उत्तराखंड में तबादलों के बीच स्थानांतरण सत्र शून्य, सीएस ने जारी किया आदेश

वैली समाचार, देहरादून। 

उत्तराखंड में वन महकमे में समेट शासन स्तर पर हाल ही में हुए तबादलों के बीच सरकार ने एक बार फिर स्थानांतरण सत्र शून्य घोषित कर दिया है। सरकार के इस आदेश से साफ है कि इसके बाद अब किसी भी तरह के तबादले नहीं होंगे। इधर, कुछ समय हुए पुलिस और अन्य विभागों के तबादलों पर सरकार ने रोक लगा रखी है। अब सत्र शून्य होने पर ऐसे तबादलों को लेकर भी स्थिति स्पष्ट नहीं है। जिससे अनिवार्य तबादलों के चलते कई कार्मिकों की चिंता बढ़ गई है।

उत्तराखंड में इस बार भी तबादला सत्र पर कोरोना का असर पड़ गया है। सरकार ने 2021-22 का स्थानांतरण सत्र शून्य घोषित कर दिया है। इस संबंध में मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने आदेश जारी कर दिए हैं। कोरोना महामारी के बढ़ते मामलों के चलते सरकार को ये निर्णय लेना पड़ा। आदेश में कहा गया है कि उत्तराखंड लोक सेवकों के वार्षिक स्थानान्तरण अधिनियम, 2017 प्राविधानों के अन्तर्गत प्रत्येक वर्ष सरकारी अधिकारियों वकर्मचारियों के स्थानान्तरण किये जाने की व्यवस्था की गई है। इस संदर्भ में वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए शासनादेश संख्या-44(1]xxx-2/2021/30 (11) 2018 दिनांक 19.02.2021 के तहत वित्तीय दृष्टिकोण से प्रत्येक संवर्ग के 10 प्रतिशत अथवा चुनावी आचार संहिता के अनुरूप वांछित स्थानान्तरण किये जाने के निर्देश दिये गये थे।
मुख्य सचिव के मुताबिक वर्तमान में राज्य में कोविड-19 के संक्रमण में अप्रत्याशित वृद्धि होने के दृष्टिगत राज्य के अधिकांश जिले कोविड कर्फ्यू की स्थिति में है। उपरोक्त परिस्थिति में राज्य की आर्थिक गतिविधियां बन्द होने के कारण राज्य की अर्थव्यवस्था पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। कोविड-19 महामारी घोषित है। ऐसी दशा में कार्मिकों का एक स्थान से दूसरे स्थान पर यात्रा आदि किये जाने पर संक्रमण फैलने की आशंका बनी रहेगी।

 

जरूरी हुआ तो इस नियम में मिलेगी छूट

मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने आदेश में कहा कि “अतः कार्मिक विभाग के उक्त शासनादेश दिनांक 19.02.2021 को अतिक्रमित करते हुए यह निर्देश दिए गए हैं कि जिन सेवाओं में स्थानान्तरण अधिनियम, 2017 के प्राविधान लागू हैं, उन सेवाओं के लिए (निर्वाचन आचार संहिता एवं प्रशासनिक कारणों को छोड़कर) वर्तमान स्थानान्तरण सत्र 2021-22 को शून्य किया जाता है। साथ ही कहा कि स्थानांतरण अधिनियम से आच्छादित किसी अधिकारी व कर्मचारी या विभाग को किसी प्रकार की कठिनाई होने पर अधिनियम की व्यवस्था के अनुरूप धारा-27 के तहत कठिनाइयों के निराकरण के लिए औचित्यपूर्ण प्रस्ताव स्थानांतरण समिति के विचारार्थ कार्मिक विभाग को उपलब्ध कराया जा सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *