उत्तराखंड के चर्चित शक्तिमान घोड़े से गणेश को मिली मुक्ति, ये थी पूरी कहानी

वैली समाचार,देहरादून। 

देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर में चर्चित रहे शक्तिमान घोड़े की चर्चा पर फिलहाल कानूनी विराम लग गया है। आज देहरादून के सीजेएम कोर्ट ने कथित रूप से शक्तिमान घोड़े को घायल करने वाले आरोपी विधायक और सरकार में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी को दोषमुक्त कर दिया है। इससे फिलहाल गणेश को शक्तिमान घोड़े से मुक्ति मिल गई है।

उत्तराखंड की राजनीति में शक्तिमान प्रकरण ने वर्ष 2016 में भूचाल ला दिया था। यह प्रकरण दुनियाभर में चर्चित रहा। घटनाक्रम के अनुसार विधानसभा सत्र के दौरान मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस के खिलाफ प्रदर्शन किया था। इस दौरान प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए घुड़सवार पुलिस भी तैनात थी। रिसपनपुल के पास बेरिकेड्स तोड़कर आगे बढ़ रहे लोगों को घुड़सवार पुलिस ने लोगों को रोकना चाहा। इस दौरान धक्का-मुक्की के बीच पुलिस विभाग के शक्तिमान घोड़े की एक टांग टूट गई। जिसके बाद इस मामले का आरोप मसूरी विधायक गणेश जोशी पर लगा था। पूरे मामले ने तूल तब पकड़ा, जब इलाज के दौरान शक्तिमान घोड़े की मौत हो गई। कई दिनों तक यह मामला पक्ष और विपक्ष में हंगामेदार रहा। इस मामले में विधायक जोशी समेत अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा हुआ। जिसके बाद विधायक गणेश जोशी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भी लिया गया था। तब से मामला सीजेएम कोर्ट में लंबित चल रहा था। आज गुरुवार को सीजेएम कोर्ट में इस प्रकरण को लेकर हुई सुनवाई में कोर्ट ने गणेश जोशी के दोष मुक्त करार दे दिया है। कोर्ट के निर्णय का विधायक जोशी ने स्वागत कर राहत की सांस ली है।

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