कपकोट क्षेत्र में कोरोना की विपदा में देवदूत की भूमिका निभा रहे पूर्व आईजी
–कंटेन्मेंट ज़ोन बने सूपी गांव में दवा, राशन जैसी जरूरी सामग्री करा रहे उपलब्ध
-वैक्सीन और दूसरे कार्यों में तैनात सरकारी कर्मचारियों को उपलब्ध करा रहे भोजन
-कपकोट के दुर्गम गांव तक पहुंचा रहे जीवन रक्षक दवा और जरूरी मदद
वैली समाचार, बागेश्वर।
कोरोना की विपदा में अनुसूचित जनजाति आयोग के उपाध्यक्ष और पूर्व आईजी जीएस मर्तोलिया कपकोट के दुर्गम इलाकों के लिए देवदूत बने हुए हैं। पूर्व आईजी अपनी पेंशन से यहां लोगों को न केवल जरूरी खाद्य सामग्री उपलब्ध करा रहे, बल्कि कोरोना और वॉयरल बुखार से पीड़ित ग्रामीणों को जीवन रक्षक दवा भी उपलब्ध करा रहे हैं। इसके लिए क्षेत्र के युवाओं की टीम को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
यूं तो पूर्व आईजी पिछले साल से कपकोट, पिंडर घाटी के दुर्गम गांव में मदद को आगे आये हैं। लेकिन इस बार विकराल कोरोना संक्रमण और वॉयरल बुखार में वह दवा, राशन, पक्का हुआ भोजन, पीने का पानी जैसी जरुरी सामग्री गांव गांव उपलब्ध करा रहे हैं। सूपी गांव को कोरोना संक्रमण पर कंटेन्मेंट ज़ोन बनाने पर वहां के करीब 135 परिवार को राशन, दैनिक उपयोगी सामग्री, मास्क, सेनेटाइजर आदि उपलब्ध करा रहे हैं। यहां स्थानीय युवा सुंदर और अन्य युवाओं की मदद से गांव गांव दवाई, मास्क, सेनेटाइजर भेज रहे हैं।
पूर्व आईजी जीएस मर्तोलिया बताते हैं कि पिछले साल से वह कोरोना काल में पिथौरागढ़, बागेश्वर के दुर्गम इलाकों में जरूरतमंद की मदद कर रहे हैं। इस बार कोरोना संक्रमण विकराल होने पर कई गांव कंटेन्मेंट जोन बने हुए हैं। ऐसे में इन गांव में स्थानीय डॉक्टरों की सलाह पर बुखार की दवा, विटामिन और सरकार द्वारा अधीकृत दवा आइवर्मेटिन आदि उपलब्ध करा रहे हैं। इधर, पूर्व आईजी की मदद पर स्थानीय लोग उनका आभार जता रहे हैं। ग्रामीणों के आभार जताने वाले कई वीडियो सोशल मीडिया में वॉयरल हो रहे हैं।बहरहाल उत्तराखंड पुलिस के पूर्व आईजी और वर्तमान में अनुसूचित जनजाति आयोग में उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे जीएस मर्तोलिया कपकोट बागेश्वर के ग्रामीणों की मदद में देवदूत की भूमिका निभा रहे हैं। काश अन्य सेवानिवृत्त अधिकारी और नेता भी इस तरह से मदद को आगे आएं तो जरूरतमंद को इस विपदा में इधर उधर नहीं भटकना पड़ेगा।