मुख्यमंत्री धामी का कांवड़ यात्रा पर बड़ा फैसला, इसलिए टालनी पड़ी कांवड़ यात्रा
वैली समाचार, देहरादून।
उत्तराखंड में इस बार कांवड़ यात्रा नहीं कराई जाएगी। उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने करीब ढाई घंटे तक अधिकारियों के साथ हुई बैठक के बाद ये फैसला लिया है। हालांकि 30 जून की कैबिनेट बैठक में कांवड़ यात्रा ना कराने को लेकर सरकार पहले ही फैसला ले चुकी थी। इसके बाद राज्य में कांवड़ यात्रा कराने को लेकर चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया था। उधर, यूपी में भी कांवड़ यात्रा को लेकर योगी सरकार ने कसरत शुरू कर दी थी। इसकी औपचारिक घोषणा कर दी गई है। कोरोना की तीसरी लहर की आशंका से अब कांवड़ यात्रा न कराने का फैसला किया गया है।
हरिद्वार कुंभ से लिया बड़ा सबक
हरिद्वार कुंभ में जिस तरह लोगों की भीड़ बढ़ी और पूरे देश में इसकी किरकिरी हुई। इसके बाद कांवड़ यात्रा कराने को लेकर सरकार के प्रयासों को फिर से फजीहत के रूप में देखा जा रहा था। यही नहीं, पर्यटक स्थलों में बढ़ रही लोगों की भीड़ को देखते हुए भी देश भर में स्वास्थ्य एक्सपर्ट चिंता जता रहे हैं। पीएम मोदी भी इस बात को लेकर चिंता जता चुके हैं।
तीसरी लहर की पर्याप्त तैयारी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कांवङ यात्रा के संबंध में सचिवालय में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में कोविड के डेल्टा प्लस वैरियेन्ट के पाये जाने, कोविड की तीसरी लहर की आशंका और देश-विदेश में इसके दुष्प्रभावों पर गहन विचार-विमर्श किया गया। इस संबंध में विशेषज्ञों की राय पर भी विचार किया गया। मनुष्य जीवन की रक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए आगामी काँवड़ यात्रा को स्थगित रखने का निर्णय लिया गया।
डीजीपी को ये दिए निर्देश
मुख्यमंत्री ने सचिव गृह और पुलिस महानिदेशक को यथोचित कार्यवाही करने के निर्देश दिये। यह भी निर्देश दिए कि पड़ोसी राज्यों के अधिकारियों से समन्वय स्थापित करते हुए प्रभावी कार्यवाही हेतु अनुरोध किया जाय, ताकि वैश्विक माहमारी को रोकने में सफल हो सकें। बैठक में मुख्य सचिव डॉ. एस एस संधु, अपर मुख्य सचिव आनंदबर्द्धन पुलिस महानिदेशक श्री अशोक कुमार, सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। हालांकि उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के नए मामले काफी कम हो गए हैं और दैनिक मामले 50 के आसपास हैं।
किसी तरह का रिस्क नहीं लेगी सरकार
इसके बावजूद सरकार अब कोई रिस्क लेने से मूड में नहीं है। पत्रकारों के सवाल पर सीएम धामी ने कहा था कि कांवड़ उत्तराखंड का विषय नहीं, इसमें यूपी हरियाणा दिल्ली भी है। उत्तराखंड मेजवान है। यात्रा दस बीस लाख लोगों का विषय नहीं है। यात्रा श्रद्धा आस्था से जुड़ा विषय है। ध्यान रखना होगा कोरोना न बढ़े। ऐसा न हो कि कोरोना के कारण लोगों की जानमाल को खतरा हो। हमारी पहली प्राथमिकता है कि लोगों की जानमाल सुरक्षित रहे। उत्तराखंड के सीएम ने कहा कि आस्था और श्रद्धा के विषय में भगवान को भी अच्छा नहीं लगेगा कि किसी की जान न जाए।
आईएमए ने पहले ही सीएम को दिया पत्र
चिकित्सकों की संस्था आइएमए भी कांवड़ यात्रा जैसे धार्मिक आयोजनों को लेकर सरकार को चेता चुकी है। उधर, चारधाम यात्रा शुरू कराने के साथ ही कांवड़ यात्रा का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। जहां शुक्रवार को सुनवाई हो सकती है। ऐसे में उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ यात्रा स्थगित करने का फैसला किया है। वहीं, सरकार के पूर्व के फैसले के बाद उत्तराखंड पुलिस भी कांवड़ यात्रा से संबंधित राज्यों की पुलिस के साथ बैठक करके ये बता चुकी थी कि इस बार यात्रा नहीं होगी। साथ ही ये कहा गया था कि वे अपने राज्यों से कांवड़ लेकर उत्तराखंड आने वाले यात्रियों को वहीं रोक दें। साथ ही उन्हें जागरूक करें।