भारतीय विज्ञान संस्थान बैंगलोर से पीएचडी करेंगी दून की मेधा
वैली समाचार, देहरादून।
दून विश्वविद्यालय में बीएससी रसायन विज्ञान (ऑनर्स) की छात्रा मेधा अग्रवाल का दुनिया के सर्वश्रेष्ठ संस्थान यानी भारतीय विज्ञान संस्थान (I.I.Sc.) बैंगलोर में एकीकृत पीएचडी में प्रवेश के लिए हुआ चयन
दून विश्वविद्यालय में रसायन विज्ञान (ऑनर्स) में बीएससी की छात्रा मेधा अग्रवाल को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ संस्थान (यानी, भारतीय विज्ञान संस्थान बैंगलोर) के एकीकृत पीएचडी कार्यक्रम में प्रवेश के लिए चुना गया है। क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2022 के अनुसार, भारतीय विज्ञान संस्थान बैंगलोर (I.I.Sc.) दुनिया का शीर्ष शोध विश्वविद्यालयों में से है। इस रैंकिंग में आई.आई.एससी. बैंगलोर ने 100/100 का स्कोर हासिल किया है। इस मीट्रिक में, I.I.Sc. बैंगलोर ने प्रिंसटन, हावर्ड जैसे वैश्विक शीर्ष विश्वविद्यालयों और यहां तक कि एमआईटी (मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, जो वैश्विक रैंकिंग में टॉपर है) को शीर्ष स्थान पर पछाड़ दिया। इस संस्थान में एकीकृत पीएच.डी. कार्यक्रम में केवल 15-23 सीटें हैं। पूरे देश के छात्रों का सपना होता है कि वे आई.आई.एससी. बंगलौर में पढ़ाई करें। हालांकि, जो केवल भारत के प्रमुख संस्थानों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों से संबंधित होते हैं, वे ही प्रवेश के लिए प्रतिस्पर्धा कर पाते हैं। पिछले 10-15 वर्षों के दौरान, उत्तराखंड राज्य के किसी भी विश्वविद्यालय से संबंधित कोई भी छात्र बैंगलोर स्थित इस संस्थान में प्रवेश के लिए सफल नहीं हुआ है।
मेधा ने जैम (एमएससी के लिए संयुक्त प्रवेश) परीक्षा उत्तीर्ण की और 241 वीं अखिल भारतीय रैंक हासिल की। साथ ही, गेट 2021 (इंजीनियरिंग में स्नातक योग्यता परीक्षा) में 291 वीं अखिल भारतीय रैंक भी हासिल की। JAM एक राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा है जो आई.आई.एससी. बैंगलोर और भारत के विभिन्न आई.आई.टी. द्वारा एमएससी और एकीकृत पीएचडी में प्रवेश के लिए संयुक्त रूप से आयोजित की जाती है। 01 से 250 के बीच शीर्ष रैंक हासिल करने वाले उम्मीदवारों को आई.आई.एससी. बैंगलोर द्वारा साक्षात्कार में उपस्थित होने के लिए आमंत्रित किया जाता है और जिसमें से केवल 15-23 उम्मीदवारों का चयन किया गया है। मेधा 24 मई, 2021 को आई.आई.एससी. बैंगलोर में साक्षात्कार में उपस्थित हुईं और हाल ही में रासायनिक विज्ञान प्रभाग में एकीकृत पीएच.डी. कार्यक्रम में अपने चयन की पुष्टि प्राप्त की। । मेधा बताती हैं कि मेरे लिए यह एक सपने के सच होने जैसी स्थिति थी। वह बहुत खुश और प्रेरित है। उसने अपने प्रोफेसरों को इस बारे में सूचित कर दिया है।
देहरादून की रहने वाली मेधा ने अपनी सीनियर सेकेंडरी कैम्ब्रियन हॉल स्कूल से 93% प्रतिशत के साथ और माध्यमिक शिक्षा द हेरिटेज स्कूल से 94.2% प्रतिशत के साथ पूरी की। उनके पिता भी कैम्ब्रियन हॉल में हाई स्कूल के गणित के शिक्षक हैं। प्रवेश परीक्षा पास करने के बाद, वह 2018 में दून विश्वविद्यालय में बी.एससी रसायन शास्त्र ओनर्स की छात्रा के रूप में शामिल हुईं। उनका कॉलेज जीवन 2 अगस्त, 2018 को उन्मुखीकरण सत्र के बाद शुरू हुआ।
वह बताती है कि वह काफी उत्साहित थी क्योंक मुझे यहाँ बहुत सारे नए लोग मिले और सभी संकाय अध्यापकों ने उसे रसायन विज्ञान के क्षेत्र में सर्वोत्तम व संभावित उन्मुखता प्रदान की। वह कहती हैं कि, “अध्यापकों ने हमेशा मेरे लिए एक मार्गदर्शक के रूप में काम किया। उन्होंने हमें विभिन्न एमएससी प्रवेश परीक्षाओं के बारे में बताया। इसलिए, मेरा पहला सेमेस्टर क्रांति पूर्ण था। फिर, हमारे सेमेस्टर चलते रहे और मैं बहुत कुछ सीख रही थी। इसलिए मैंने जैम (JAM) की तैयारी के बारे में सोचा। जैम का पाठ्यक्रम उन विषयों से काफी सम्बंधित था जो हमें हमारे कॉलेज में पढ़ाए जाते थे। मैं दून विश्वविद्यालय के रसायन विज्ञान विभाग के सभी संकाय सदस्यों को धन्यवाद देना चाहती हूं। उन्होंने मेरा मार्गदर्शन किया। उनके पढ़ाने का तरीका, उनका अनुभव और उन्होंने हर छात्र को अपना सर्वश्रेष्ठ दिया। उनके पाठ्यक्रमों ने न केवल मुझे JAM और GATE वल्कि मेरे द्वारा दिए गये सभी साक्षात्कारों की तैयारी में मेरी मदद की। मैं दून विश्वविद्यालय के पुस्तकालय का भी धन्यवाद देना चाहती हूं। पुस्तकालय ने मुझे सभी संसाधन प्रदान किए। जिसको जिस पुस्तक आवश्यकता होती वह उसे पुस्तकालय में मिल जाती है। अंत में, मैं अपने परिवार के सदस्यों को उनके द्वारा दिए गए अपार समर्थन के लिए धन्यवाद देना चाहती हूं। हर कोई दून विश्वविद्यालय के आदर्श वाक्य “ज्योतिर्वृणीत तमसो विजानन्” का हमेशा पालन करेगा। यदि आप देहरादून के निवासी हैं और आप साइंस की पढ़ाई करना चाहते हैं, तो दून विश्वविद्यालय के अलावा कोई अन्य विश्वविद्यालय ऐसी अंतर्दृष्टि प्रदान नहीं करेगा और यही सत्य है।