रायपुर में बड़ासी पुल की दीवार ध्वस्त, चार इंजीनियरों पर हुई थी कार्रवाई

वैली समाचार, देहरादून। 

देहरादून से वीवीआइपी रूट जौलीग्रांट को जाने वाले रायपुर थानों मार्ग पर बड़ासी पुल निर्माण में डिजाइन की अनदेखी और घटिया गुणवत्ता की पोल खुल गई है। हल्की बारिश से जिस तरह से पुल की दीवार टूट गई, उससे पुल के निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो गए हैं। इधर, इसी रोड पर 2018 में तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के निरीक्षण के दौरान थानों पुल की दीवार धंस गई थी। इसके बाद अधिशासी अभियंता समेत चार इंजीनियरों के खिलाफ न केवल मुकदमा दर्ज हुआ, बल्कि सस्पेंड के बाद बड़ी कार्रवाई हुई थी। इधर, लोनिवि के एचओडी हरिओम शर्मा ने बताया कि अभी पुल की दीवार का एक हिस्सा ढहने की सूचना मिली है। कहा कि कुछ गड़बड़ी रही होगी, तभी दीवार ध्वस्त हुई होगी। कल इस मामले में जांच समेत अन्य बिंदुओं पर निर्णय लिया जाएगा।

 

2018 में रायपुर थानों पुल की दीवार धंसने से तत्कालीन मुख्यमंत्री ने दिए थे जांच के आदेश।

 

रायपुर थाना पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार आज हुई हल्की बारिश से रायपुर थानों मार्ग पर बड़ासी पुल के एक कोने का पुस्ता टूट गया है। इससे पुल पर बड़ी गाड़ी जाने के लिए मार्ग अवरुद्ध हो गया। छोटी कार के लिए मार्ग खुला हुआ है। मौके पर चौकी प्रभारी मालदेवता समेत पुलिस फोर्स तैनात कर दी है। इधर, 2018 में तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के निरीक्षण के दौरान थानों पुल की दीवार धंसने और दरारें उभरने पर जांच के आदेश दिए थे। मुख्यमंत्री की जांच के बाद चार अभियंताओं को निलंबित करने के बाद मुकदमें की कार्रवाई हुई थी। इस मामले में शासन की तकनीकी में सामने आए इस तथ्य को बेहद गंभीरता से लिया है कि बगैर स्ट्रक्चरल डिजाइन के ही पुल का निर्माण कर दिया गया। पुल की दबाव झेलने की क्षमता मानकों से आधी भी नहीं रह गई थी। अब नई दीवार टूटने से थानों के बाद बड़ासी पुल फिर विवादों में आ गया है। यदि इस पुल की भी जांच हुई तो घटिया गुणवत्ता सामने आएगी। बहरहाल एक के बाद एक पुल निर्माण की गुणवत्ता की पोल खुलने से करोड़ों की लागत से हो रहे निर्माण में भ्र्ष्टाचार से भी इंकार नहीं किया जा सकता है।

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