उत्तराखंड में धार्मिक यात्राओं के लिए बनेगी “धर्मस्व एवं तीर्थाटन
गंगोत्री की यात्रा के दौरान आई थीं दिक्कतें
चारधाम यात्रा में इस बार गंगोत्री की यात्रा के दौरान दिक्कतें आई थीं। इस सबको देखते हुए राज्य में ऐसी परिषद व संस्था गठित करने पर जोर दिया गया, जो वर्षभर राज्य में होने वाली यात्राओं व मेलों का सुव्यवस्थित संचालन करे। इसी क्रम में उत्तराखंड धर्मस्व एवं तीर्थाटन परिषद के गठन दिशा में कदम बढ़ाए गए हैं। प्रस्तुतीकरण के माध्यम से मुख्यमंत्री को बताया गया कि परिषद की तीन समितियां गठित की जाएंगी।
यात्राओं व मेलों के लिए नीतियां निर्धारित करेगी परिषद
वार्षिक कार्ययोजना भी करेगी तैयार
साथ ही वह वार्षिक कार्ययोजना भी तैयार करेगी। अनुसूचित यात्राओं व मेलों के आयोजन, प्रबंधन एवं नियंत्रण का जिम्मा क्रियान्वयन प्रबंधन एवं नियंत्रण समिति के पास रहेगा।
ये यात्राएं होंगी
चारधाम की वहन क्षमता भी आंकलित
बताया गया कि प्रारंभिक तौर पर चारधाम की वहन क्षमता भी आंकलित की गई है। केदारनाथ के लिए 17894, बदरीनाथ के लिए 15088, गंगोत्री के लिए 9016 और यमुनोत्री के लिए 7881 प्रतिदिन की वहन क्षमता आंकलित की गई है।