उत्तराखंड के 93 राजकीय उद्यानों को लेकर सरकार ने बनाई ये योजना, नर्सरी एक्ट में अब होगी कार्रवाई

वैली समाचार, देहरादून। 

प्रदेश के कृषि, कृषि विपणन, कृषि प्रसंस्करण, कृषि शिक्षा, उद्यान एवं फलोद्योग एवं रेशम विकास मंत्री सुबोध उनियाल ने विधान सभा में विभागीय समीक्षा बैठक की। बैठक में मंत्री ने निर्देश दिये कि उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण से सम्बन्धित एजेन्डा से सम्बन्धित लम्बित कार्यो को शीध्र पूरा किया जाय। बैठक में नर्सरी एक्ट के सम्बन्ध में शासन के लिए पत्रावली तैयार करने के निर्देश दिये गये। नर्सरी एक्ट उत्तराखण्ड अधिनियम 2020 में प्रकाशित किया गया था। जिसमें फल पौधशाला नियमावली का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है। इसे किसानों को गुणवत्ता युक्त पौध प्राप्त होगा। एक्ट के उल्लंधन पर सजा का प्राविधान होगा।
उद्यान सहायक (माली) केन्द्र, गजा की स्थापना संदर्भ में बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में 382.75 लाख आगणन शासन को प्रेषित किया गया है। जनपद टिहरी गढवाल के गजा नामक स्थान पर माली प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना की जायेगी तथा 06 न्याय पंचायतों एवं टिहरी जनपद के 09 विकासखण्डों के अल्प शिक्षितों को माली प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा। जिनके लिए आवासीय भवन का भी निर्माण किया जायेगा।
राजकीय उद्यानों (बागीचा) के अन्तर्गत 93 बंजर बने बागीचों को 03 श्रेणी में ए बी सी बाॅटा जायेगा। ए श्रेणी को विभागीय स्तर पर बी श्रेणी को शार्ट टर्म लीज एवं सी श्रेणी को लीज पर दिया जायेगा। लम्बित प्रकरण निस्तारण के लिए अपर मुख्य सचिव को निर्देश दिया गया कि इस प्रस्ताव को आगामी कैबिनेट में लाया जाय।
बागवानी उत्पादकों के लिए कोल्ड रूम एवं कोल्ड हाउस हरिद्वार एवं उधमसिंहनगर को छोडकर आई एम ए विलेज में निर्माण हेतु जनपदीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया एवं पूर्व स्थापित अवस्थापना सुविधा का चयन कर प्रस्ताव प्रेषित करने के निर्देश दिये गये। मधुग्राम के संदर्भ में प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये। मधुग्राम के अन्तर्गत एकीकृत आदर्श ग्राम योजना में चयनित ग्रामों में से ही प्रत्येक जनपद के किसी एक न्याय पंचायत का चयन किया जायेगा और न्याय पंचायत क्लस्टर के रूप में 500 लाभार्थीयों को मौनगृह एवं मौनवंश 80 प्रतिशत सब्सिडी दिया जायेगा। इस योजना में 13 जनपदों की 6500 कास्तकारों, मौनपालकों को लाभान्वित किया जायेगा। इस संदर्भ में अपर मुख्य सचिव को वर्षिक व्यय आकलन करते हुए नई मांग प्रस्ताव देने का निर्देश दिया गया।
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना के तहत प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना के प्रगति की जानकारी ली गई। राज्य में प्रोसेसिंग पाॅलिसी बनाने के निर्देश दिये गये। जिससे बाहरी निवेशकों को आमंत्रित किया जा सके और कृषिकों को लाभ दिया जा सके।
मुख्यमंत्री मशरूम विकास योजना की जानकारी ली गई। समूह के माध्यम से अधिकतम लोगों को लाभ दिया जायेगा। जिसमें 20 हजार कृषकों को लाभान्वित किया जायेगा। इस योजना में धनराशि का प्राविधान नही होने पर अनुपूरक बजट में प्राविधान करने के निर्देश दिये। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार, अपर सचिव राम विलास यादव, निदेशक उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण हरविन्दर सिंह बावेजा, निदेशक रेशम विभाग अरविन्द यादव सहित अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद थे।

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