि अस्पताल में बीमार मरीजों के साथ वे 24 घंटे ड्यूटी को तैयार हैं। कोरोना संक्रमित मरीज के साथ भी ड्यूटी से उन्हें आपत्ति नहीं है। पर क्वारंटाइन सेंटर में ड्यूटी लगाते वक्त महिला कर्मियों की सुरक्षा का ख्याल रखा जाए। उन्होंने स्वास्थ्य सचिव, स्वास्थ्य महानिदेशक, निदेशक चिकित्सा शिक्षा, जिलाधिकारी व मुख्य चिकित्साधिकारी देहरादून को भी इस बावत पत्र भेजा है।