मुख्यमंत्री पुष्कर धामी से कांग्रेस के दो पूर्व विधायकों ने इसलिए की मुलाकात, पढ़िए पूरी खबर…..

वैली समाचार, देहरादून।

कांग्रेस के दो पूर्व विधायकों के साथ नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की। इस दौरान आपदा से उत्तरकाशी में हुए नुकसान समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई। पूर्व विधायकों ने अपने अपने क्षेत्र की समस्याओं से जुड़े ज्ञापन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंपे। इस दौरान कांग्रेस के पूर्व विधायकों ने मुख्यमंत्री धामी को अपने विधानसभा क्षेत्र की ज्वलंत समस्याओं से अवगत कराते हुए निस्तारण की मांग की। मुख्यमंत्री ने पूर्व विधायकों को उनकी मांगों पर उचित कार्रवाई का भरोसा दिया है। गंगोत्री के पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण ने निम्न समस्याओं के निराकरण की मांग मुख्यमंत्री से की है….कहा कि जनपद उत्तरकाशी के विभिन्न क्षेत्रों में विगत 18 जुलाई से लगातार हो रही बारिश के कारण अतिवृष्टि से जो जनहानि और भारी क्षति हुई है, उससे जनजीवन काफी अस्तव्यस्त हुआ है। लगातार बारिश से हालात अभी भी भयावह हैं। पुन:र्निर्माण/विस्थापन और सुरक्षात्मक कार्यों सहित आपदा के मानकों में परिवर्तन कर प्रभावितों को अधिक से अधिक सहायता मिले उसी परिपेक्ष्य में नेता प्रतिपक्ष केे नेेतृत्व में मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद गंगोत्री के पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण और प्रतापनगर के पूर्व विधायक विक्रम सिंह नेगी ने आपदा प्रभावितों से संदर्भित ज्ञापन सौंपा…..


ज्ञापन में मुख्य रूप से मुख्यमंत्री से मांग की कि:-
◆वर्तमान अतिवृष्टि से जानमाल की क्षति के दृष्टिगत वर्ष 2012-13 की तर्ज पर स्पेशल पैकेज स्वीकृत किया जाए।
◆सभी प्रभावित परिवारों को इकाई मानते हुए राहत/सहायता व प्रतिकर भुगतान किया जाए।
◆2012-13 में तत्समय आवास निर्माण हेतु दिए गए विशेष पैकेज को महंगाई के दृष्टिगत अनुमन्य राशि से बढ़ाकर दिया जाए।
◆प्रभावित ग्रामीण काश्तकारों को तबाह हुई कृषि भूमि का सर्किल रेट के आधार पर भुगतान किया जाए।
◆साड़ा में वैकल्पिक पुल के साथ स्थायी निर्माण भी किया जाए।
◆बाढ़ से क्षतिग्रस्त मोटर पुल, सड़क/संपर्क मार्ग तथा पेयजल लाइनों का कार्य द्रुतगति से करवाया जाए।
◆सड़क विहीन गांवों एवं जिन गांवों का संपर्क सड़क मार्ग से कट गया है उन ग्रामीणों को राशन, सोलर लालटेन, मिट्टी का तेल, गैस सिलेंडर, जरूरी दवाइयां एवं रोजमर्रा की सामग्री को गांव तक पहुंचाकर पारदर्शी वितरण किया जाए।
◆अतिवृष्टि से प्रभावित निराकोट, कंकराड़ी, मांडों, सिरोर एवं सीरी गांव सहित अन्य संवेदनशील गांवों के पुनर्वास/विस्थापन एवं पुनःनिर्माण की ठोस एवं समयबद्ध कार्ययोजना तैयार की जाए।
◆बाढ़ प्रभावित निरकोट, कंकराड़ी, मांडों, सिरोर, एवं सीरी गांव के साथ इंद्रावती नदी से हो रहे कटाव को रोकने के लिए सुरक्षात्मक कार्य करवाने की दीर्घकालिक योजना बनाई जाए।

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